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दो देशों ने साइन किया Crypto Agreement, भारत की स्थिति जाने

Updated 12-Mar-2025 By: Rohit Tripathi
दो देशों ने साइन किया Crypto Agreement, भारत की स्थिति जाने

लैटिन अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। El Salvador और Paraguay ने हाल ही में एक Crypto Agreement पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य डिजिटल एसेट्स, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल इंक्लूजन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है। यह समझौता लैटिन अमेरिका में क्रिप्टो के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है, वहीं भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्थिति अभी भी अस्पष्ट है। इस आर्टिकल में हम इन दोनों देशों के समझौते और भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति पर चर्चा करेंगे।

El Salvador और Paraguay का Crypto Agreement

El Salvador पहला ऐसा देश है जिसने Bitcoin को लीगल टेंडर के रूप में अपनाया था। El Salvador ने 2021 में बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में अपनाया था। President Nayib Bukele की अगुवाई में, इस देश ने क्रिप्टोकरेंसी को अपने फाइनेंशियल सिस्टम में इंटीग्रेट करने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिनमें Bitcoin City का निर्माण,  "Bitcoin Bonds" और National Bitcoin Office की स्थापना जैसे इनिसिएटिव शामिल है, जिससे यह देश Global Crypto Adoption का समर्थक बन गया।

वहीं, Paraguay अपनी ह्यूज हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर रिसोर्सेज के लिए जाना जाता है, Bitcoin mining और Blockchain Innovation के लिए संभावित हब के रूप में उभर रहा है। Paraguay ने अभी तक बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में नहीं अपनाया है, लेकिन देश में क्रिप्टो डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर विचार किया जा रहा है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग और व्यापार में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और लैटिन अमेरिका के अन्य देशों के लिए एक मॉडल स्थापित होगा।

समझौते के तहत कुछ प्रमुख पहलू निम्नलिखित हैं:

  1. रेगुलेटरी कॉपरेशन: दोनों देशों के बीच रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए जानकारी और बेस्ट प्रैक्टिस का आदान-प्रदान होगा।

  2. फाइनेंशियल इंक्लूजन: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बैंकों से बाहर रहने वाली आबादी के लिए फाइनेंशियल सर्विसेज की पहुंच बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।

  3. Bitcoin Mining और ऊर्जा का उपयोग: Paraguay की रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग Bitcoin Mining के लिए किया जा सकता है, जो स्थायी ब्लॉकचेन सॉल्यूशन की दिशा में एक कदम होगा।

  4. डिजिटल ट्रांजेक्शन और एजुकेशन: दोनों देशों के बीच क्रिप्टो-आधारित ट्रांजेक्शन को सुगम बनाने के साथ ही ब्लॉकचेन एजुकेशन और रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के मामले में स्थिति अभी भी अस्पष्ट है। सरकार ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े संदिग्ध लेन-देन पर कड़ी निगरानी रखने का संकेत दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी जांच एजेंसियों को क्रिप्टोकरेंसी के अवैध लेन-देन की फोरेंसिक जांच करने के निर्देश दिए हैं। बता दे कि 2020 से 2024 तक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों में 45% तक वृद्धि हुई है, और 2023 तक इन अपराधों से होने वाली हानि 5.6 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी थी।

इसके बावजूद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों की संख्या लगभग 5 करोड़ तक पहुंच चुकी है और सरकार अब इस क्षेत्र में नियंत्रण लागू करने पर विचार कर रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर सरकार गंभीर है और इसे लेकर कई निर्णय लिए जा सकते हैं। हालाँकि अभी भी भारतीय यूजर्स के मन में यह सवाल है कि क्या भारत सरकार Crypto Ban करेगी या इसे रेगुलेटरी के दायरे में लाकर टैक्स में थोड़ी राहत दी जाएगी।

कन्क्लूजन

El Salvador और Paraguay का Crypto Agreement लैटिन अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। साथ ही यह दो देशों के बीच डिजिटल एसेट्स और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक मजबूत साझेदारी को प्रेरित करता है। वहीं, भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, और सरकार इस पर कड़े कदम उठाने के लिए तैयार है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य देशों के साथ क्रिप्टोकरेंसी स्पेस में भारत कब सक्रिय कदम उठाएगा।

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