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Karnataka ने Coinbase के साथ MoU साइन किया, साइबरसिक्योरिटी होगी मजबूत

कर्नाटक सरकार ने 3 दिसंबर 2025 को दो महत्वपूर्ण समझौते (MoUs) पर साइन किए, जिनका उद्देश्य राज्य को भारत का लीडिंग इनोवेशन हब और ग्लोबल डीप-टेक सेंटर बनाना है। ये समझौते Coinbase India और Refroid Technologies के साथ किए गए हैं। दोनों पार्टनरशिप्स मिलकर ब्लॉकचेन, साइबरसिक्योरिटी और नेक्स्ट जनरेशन की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेंगी। 


Coinbase

Source: Crypto India की X पोस्ट के अनुसार


Coinbase के साथ पार्टनरशिप, कर्नाटक बनेगा ऑन-चेन इनोवेशन का नया हब


कर्नाटक के इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने Coinbase India के साथ एक बड़ा समझौता किया है। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य ब्लॉकचेन एजुकेशन, स्टार्टअप सपोर्ट और साइबरसिक्योरिटी को मजबूत करना है। इससे न केवल डेवलपर्स को नए चांस मिलेंगे, बल्कि शुरुआती स्टेज के कई स्टार्टअप को सही दिशा और टेक्निकल हेल्प भी प्राप्त होगी।


दो ट्रैक में होगी टेक्निकल प्रोग्रेस 


सरकारी बयान के अनुसार, इस MoU को दो स्ट्रेटेजिक ट्रैक में बांटा गया है।


ट्रैक 1: डेवलपर एजुकेशन और स्टार्टअप सपोर्ट


इस ट्रैक के तहत राज्य में ब्लॉकचेन एजुकेशन को आगे बढ़ाया जाएगा। Coinbase एक्सपर्ट्स ट्रेनिंग, प्रोग्राम और मास्टरक्लास प्रदान करेगा। इनिशियल स्टेज के स्टार्टअप को इनक्यूबेशन और टेक्निकल रूप से हेल्प दी जाएगी। इसके साथ ही अवेयरनेस प्रोग्राम लोगों को इनोवेटिव टेक्नोलॉजी से जोड़ेंगे।  


ट्रैक 2: साइबरसिक्योरिटी क्षमता में सुधार


दूसरे ट्रैक का उद्देश्य राज्य में ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करना है। इसमें Coinbase लोगों को आसान तरीके से साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट देगा। सरकार KDEM, KEONICS, पुलिस और कॉलेजों की मदद से पूरे राज्य में एक मजबूत ट्रेनिंग नेटवर्क तैयार करेगी। 


योजना के अनुसार, 1,000 से अधिक लोगों को साइबरसिक्योरिटी की शुरुआती ट्रेनिंग दी जाएगी और 100 से अधिक स्टार्टअप को सुरक्षा टूलकिट दिए जाएंगे। 


नेशनल लेवल की टैक्स पॉलिसी के बीच नया अवसर


भारत में 30% क्रिप्टो टैक्स और सख्त नियमों की वजह से क्रिप्टो सेक्टर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे माहौल में कर्नाटक और Coinbase की यह पार्टनरशिप उम्मीद बढ़ाती है कि बेंगलुरु दुनिया भर के निवेश और टैलेंट को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कदम Blockchain Technology और Web3 जैसी नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देगा और लोगों व स्टार्टअप्स के लिए इन टेक्नोलॉजी को अपनाना आसान बना देगा। 


Refroid Technologies के साथ दूसरी बड़ी पार्टनरशिप 


कर्नाटक सरकार ने Refroid Technologies के साथ एक बड़ा MoU साइन किया है, जिसके तहत भारत में पहली बार बड़े लेवल पर Made-in-India लिक्विड-कूलिंग टेक्नोलॉजी लाई जा रही है। यह टेक्नोलॉजी उन AI, टेलीकॉम और बड़े डेटा सेंटर्स के लिए बनाई गई है जिन्हें बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है।


इस पार्टनरशिप के तहत ऐसे सिस्टम तैयार किए जाएंगे जो मशीनों को ठंडा रखकर एनर्जी सेव करेंगे और उनकी परफॉर्मेंस भी बेहतर बनाएंगे। इसमें 200 kW से 2 MW तक के कूलिंग यूनिट्स, इमर्सन कूलिंग सिस्टम और टेस्टिंग के लिए खास लोडबैंक्स शामिल होंगे। ये सिस्टम एक खास इंडियन कूलेंट का इस्तेमाल करते हैं, जिसे BPCL के साथ मिलकर डेवलप किया गया है। इससे कूलिंग और भी सेफ, इकोनॉमिकल और इफेक्टिव हो जाती है।


AI और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगा बढ़ावा


Refroid की यह टेक्नोलॉजी आने से कर्नाटक में नए डेटा सेंटर और AI सिस्टम पहले से ज्यादा तेज, सुरक्षित और अफोर्डेबल तरीके से काम कर सकेंगे। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इससे देश में नए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद मिलेगी। यह टेक्नोलॉजी एनर्जी बचाएगी, मशीनों का परफॉरमेंस बढ़ाएगी और ऑपरेशन को ज्यादा एनवायरमेंटल फ्रेंडली बनाएगी। 


सरकार का बयान, कर्नाटक को नई दिशा मिलेगी


IT Minister Priyank Kharge ने कहा कि इन दोनों पार्टनरशिप से युवाओं को नई नौकरियों और स्किल सीखने के मौके मिलेंगे, राज्य की तकनीकी क्षमता बढ़ेगी और डिजिटल इनोवेशन की रफ्तार तेज होगी। विभाग की सचिव Manjula N ने कहा कि ये पहल कर्नाटक को Deep-Tech अर्थव्यवस्था के नए लेवल पर ले जाएंगी और राज्य को इनोवेशन का मॉडल बना देंगे।


मेरे 7 साल के टेक और Web3 एक्सपीरियंस के आधार पर, कर्नाटक का यह कदम बेहद स्ट्रेटेजिक है। Coinbase जैसी ग्लोबल कंपनी के साथ पार्टनरशिप डेवलपर्स और स्टार्टअप्स को तेज़ ग्रोथ देगी, जबकि Refroid की कूलिंग टेक्नोलॉजी राज्य को AI इंफ्रास्ट्रक्चर में नेशनल लीडर बना सकती है। यह बदलाव लॉन्ग टर्म में बेहद इफेक्टिव होगा।


कन्क्लूजन


कर्नाटक सरकार के Coinbase और Refroid Technologies के साथ ये दो बड़े समझौते राज्य को देश के सबसे मजबूत टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित कर सकते हैं। एक तरफ ब्लॉकचेन, साइबरसिक्योरिटी और Web3 स्किल्स युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेंगी, वहीं दूसरी तरफ Made-in-India कूलिंग टेक्नोलॉजी AI और डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर को नई मजबूती देगी। ये पहल कर्नाटक को ग्लोबल Deep-Tech इनोवेशन में लीडर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।


डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल उपलब्ध सरकारी बयानों और पब्लिक जानकारी पर बेस्ड है। इसमें दिए गए विवरण केवल सूचना के उद्देश्य से हैं। यहां किसी भी प्रकार की फाइनेंशियल, निवेश या टेक्निकल सलाह नहीं दी गई है। किसी भी डिसीजन से पहले अपनी रिसर्च करना जरूरी है।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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इस MoU का उद्देश्य ब्लॉकचेन एजुकेशन, स्टार्टअप सपोर्ट और साइबर सुरक्षा को मजबूत करना है।
MoU दो ट्रैक में विभाजित है—ब्लॉकचेन डेवलपर एजुकेशन और साइबरसिक्योरिटी मजबूत करना।
Coinbase आसान भाषा में साइबरसिक्योरिटी और ब्लॉकचेन ट्रेनिंग, मास्टरक्लास और सर्टिफिकेशन देगा।
स्टार्टअप्स को तकनीकी सहायता, इनक्यूबेशन और साइबरसिक्योरिटी टूलकिट मिलेंगे।
यह भारत में बड़े पैमाने पर Made-in-India लिक्विड कूलिंग तकनीक लाने के लिए है।