भारत के डिजिटल भुगतान सिस्टम के लिए एक बड़ा अपडेट सामने आया है। Reserve Bank of India ने बताया है कि देश का लोकप्रिय पेमेंट प्लेटफॉर्म UPI अब यूरोप के TIPS System से जुड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह लिंक बनने के बाद India और यूरोप के बीच पैसे भेजना और लेना पहले से कहीं आसान और तेज़ हो जाएगा। अभी तक इंटरनेशनल पेमेंट में ज्यादा फीस और समय लगता था, लेकिन नई व्यवस्था इस परेशानी को काफी हद तक कम कर सकती है।

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रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन और यूरोप के केंद्रीय बैंक के बीच इस प्रोजेक्ट पर काफी समय से बातचीत चल रही थी। कई मीटिंग और टेक्निकल डिस्कशन के बाद अब सभी आर्गेनाइजेशन इस काम को आगे बढ़ाने की स्टेज में पहुंच चुकी हैं। इसका मतलब यह है कि अब असल में टेक्निकल तैयारी, सिक्योरिटी चेक और सिस्टम जोड़ने का काम शुरू किया जाएगा।
UPI और TIPS को जोड़ना आसान काम नहीं है, क्योंकि दोनों क्षेत्रों के बैंकिंग सिस्टम अलग तरीके से काम करते हैं। ऐसे में सुरक्षा, फ्रॉड रोकने की टेक्नोलॉजी और ट्रांज़ैक्शन के नियमों को सही तरीके से मिलाना जरूरी है। यही वह स्टेज है जिस पर अब काम शुरू होता दिखाई दे रहा है।
हाल ही में RBI Deputy Governor ने UPI को आसान बनाने की घोषणा भी की थी। रिज़र्व बैंक ने कहा कि यह कदम G20 देशों की उस योजना के अनुरूप है जिसमें सीमा पार पेमेंट को आसान, सस्ता और सुरक्षित बनाने की बात कही गई है। भारत पहले ही डिजिटल पेमेंट में दुनिया से कई कदम आगे है और अब इंटरनेशनल लेवल पर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन की इंटरनेशनल यूनिट NIPL भारत के भुगतान सिस्टम को विदेशों में बढ़ाने का काम करती है। इसी वजह से आज भारतीय यात्री कई देशों में UPI का उपयोग कर पाते हैं। सिंगापुर, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, कतर, फ्रांस और कुछ अन्य देशों में भारतीय लोग मोबाइल से स्कैन करके Payment कर सकते हैं। इन देशों में UPI को काफी पॉजिटिव रिस्पांस मिला है।
अब यूरोप जैसा बड़ा क्षेत्र UPI से जुड़ने जा रहा है, जो भारत की डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
यूरोप का TARGET Instant Payment Settlement यानी TIPS, एक ऐसा System है जो Euro वाले देशों में तुरंत Payment की सुविधा देता है। अगर कोई यूरोप में पैसा भेजता है तो वह सेकंडों में सामने वाले के अकाउंट में पहुंच जाता है। इस सिस्टम को यूरोपीय सेंट्रल बैंक और कई देशों की Banks मिलकर चलाती हैं।
अब इसी सिस्टम को भारत के UPI से जोड़ने की तैयारी की जा रही है, जिससे दोनों क्षेत्रों के लोगों को Seamless यानी बेहद आसान अनुभव मिलेगा।
UPI-TIPS लिंक के शुरू होने के बाद भारत और यूरोप के बीच पैसे भेजने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। अभी कई बार Payment 1-2 दिन में पूरा होता है और फीस भी ज्यादा देना पड़ता है। नई व्यवस्था इन दोनों समस्याओं को हल कर देगी। विद्यार्थियों, नौकरी करने वालों और ट्रेडर्स के लिए यह सुविधा बहुत उपयोगी साबित होगी।
जो भारतीय यूरोप में घूमने या काम के लिए जाते हैं, उन्हें भी इस लिंक से लाभ मिलेगा। उन्हें हर दुकान या सर्विस के लिए कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे अपनी मोबाइल ऐप से QR स्कैन करके तुरंत भुगतान कर सकेंगे। इससे नकद रखने की जरूरत कम होगी। पिछली खबरों के अनुसार, यह भी सामने आया था की Pi Network भी UPI जैसा पेमेंट सिस्टम लाएगा। जिससे यह वर्ल्ड में ट्रांज़ैक्शन के लिए स्वीकार किया जाए।
UPI को दुनिया का सबसे तेज़ और भरोसेमंद डिजिटल भुगतान सिस्टम माना जाता है। भारत में इसका उपयोग करोड़ों लोग रोज़ाना करते हैं। अब इसे यूरोप के भुगतान सिस्टम के साथ जोड़ने से न सिर्फ भारतीयों को फायदा होगा, बल्कि यूरोप में रहने वाले लोग भी इंडियन अकाउंट्स में तुरंत पैसा भेज सकेंगे। इससे दोनों क्षेत्रों के लोगों को सुविधा और समय की बचत होगी।
आने वाले महीनों में टेक्निकल टेस्ट, सिक्योरिटी चेक और सिस्टम जोड़ने का काम पूरा किया जाएगा। जब लिंक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, तब भारत और यूरोप दोनों जगह के यूजर्स तुरंत भुगतान का फायदा उठा सकेंगे।
डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री में मेरे 7 साल के अनुभव के आधार पर, UPI–TIPS इंटरलिंकिंग एक गेम-चेंजर कदम है। इससे भारत की पेमेंट टेक्नोलॉजी को ग्लोबल लेवल पर मजबूत पहचान मिलेगी। यह मॉडल क्रॉस-बॉर्डर ट्रांज़ैक्शन की कॉस्ट को कम करेगा और इंटरनेशनल पेमेंट को रियल टाइम में बदलने की दिशा में बड़ा योगदान देगा।
कन्क्लूजन
भारत का UPI और यूरोप के TIPS सिस्टम का जुड़ाव इंटरनेशनल पेमेंट को नई दिशा देगा। यह न केवल स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और यात्रियों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि दोनों क्षेत्रों में पैसे भेजने की स्पीड और कॉस्ट को बेहतर बनाएगा। RBI, NPCI और यूरोपीय बैंकिंग आर्गेनाइजेशन का सहयोग भविष्य में ग्लोबल पेमेंट नेटवर्क को और मजबूत कर सकता है। यह कदम भारत की डिजिटल भुगतान क्षमता को दुनिया में और ऊंचाई पर ले जाएगा।
डिस्क्लेमर – इस आर्टिकल में दी गई जानकारी उपलब्ध ऑफिशियल घोषणाओं और रिलाएबल सोर्स पर बेस्ड है। यह किसी फाइनेंशियल एडवाइजर के रूप में ना समझा जाए। किसी भी डिसीजन से पहले संबंधित आर्गेनाइजेशन की ऑफिशियल जानकारी या एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।
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