जब कोई नया ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट बनाया जाता है, तो शुरुआत में उसका हर फ़ीचर सिर्फ़ कोड में मौजूद होता है यानी टेक्निकली वह विचार, डिज़ाइन और सिमुलेशन के लेवल पर होता है। लेकिन जैसे ही उस सिस्टम को रियल वर्ल्ड में ट्रांज़ैक्शन करने के लिए पब्लिकली लॉन्च किया जाता है, वह Mainnet कहा जाता है।
Mainnet वह स्टेज है जहां एक Blockchain पूरी तरह फ़ंक्शनल होती है, जिसमे टोकन का ट्रांसफर किया जा सकता है, Smart Contracts एक्सिक्यूट होते हैं और डाटा को हमेशा के लिए रिकॉर्ड किया जाता है। Mainnet लॉन्च ही यही वह समय होता है जब कोई ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट वास्तव में लाइव होता है।
इसका मतलब है Main Network, मतलब एक ऐसा ब्लॉकचेन नेटवर्क जो पूरी तरह एक्टिव हो और जिसे रियल यूज़र्स द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा हो। जैसे, Bitcoin Main Network वह नेटवर्क है जिस पर हम रियल बिटकॉइन भेजते और रिसीव करते हैं। वहीं Ethereum Main Network पर लाखों स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट हर दिन डिप्लॉय और एक्सिक्यूट होते हैं।
इस नेटवर्क की पहचान इन विशेषताओं से होती है:
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का मूल उद्देश्य होता है, ट्रस्टलेस, ओपन और डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम बनाना जिसमें थर्ड पार्टी मिडलमैन की ज़रूरत न हो। लेकिन यह तभी संभव है जब वह सिस्टम रियल यूज़ के लिए लाइव हो। यहीं पर इसकी भूमिका शुरू होती है।
यह एक तरह से उस भरोसे की नींव है, जिस पर पूरा प्रोजेक्ट टिका होता है। यह दिखाता है कि प्रोटोकॉल केवल कांसेप्ट नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल रूप से काम कर रहा है।
| Testnet | Mainnet | |
| उद्देश्य | टेस्टिंग और डेवलपमेंट | रियल वर्ल्ड में यूज़ |
| टोकन वैल्यू | डमी / कोई वैल्यू नहीं | रियल / मॉनेटरी वैल्यू |
| डाटा | टेस्ट डाटा | रियल डाटा |
| नेटवर्क सिक्योरिटी | लिमिटेड | हाईएस्ट लेवल की सिक्योरिटी |
| उदाहरण | Ethereum Goerli, Sepolia | Ethereum mainnet |
Testnet एक Blockchain Testing Environment होता है, जहां नए फीचर, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट, या अपडेट को पहले टेस्ट किया जाता है। एक बार जब सिस्टम सफलतापूर्वक टेस्ट हो जाए, तभी उसे मैननेट पर डिप्लॉय किया जाता है। Testnet के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए।
जब कोई किसी एप्लीकेशन का Smart Contract Mainnet पर डिप्लॉय होता है, तो इसका मतलब होता है कि वह कोड अब रियल यूज़र्स के लिए लाइव हो चुका है। इसमें कुछ अहम बातें शामिल होती हैं:
इसलिए Smart Contract Mainnet Deployment एक बहुत इम्पोर्टेन्ट प्रोसेस होती है, जिसमें टेस्टिंग, ऑडिट और रिव्यू की पूरी सीरीज शामिल होती है।
कोई भी ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट सीधे मैननेट पर नहीं जाता। इसके लिए कई स्टेप्स से गुजरना होता है:
किसी भी ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट के लिए यूज़र का भरोसा तभी बनता है जब वह Mainnet पर लाइव हो जाता है और उसका टोकन या एप्लिकेशन वास्तविकता में काम करना शुरू कर देता है।
उदाहरण के लिए जब कोई नया टोकन केवल टेस्टनेट पर मौजूद होता है, तो इन्वेस्टर्स उसमें इंटरेस्ट नहीं लेते हैं। लेकिन जैसे ही वह Blockchain लाइव हो जाती है, लोग उसकी वैल्यू और यूज़ेबिलिटी को सीरियसली लेने लगते हैं। इस तरह से यही वह स्थिति है जब किसी ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट का आइडिया रियलिटी में बदलता है।
क्या सभी प्रोजेक्ट्स को Mainnet की ज़रूरत होती है?
नहीं, ज़रूरी नहीं कि हर प्रोजेक्ट अपना खुद का Mainnet बनाए। कई प्रोजेक्ट्स Ethereum, Solana या Binance Smart Chain जैसे पहले से मौजूद Mainnet पर अपना dApp डिप्लॉय कर देते हैं।
लेकिन अगर कोई प्रोजेक्ट अपनी खुद की चेन बनाना चाहता है तो उसके लिए Mainnet बनाना ज़रूरी हो जाता है।
इसे लॉन्च करना आसान नहीं होता, इसमें कुछ बड़ी चुनौतियाँ आती हैं:
इन्हीं वजहों से ब्लॉकचेन डेवलपर्स इसके लॉन्च से पहले महीनों तक टेस्टिंग और ऑडिट पर मेहनत करते हैं।
Mainnet लॉन्च किसी ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट की सबसे अहम मंज़िल होती है, यह वो समय होता है जब एक आइडिया वास्तविकता में बदलकर एक सिस्टम का रूप लेता है और रियल वर्ल्ड में काम करने लगता है। यह न सिर्फ़ टेक्नोलॉजी की वैलिडिटी को साबित करता है, बल्कि यूज़र्स और इन्वेस्टर्स के बीच भरोसे की नींव भी रखता है।
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