Tokenized Stocks

Citadel और DeFi नियमों को लेकर आमने-सामने, Tokenized Stocks पर विवाद

Tokenized Stocks पर भिड़े Citadel और DeFi, नियमों को लेकर बहस तेज


अमेरिका में Tokenized Stocks Trading को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। यह बहस DeFi यानी Decentralized Finance से जुड़े संगठनों और बड़ी ट्रेडिंग कंपनी Citadel Securities के बीच है। मामला तब गरमाया जब Citadel ने अमेरिकी रेगुलेटर SEC से कहा कि DeFi प्लेटफॉर्म्स पर सख्त नियम लगाए जाएं। DeFi आर्गेनाइजेशन्स का कहना है कि यह सोच DeFi के काम करने के तरीके को सही से नहीं समझती और इससे नई टेक्नोलॉजी को नुकसान हो सकता है।

Tokenized Stocks

Source: यह इमेज Coin Bureau की X पोस्ट से ली गई है जिसके लिंक यहां दी गई है। 


Tokenized Stocks पर विवाद की शुरुआत कैसे हुई


2 दिसंबर 2025 को Citadel Securities ने SEC को एक पत्र लिखा। इस पत्र में Citadel ने कहा कि Tokenized U.S. Stocks की ट्रेडिंग करने वाले कई DeFi प्लेटफॉर्म असल में शेयर मार्केट जैसे ही काम करते हैं। कंपनी के अनुसार, अगर इन प्लेटफॉर्म्स पर वही नियम लागू नहीं हुए जो ट्रेडिशनल शेयर मार्केट पर होते हैं, तो निवेशकों की सुरक्षा कमजोर हो सकती है।


Citadel को किस बात की चिंता है


Citadel का कहना है कि Blockchain पर चलने वाले शेयरों में कई जोखिम हैं। कंपनी को Liquidity यानी खरीद बिक्री की गहराई, Settlement यानी ट्रांज़ैक्शन पूरा होने की प्रोसेस और Transparency को लेकर चिंता है। Citadel ने यह भी कहा कि कुछ DeFi सिस्टम ऐसे हैं जहां पैसे देने लेने वाले नियमों से बच सकते हैं। कंपनी चाहती है कि Tokenized Shares पर भी वही नियम हों जो सामान्य शेयरों पर लागू होते हैं, ताकि मार्केट सुरक्षित रहे।


DeFi Organizations ने क्या जवाब दिया


Citadel के पत्र के बाद कई बड़े DeFi और Crypto आर्गेनाइजेशन एक साथ सामने आए। इनमें DeFi Education Fund, Andreessen Horowitz, The Digital Chamber और Uniswap Foundation शामिल हैं। इन सभी ने SEC को एक जॉइंट लेटर भेजा। उनका कहना है कि Citadel ने DeFi सिस्टम को गलत तरीके से समझा है। DeFi समूहों के अनुसार, डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम को पुराने फाइनेंस नियमों से नहीं चलाया जा सकता।


DeFi सिस्टम क्यों अलग तरीके से काम करता है


Decentralized Finance आर्गेनाइजेशन्स का कहना है कि Tokenized Stocks Trading का तरीका पूरी तरह अलग है। यहां Smart Contracts काम करते हैं और ट्रांज़ैक्शन सीधे User से User के बीच होता है। इसमें कोई एक कंपनी या संस्था लोगों के पैसे को अपने पास नहीं रखती। यूजर खुद अपने फंड को कंट्रोल करता है। ऐसे में Broker या Exchange के लिए बनाए गए नियम यहां लागू करना सही नहीं है। 


Tokenized Stocks पर सख्त नियमों से नए प्रयोग पर खतरा


DeFi से जुड़े लोगों को डर है कि Tokenized Stocks पर अगर बहुत सख्त नियम लगाए गए, तो नए प्रयोग रुक सकते हैं। Decentralized Finance में 24 घंटे ट्रेडिंग और तुरंत Settlement जैसे फायदे हैं। पुराने नियम इन फायदों को खत्म कर सकते हैं। कुछ डेवलपर्स का कहना है कि ज्यादा रोक टोक होने पर प्रोजेक्ट अमेरिका छोड़कर दूसरे देशों में जा सकते हैं। 


इस मामले में SEC की क्या भूमिका है


यह बहस ऐसे समय में हो रही है जब SEC खुद यह तय करने की कोशिश कर रही है कि नई टेक्नोलॉजी के साथ कैसे चला जाए। SEC के चेयर Paul Atkins पहले कह चुके हैं कि एजेंसी नई टेक्नोलॉजी को रोकना नहीं चाहती, बल्कि उसे नियमों के दायरे में लाना चाहती है। Tokenization को मार्केट के लिए फायदेमंद माना जा रहा है, लेकिन इसके लिए सही नियम बनाना जरूरी है। 


Crypto Community की राय


Crypto Analyst Walter Peppenberg का कहना है कि Citadel का मकसद निवेशकों की सुरक्षा नहीं, बल्कि अपना बिज़नेस बचाना है। उनके अनुसार DeFi बीच के लोगों को हटाकर सीधी ट्रेडिंग देता है, जिससे बड़ी कंपनियों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल Crypto और DeFi के लिए ज्यादा पॉजिटिव है, इसलिए पुरानी कंपनियां दबाव में हैं।


Citadel का पक्ष और आगे क्या हो सकता है


Citadel ने आलोचना के बाद भी अपना रुख नहीं बदला है। कंपनी का कहना है कि वह नई टेक्नोलॉजी के खिलाफ नहीं है, लेकिन निवेशकों की सुरक्षा सबसे जरूरी है। Citadel के अनुसार, अगर DeFi को ज्यादा छूट दी गई तो जोखिम बढ़ सकते हैं। अब फैसला SEC और Policy बनाने वालों के हाथ में है। आने वाले समय में जो नियम बनेंगे, वही Tokenized Markets का भविष्य तय करेंगे।


पिछले 7 सालों में Crypto और Blockchain को करीब से देखने के अनुभव से मैं कह सकती हूँ कि Tokenized Stocks को लेकर चल रहा यह विवाद टेक्निकल नहीं, सोच का है। Decentralized Finance को पुराने नियमों में बांधना वैसा ही है जैसे इंटरनेट को डाक नियमों से चलाना। सही रास्ता यही है कि नियम टेक्नोलॉजी के साथ डेवलप हों, न कि उसे रोकें।


कन्क्लूजन 


Citadel और DeFi के बीच यह टकराव दिखाता है कि Tokenized Stocks को लेकर सोच कितनी अलग है। जहां Citadel पुराने नियमों को जरूरी मानता है, वहीं Decentralized Finance नई टेक्नोलॉजी के अनुसार नियम चाहता है। यह बहस केवल नियमों की नहीं, बल्कि फाइनेंस के भविष्य की दिशा तय करने वाली है। आने वाले समय में SEC का फैसला यह तय करेगा कि अमेरिका में Tokenized Markets कैसे आगे बढ़ते हैं और किस दिशा में डेवलप होते हैं।


डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ केवल जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें दी गई राय मार्केट, नियमों और एक्सपर्ट्स के बयानों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। Tokenized Stocks या Crypto में निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से एडवाइज जरूर लें।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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Tokenized Stocks असली शेयरों का डिजिटल रूप होते हैं, जिन्हें ब्लॉकचेन पर ट्रेड किया जाता है।
Citadel चाहता है कि DeFi प्लेटफॉर्म्स पर भी पारंपरिक शेयर बाजार जैसे सख्त नियम लागू हों।
DeFi संगठनों का कहना है कि पुराने नियम decentralized सिस्टम पर लागू नहीं होते।
SEC को यह तय करना है कि नियम सख्त हों या नई टेक्नोलॉजी के अनुसार बदले जाएं।
DeFi में ट्रांजैक्शन सीधे यूजर से यूजर के बीच स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स से होते हैं।