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भारत AI, IoT और Blockchain से बना रहा है स्मार्ट फूड इंफ्रास्ट्रक्चर

भारत सरकार ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में टेक्निकल सुधार को तेज करने के लिए एक नया कदम उठाया है। Crypto India की X पोस्ट के अनुसार, Ministry of Food Processing Industries ने नई R&D ग्रांट्स की शुरुआत की है, जिनका उद्देश्य फूड सप्लाई चेन में AI, IoT और Blockchain जैसी टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस पहल को Pradhan Mantri Kisan SAMPADA Yojana के तहत डिजिटल बदलाव को आगे बढ़ाने वाला बड़ा अपडेट माना जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, इन तकनीकों का प्रयोग फूड सिस्टम को ज्यादा ट्रांसपरेंट, सिक्योर और स्किल्ड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


AI और IoT कैसे बदलेंगे फूड प्रोसेसिंग का पूरा सिस्टम


सरकार का कहना है कि भारत में फूड प्रोसेसिंग अभी पूरी तरह डिजिटल नहीं है और इसे बेहतर बनाने के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जरूरी है। AI की मदद से फसल की मात्रा, मार्केट में डिमांड, स्टोरेज की जरूरत और सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना, जैसे फैसले ज़्यादा सही तरीके से लिए जा सकेंगे। वहीं IoT सेंसर खाने के तापमान, उसकी मूवमेंट और स्टोरेज की स्थिति पर रीयल-टाइम नज़र रखेंगे, जिससे सामान खराब होने का खतरा काफी कम होगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि AI और IoT साथ मिलकर Food प्रोसेसिंग को और स्मार्ट, तेज़ और भरोसेमंद बना देंगे।


Blockchain सबसे बड़ा गेम-चेंजर क्यों बन रहा है


Blockchain Technology इस योजना का सबसे खास हिस्सा है क्योंकि Blockchain फूड सप्लाई चेन को पूरी तरह सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट बना देती है। खेत से लेकर ग्राहक तक हर स्टेप का रिकॉर्ड अपने-आप बनता जाता है, जिसे कोई बदल नहीं सकता। Blockchain से गलत लेबलिंग, Food फ्रॉड और झूठे रिकॉर्ड जैसी समस्याएँ काफी हद तक खत्म हो जाती हैं।


एक्सपोर्ट के लिए भी Blockchain बहुत फायदेमंद है, क्योंकि विदेशी खरीदार क्लियर और रिलाएबल डेटा पर ही भरोसा करते हैं। अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो भारत के फूड एक्सपोर्ट्स और भरोसे दोनों में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।


अगर इसे सही तरह लागू किया गया, तो भारत Food सुरक्षा और ट्रांसपेरेंसी का ग्लोबल उदाहरण बन सकता है।


सरकार का यह फैसला क्यों है बेहद महत्वपूर्ण


  • अगस्त 2025 की टेक पॉलिसी - सरकार पहले ही कह चुकी है कि AI, IoT और Blockchain भारत के डिजिटल भविष्य के पिलर हैं। अब Food सेक्टर में इनका इस्तेमाल बढ़ाकर सरकार अपने बड़े विज़न को आगे बढ़ा रही है।


  • RDI Fund 2025 का सपोर्ट- नवंबर 2025 में 1 लाख करोड़ रुपये का RDI Fund लॉन्च हुआ था। यह नई ग्रांट ऊँचे स्ट्रक्चर का हिस्सा है, जो Deep Tech और Smart Manufacturing को बढ़ावा देता है।


  • तेजी से बढ़ता एग्री-टेक सेक्टर - भारत का Food सिस्टम बहुत बड़ा है और यहां डिजिटल अपग्रेड की जरूरत पहले से ज्यादा है। इस ग्रांट के बाद असल में टेक को अपनाने की स्पीड और बढ़ेगी।


स्टार्टअप्स के लिए बड़ा मौका, क्या बदल सकता है


सरकार के इस कदम से स्टार्टअप्स और नए टेक इनोवेटर्स को अच्छा सपोर्ट मिलेगा। स्टार्टअप्स अब इन क्षेत्रों में काम तेज कर पाएँगे।


  • Food क्वालिटी एनालिटिक्स

  • डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम

  • स्मार्ट स्टोरेज सॉल्यूशंस

  • सप्लाई चेन मॉनिटरिंग

  • Food डेटा मैनेजमेंट


फंडिंग और सरकारी सहयोग मिलने से इन स्टार्टअप्स को अपनी टेक्नोलॉजी एक्चुअल प्रोडक्शन में लागू करने का मौका मिलेगा।


भारत को इससे क्या बड़ा फायदा मिलने वाला है


भारत आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। चाहे Food हो यह एजुकेशन, हर क्षेत्र में भारत तरक्की कर रहा है। हाल ही में भारत शिक्षा से फोरेंसिक तक Polygon के साथ नई टेक जर्नी शुरू कर रहा है और अब Food प्रोसेसिंग को भी बेहतर बना रहा है। 


  • फूड सप्लाई चेन पहले से ज्यादा सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट बनेगी। जिससे हर कदम पर चीज़ों को ट्रैक करना आसान होगा।

  • फूड वेस्ट कम होगा और अच्छी क्वालिटी वाला सामान ज़्यादा लोगों तक पहुँच सकेगा।

  • भारत के फूड एक्सपोर्ट पर दुनिया का भरोसा बढ़ेगा, क्योंकि डेटा साफ और भरोसेमंद होगा।

  • किसान, प्रोसेसर और उपभोक्ता तीनों को फायदा मिलेगा। क्योंकि सिस्टम तेज़, आसान और ट्रांसपेरेंट होगा।


इन टेक्नोलॉजी की वजह से भारत खेती और फूड टेक्नोलॉजी में दुनिया की टॉप कंट्रीज़ में शामिल हो सकता है।


मेरे 7 साल के अनुभव के आधार पर, यह पहल भारतीय फूड सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित होगी। AI, IoT और Blockchain का सही इस्तेमाल सप्लाई चेन की ट्रांसपेरेंसी और सुरक्षा बढ़ाएगा। स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री दोनों को इसका फायदा मिलेगा। मैं मानती हूँ कि यह कदम भारत को ग्लोबल फूड टेक्नोलॉजी लीडर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।


कन्क्लूजन 

 

यह R&D पहल भारत के फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को नए दौर की टेक्नोलॉजी से जोड़ने वाला बड़ा कदम है। AI, IoT और Blockchain के साथ देश की सप्लाई चेन ज्यादा सिक्योर और तेज़ बन सकती है। यदि योजना समय पर और सही तरीके से लागू हुई, तो भारत न सिर्फ Food क्वालिटी में सुधार करेगा, बल्कि डिजिटल फूड सिस्टम और एग्री-टेक इनोवेशन में ग्लोबल लेवल पर मजबूत पहचान भी बना सकता है। यह बदलाव किसानों, इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं सबके लिए फायदेमंद साबित होगा।


डिस्क्लेमर: यह जानकारी सरकार के बयान, पब्लिक सोर्स और एक्सपर्ट्स की राय पर आधारित है। इसे सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए पढ़ा जाए। किसी भी पॉलिसी या निवेश का फैसला करने से पहले खुद से पूरी रिसर्च कर लेना जरूरी है।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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सरकार का उद्देश्य फूड सप्लाई चेन को सुरक्षित, पारदर्शी और स्मार्ट बनाना है।
ये ग्रांट्स Pradhan Mantri Kisan SAMPADA Yojana के तहत शुरू की गई हैं।
AI फसल उत्पादन, डिमांड, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स में बेहतर फैसले लेने में मदद करेगा।
IoT सेंसर तापमान, मूवमेंट और स्टोरेज की स्थिति की रीयल-टाइम निगरानी करेंगे।
यह सप्लाई चेन को ट्रैसेबल और सुरक्षित बनाता है, फूड फ्रॉड और गलत रिकॉर्ड रोकता है।