Polygon

शिक्षा से फोरेंसिक तक भारत Polygon के साथ नई टेक जर्नी शुरू कर रहा है

भारत में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार आगे बढ़ रहा है और इसी बदलाव में Polygon एक मजबूत टेक्निकल बेस बनकर सामने आया है। Polygon की X पोस्ट के अनुसार, इस सप्ताह IBW (India Blockchain Week) के दौरान यह साफ दिखाई दिया कि भारत के कई शहर, यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूशनल नेटवर्क अब ऑफिशियल रिकॉर्ड को ऑनचेन ट्रांसफर  कर रहे हैं। इससे न सिर्फ प्रोसेस तेज हुई हैं, बल्कि डाक्यूमेंट्स की सुरक्षा, ट्रांसपेरेंसी और रिलायबिलिटी भी बढ़ रही है।

BBD University, Lucknow ने ब्लॉकचेन अपनाकर बड़ी मिसाल पेश की


लखनऊ की BBD University ने अपनी पूरी ऐकडमिक प्रोसेस में Polygon को शामिल करके बड़ी पहल की है। 


  • मार्कशीट 

  • आइडेंटिटी कार्ड 

  • स्किल बैज

  • इंटर्नशिप रिकॉर्ड

  • डिग्री डॉक्यूमेंट 


अब सभी डाक्यूमेंट्स ऑनचेन उपलब्ध हैं, जिन्हें कोई भी आर्गेनाइजेशन कुछ ही सेकंड में तुरंत वेरिफाई कर सकती है। इससे न सिर्फ वेरिफिकेशन का समय काफी कम हुआ है, बल्कि काम करने का पूरा तरीका भी पहले से बेहतर हो गया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि:


  • वेरिफिकेशन में होने वाली गलतियाँ लगभग आधी रह गई हैं।

  • डिजिटल स्टोरेज पर आने वाला खर्च कम हो गया है।

  • फर्जी डाक्यूमेंट्स के मामले लगभग खत्म हो चुके हैं।


यह मॉडल साफ दिखाता है कि एजुकेशन के क्षेत्र में ब्लॉकचेन अपनाना कितना फायदेमंद है खासकर उन यूनिवर्सिटीज़ के लिए जहाँ हर साल लाखों सर्टिफिकेट और डाक्यूमेंट्स तैयार और वेरिफाई होते हैं।


लखनऊ में नागरिकों के जरूरी डाक्यूमेंट्स अब ऑन-चेन हो रहे हैं


शिक्षा क्षेत्र के साथ-साथ अब कई शहरों का प्रशासन भी अपनी नागरिक सेवाएँ Polygon Network पर शिफ्ट कर रहा है।


अमरावती, सोलापुर और कल्याण-डोंबिवली जैसे शहरों में ये सेवाएँ अब पूरी तरह डिजिटल हो चुकी हैं।


  • बिरथ सर्टिफिकेट 

  • बिल्डिंग परमिट

  • NOC

  • टैक्स/कर से जुड़े रिकॉर्ड


पहले इन डाक्यूमेंट्स को कन्फर्म करवाने में कई महीने लग जाते थे, लेकिन अब लोग कुछ ही मिनटों में वेरिफिकेशन पा रहे हैं। सरकारी रिकॉर्ड भी अब सुरक्षित, टेम्पर प्रूफ और ऑडिट में आसान हो गए हैं।


इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि:


  • आम लोगों को तेज़ और आसान सेवा मिल रही है।

  • प्रशासन को अधिक कंट्रोल और ट्रांसपेरेंसी मिली है।

  • पूरा सिस्टम अब लंबे समय तक सुरक्षित और भरोसेमंद हो गया है।


फॉरेंसिक लैब्स में डिजिटल सबूत की सुरक्षा और भी मजबूत हुई


महाराष्ट्र की कई फॉरेंसिक लैब्स अब सबूतों की सुरक्षा के लिए Polygon Blockchain का इस्तेमाल कर रही हैं। पहले सबूतों का रिकॉर्ड पेपर और मैनुअल एंट्री पर चलता था, जहाँ गलती, देरी और गलत ट्रैकिंग का जोखिम हमेशा बना रहता था। लेकिन अब हालात काफी बदल गए हैं:


  • मैनुअल हैंडराइटिंग की जगह हर सबूत का एक डिजिटल ऑनचेन फिंगरप्रिंट बनाया जाता है।

  • पूरी चेन ऑफ कस्टडी साफ और ट्रांसपेरेंट दिखती है, कौन-से सबूत कब, किसके पास थे।

  • हर स्टेप पर टाइमस्टैम्प ऑटोमैटिक जुड़ जाता है, जिससे रिकॉर्ड कभी मिस नहीं होता।

  • सबूतों की सत्यता बेहद सुरक्षित रहती है क्योंकि उसे ब्लॉकचेन क्रिप्टोग्राफी प्रोटेक्ट करती है।


इस बदलाव से इन्वेस्टीगेशन प्रोसेस तेज़ और अधिक भरोसेमंद हुई है। सबसे बड़ी बात, अदालतों के लिए अब सबूतों की प्रामाणिकता पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत और रिलाएबल हो गई है।


भारत के बड़े इवेंट्स अब ब्लॉकचेन बेस्ड वेरिफिकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं


भारत में होने वाले बड़े फेस्टिवल, कॉन्फ्रेंस और पब्लिक इवेंट्स में अब Polygon का इस्तेमाल बढ़ रहा है। पहले टिकट और सर्टिफिकेट बनाकर लोगों तक पहुँचाने में कई हफ्ते लग जाते थे। इस दौरान गलती, फर्जीवाड़ा और ज्यादा खर्च जैसी दिक्कतें भी सामने आती थीं। 


  • पार्टिसिपेंट्स को QR-बेस्ड एंट्री पास तुरंत मिल जाता है।

  • एंट्री प्रोसेस तेज़ और ट्रांसपेरेंट हो गई है।

  • पेपर और प्रिंटिंग की कॉस्ट लगभग खत्म हो चुकी है।


फर्जी पास या डुप्लिकेट एंट्री संभव नहीं है। इससे इवेंट ऑर्गनाइजर्स, पार्टिसिपेंट्स और सिक्योरिटी टीम सभी को बड़ा फायदा हो रहा है। पूरी प्रोसेस पहले से कहीं तेज़, सुरक्षित और सस्ती हो गई है।


Polygon का प्रभाव और भारत में उसका बढ़ता योगदान


Polygon ने साफ दिखा दिया है कि Blockchain सिर्फ क्रिप्टो तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, सरकारी काम, फॉरेंसिक और रिकॉर्ड मैनेजमेंट जैसी रोज की जरूरतों में भी उपयोगी साबित हुआ है। भारत के कई शहर और आर्गेनाइजेशन इसे अपनाकर अपनी डिजिटल सर्विस को तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद बना रहे हैं। Polygon Team का कहना है कि उनका लक्ष्य ऐसी टेक्नोलॉजी बनाना है जो हर किसी के लिए आसान, सस्ती और उपयोग में सरल हो। भारत में इसे जितनी तेजी से अपनाया जा रहा है उससे पता चलता है कि यह टेक्निकल लोगों के काम सच में आसान कर रही है। 


ब्लॉकचेन इंडस्ट्री में 7 साल का अनुभव रखने के बाद मेरा मानना है कि Polygon का भारत में अपनाया जाना सिर्फ टेक्निकल बदलाव नहीं, बल्कि एक बड़ा स्ट्रक्चरल अपग्रेड है। ऑनचेन डॉक्यूमेंट सिस्टम आने वाले समय में एडमिनिस्ट्रेशन, एजुकेशन और फॉरेंसिक सेक्टर को पूरी तरह डिजिटल, भरोसेमंद और फ्यूचर रेडी बना देगा।


कन्क्लूजन 


Polygon का बढ़ता उपयोग साबित करता है कि भारत केवल डिजिटल नहीं, बल्कि स्मार्ट और सुरक्षित डिजिटल इकॉसिस्टम की ओर बढ़ रहा है। एजुकेशन, एडमिनिस्ट्रेशन, फॉरेंसिक और इवेंट मैनेजमेंट में ऑनचेन सिस्टम अपनाने से न सिर्फ काम तेज हुआ है, बल्कि भरोसा और ट्रांसपेरेंसी भी बढ़ी है। आने वाले वर्षों में यह मॉडल पूरे देश के लिए एक नया स्टैंडर्ड सेट करेगा, जहाँ हर सेवा सुरक्षित, तेज और आसानी से वेरिफाई करने योग्य रहेगी।


डिस्क्लेमर : यह रिपोर्ट केवल सूचना देने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें बताए गए प्रोजेक्ट, शहरों और संस्थानों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध पब्लिक सोर्सेज पर बेस्ड है। यह किसी भी तरह का ऑफिशियल कन्फर्मेशन, टेक्निकल एडवाइज या सरकारी घोषणा का ऑप्शन नहीं है।

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About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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क्योंकि यह रिकॉर्ड को सुरक्षित, तेज और टेम्पर-प्रूफ बनाता है, जिससे सरकारी और शैक्षणिक प्रक्रियाएं आसान हो जाती हैं।
यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट, डिग्री, आईडी कार्ड और स्किल बैज जैसे सभी डॉक्यूमेंट्स को ऑनचेन कर दिया है।
वेरिफिकेशन सेकंडों में हो जाता है, गलतियाँ कम होती हैं और फर्जी डॉक्यूमेंट लगभग खत्म हो जाते हैं।
अमरावती, सोलापुर और कल्याण-डोंबिवली सहित कई शहर नागरिक सेवाओं को ब्लॉकचेन पर शिफ्ट कर रहे हैं।
रिकॉर्ड अधिक सुरक्षित, ट्रैक करने योग्य और तुरंत वेरिफाई होने योग्य बन जाते हैं।