28 दिसंबर 2025 को महाराष्ट्र के बारामती में शरद पवार AI सेंटर का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर उद्योगपति Gautam Adani ने भारत को अपनी टेक्निकल पावर डेवलप करने और खुद के AI Model बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में आत्मनिर्भर टेक्नोलॉजी ही एम्प्लॉयमेंट, डेटा और नेशनल सिक्योरिटी की रक्षा कर सकती है।
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अडानी ने चेताया कि अगर देश विदेशी टेक्नोलॉजी सिस्टम पर पूरी तरह निर्भर रहेगा, तो इससे एम्प्लॉयमेंट पर असर, प्राइवेट जानकारी का जोखिम और नेशनल सिक्योरिटी पर खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे सॉल्यूशन डेवलप करने चाहिए जो कंट्री की जरूरतों और कानूनों के अनुसार हों।
इस कार्यक्रम की तस्वीरों में अडानी मंच पर बोलते दिखे। दूसरी तस्वीर में भविष्य का भारत दिखाया गया है। इसमें AI और देश के झंडे जैसे निशान हैं। यह तस्वीर बताती है कि भारत अपनी टेक्नोलॉजी में मजबूत बन रहा है और “आत्मनिर्भर भारत” का सपना पूरा करने की दिशा में है।
अडानी ने बताया कि भारत के पास दुनिया की कुल AI Talent का लगभग 16% हिस्सा है। इसके बावजूद, देश की कंप्यूटिंग पॉवर केवल लगभग 1% है। यह असंतुलन देश के लिए चुनौती है। उन्होंने कहा कि जब तक देश के पास मजबूत डोमेस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होगा, ह्यूमन कैपिटल का पूरा फायदा नहीं उठाया जा सकता।
हाल ही में खबर आयी थी की भारत AI, IoT और Blockchain से स्मार्ट फूड इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है। भारत सरकार ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में तकनीकी सुधार बढ़ाने का नया कदम उठाया है। इसका उद्देश्य फूड सप्लाई चेन में AI, IoT और Blockchain जैसी तकनीक का इस्तेमाल करना है। इससे उत्पादकता बढ़ेगी और खाद्य सुरक्षा व ट्रांसपेरेंसी मजबूत होगी।
अडानी ने कहा कि विदेशी कंप्यूटर प्रोग्राम या एल्गोरिदम इंडिया की जरूरतों को पूरी तरह नहीं समझते। ये सिस्टम कभी-कभी लोगों की नौकरियों पर असर डाल सकते हैं और देश का महत्वपूर्ण डेटा बाहर भेज सकते हैं। इसलिए भारत को खुद के टेक्निकल सॉल्यूशन बनाना चाहिए। अगर कंट्री में अपने AI Model और Technology तैयार हों, तो नौकरियां सुरक्षित रहेंगी, डेटा देश में ही रहेगा और किसी भी खतरे से बचा जा सकेगा। अडानी ने कहा कि स्वदेशी टेक्नोलॉजी इंडिया को मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि कंट्री की अपनी Technology सिर्फ पैसा कमाने के लिए नहीं है। यह हमारी साइबर सुरक्षा, डिजिटल सुरक्षा और देश की ताकत से भी जुड़ी है। अगर देश के पास अपना सिस्टम होगा, तो सरकार और संस्थानों को चीज़ों पर बेहतर कंट्रोल और साफ-साफ जानकारी मिल सकेगी। इससे देश सुरक्षित और मजबूत बनेगा।
कुछ समय पहले यह भी सामने आया था की, Karnataka Startup Policy में Blockchain और AI पर फोकस करेगा। यह पॉलिसी राज्यों में Blockchain और DeepTech हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इससे भविष्य में भारत की क्रिप्टोकरेंसी और एडवांस टेक्नोलॉजी में लीडरशिप मजबूत होगी। साथ ही यह टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और इनोवेशन के लिए नए अवसर भी खोल सकती है।
अडानी ने कहा कि यह सेंटर केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम है। ऐसे सेंटर रिसर्च, ट्रेनिंग और इनोवेशन को बढ़ावा देंगे, जिससे युवाओं को कंट्री में ही बेहतर अवसर मिलेंगे।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर भारत अपनी टेक्निकल पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाता है, तो आने वाले वर्षों में वह ग्लोबल लेवल पर मजबूत भूमिका निभा सकता है। इससे नई नौकरियां पैदा होंगी और डेटा सुरक्षा तथा राष्ट्रीय हित सुरक्षित रहेंगे।
मेरे 7 साल के टेक अनुभव के अनुसार, इंडिया को अपनी AI Power डेवलप करना बेहद जरूरी है। स्वदेशी टेक्नोलॉजी से डेटा सुरक्षा और एम्प्लॉयमेंट सुनिश्चित होंगे। देशी AI Model से राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक ताकत दोनों मजबूत होंगी।
गौतम अडानी का बयान कंट्री के टेक्निकल भविष्य के लिए साफ संदेश देता है। उन्होंने कहा कि इंडिया को सिर्फ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाला नहीं बनना चाहिए, बल्कि खुद टेक्नोलॉजी बनाने वाला बनना चाहिए। कंट्री अपनी क्षमता और घरेलू संसाधनों का सही इस्तेमाल करके आत्मनिर्भर टेक्निकल पावर के रूप में आगे बढ़ सकता है। ऐसा करने से इंडिया सुरक्षित और मजबूत बनेगा। यह कदम आने वाली जनरेशन के लिए भरोसेमंद और आत्मविश्वासी इंडिया की नींव रखेगा और देश को दुनिया में नई पावर देगा।
डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसमें दी गई जानकारी रिलाएबल सोर्सेज पर आधारित है, लेकिन निवेश, एम्प्लॉयमेंट या किसी टेक्निकल डिसीजन के लिए पूर्ण भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। यूजर सेल्फ वेरिफिकेशन करें और किसी भी डिसीजन से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह लें।
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