तेज़ी से बदलते डिजिटल इंटरनेट में यूज़र्स हर दिन लाखों इंटरैक्शन करते हैं, वीडियो देखते हैं, गेम खेलते हैं, क्रिएटर्स को फ़ॉलो करते हैं, कम्युनिटी में हिस्सा लेते हैं और फ़ीड स्क्रॉल करते रहते हैं। यह सब मिलकर एक विशाल Attention Economy बनाता है, लेकिन यूज़र्स को बदले में लगभग कुछ मिलता नहीं है। इसी असंतुलन को री-डिज़ाइन करने की दिशा में STAN ने एक बड़ा कदम उठाते हुए Photon को लॉन्च किया है, जो डिजिटल एंगेजमेंट को Measurable, Rewardable और Fraud-free बनाने का वादा करता है। यहीं से शुरुआत होती है उस नए मॉडल की, जो आगे चलकर इंटरनेट पर वैल्यू-शेयरिंग को पूरी तरह बदल सकता है।
यह एक यूनिवर्सल Attention Protocol है, जिसे ऐसी Attention Economy के लिए डिज़ाइन किया गया है जहाँ यूज़र की हर Meaningful Activity को ऑन-चेन वेरिफ़ाई करके उसे रिवॉर्ड दिया जा सके। आज का इंटरनेट यूज़र्स से भारी Attention लेता है, लेकिन उसे Monetize करने का अधिकार सिर्फ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के पास रहता है। Photon इसी असमानता को दूर करने का काम करता है।
यह तीन बड़े बदलाव लाता है:
फोटोन समझने के बाद अगला सवाल आता है, इसे चलाने के लिए कौन-सा इंफ्रास्ट्रक्चर चुना गया, और क्यों?
Photon को Aptos Blockchain पर डिप्लॉय किया गया है ताकि यह कंज़्यूमर-स्केल एप्लिकेशन्स की रियल-टाइम ज़रूरतों को पूरा कर सके। डिजिटल अटेंशन बेहद परिवर्तनशील होती है, हर सेकंड लाखों माइक्रो-सिग्नल पैदा होते हैं और Aptos का इंफ्रास्ट्रक्चर इसी तरह की High-Throughput Demands के लिए बनाया गया है।
Aptos चुनने के पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
इसकी टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर समझने के बाद यह जानना ज़रूरी है कि इसके शुरुआती पार्टनर्स कौन हैं और यह प्रोटोकॉल रियल वर्ल्ड में कैसे काम करेगा।
लॉन्च के दौरान STAN ने Nazara Games और World Cricket Championship (WCC) को पहले Ecosystem Partners के रूप में पेश किया, जो दिखाता है कि इसकी शुरुआत भारत के सबसे बड़े गेमिंग सेगमेंट से हो रही है।
इंटीग्रेशन के बाद होने वाले बदलाव:
फोटोन गेमिंग से शुरू होता है, लेकिन यह सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं रहेगा, अब देखते हैं यह अन्य डिजिटल इकोसिस्टम्स में क्या बदल सकता है।
यह एक Plug-and-play Protocol है जिसे किसी भी डिजिटल ऐप, गेम या सोशल कम्युनिटी में इंटीग्रेट किया जा सकता है। इसके संभावित उपयोग-क्षेत्र व्यापक हैं:
इसका बड़ा उद्देश्य STAN के यूज़र-फर्स्ट इंटरनेट विज़न को ग्राउंड रियलिटी में बदलना है।
STAN के Head of Engineering Asad Ahmed के अनुसार: “Photon सिर्फ एक प्रोटोकॉल नहीं है, यह ऐसी Global Attention Economy की नींव है जहाँ यूज़र्स अपने द्वारा पैदा की गई वैल्यू की Ownership पाएँगे।”
STAN के 30M+ डाउनलोड और 1M+ क्रिएटर्स वाले इकोसिस्टम को देखते हुए Photon का एडॉप्शन बहुत तेजी से बढ़ने की संभावना है, खासकर भारत जैसे Mobile-first मार्केट्स में।
यह मॉडल यूज़र को इन्टरनेट के सेन्टर में रखता है, जहाँ हर Scroll, Tap और Gameplay एक अर्निंग अपॉर्चुनिटी बन सकता है।
फोटोन उन रेयर इनोवेशन में से है जो Web2 और Web3 के बीच एक पुल बनाते हैं। डेवलपर्स को Web2-जैसा अनुभव मिलता है और यूज़र्स को Web3-जैसी ओनरशिप। बहुत जल्द ही यह मॉडल Gaming, Content Apps, Learning Platforms और Social Ecosystems में एक नया स्टैण्डर्ड सेट कर सकता है।
Disclaimer: यह आर्टिकल एजुकेशनल पर्पस से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें।
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