Litecoin, Bitcoin पर एक Fork है जिसे Charlie Lee ने 2011 में लॉन्च किया था। इसका मकसद था एक तेज़ और आसान Peer-to-Peer Payment System तैयार करना। यह Bitcoin के Open Source Code से बने सबसे पहले Altcoins में से एक है। इस को अक्टूबर 2011 में GitHub पर Open Source Client के रूप में लॉन्च किया गया था और नवंबर 2011 में इसका नेटवर्क Live हुआ जब इसका पहला Genesis Block माइन किया गया।

Source- यह इमेज Litecoin की ऑफिशियल वेबसाइट से ली गई है।
Bitcoin की तरह ही यह भी Proof-of-Work Consensus System पर काम करता है। लेकिन इसमें Scrypt Hashing Function का इस्तेमाल किया जाता है जो Bitcoin के SHA-256 की तुलना में ज़्यादा Memory Use करता है।
Litecoin की खासियत है कि इसमें नए Blocks हर 2.5 मिनट में बनते हैं जबकि Bitcoin में हर 10 मिनट में। इसका मतलब है कि LTC Transactions ज़्यादा फ़ास्ट होती हैं।
आज 5 November 2025 को इसकी वर्तमान स्थिति कुछ इस प्रकार है

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क्रिप्टो एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर मार्केट में बुलिश मूवमेंट आता है तो आने वाले समय में यह रफ्तार पकड़ सकता है।
यह कई ऐसे फीचर्स प्रदान करता है जो इसे यूजर्स और माइनर्स दोनों के लिए आकर्षक बनाते हैं। इसके कुछ प्रमुख फीचर्स इस प्रकार हैं
यह एक भरोसेमंद और कुशल ब्लॉकचेन नेटवर्क है जो क्रिप्टोकरेंसी को आम यूजर्स के लिए अधिक सरल और उपयोगी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आइए अब जानते हैं कि क्या हो सकता है 2025, 2030, 2040, 2050 में इसका प्राइस।
क्रिप्टो एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2025 में यह ग्लोबल पेमेंट मेथड के रूप में और ज़्यादा अपनाया जा सकता है। अगर इसकी डिमांड और सोशल सेंटिमेंट बेहतर होते हैं तो 2025 के आखिर तक LTC Token Price में उछाल देखने को मिल सकता है जिससे इसका प्राइस ₹8000 से ₹8500 तक जा सकता है।
यह अक्सर BTC से पहले नई टेक्नोलॉजीज़ की टेस्टिंग के लिए यूज किया जाता है जैसे SegWit और LTC-20 स्टैंडर्ड। इस कॉइन का टेक्निकल स्ट्रक्चर Bitcoin जैसा होने के कारण इसे लॉन्ग टर्म में बड़ा फायदा मिल सकता है। इसी वजह से 2030 में इसका प्राइस ₹25000 से ₹30000 तक पहुँच सकता है।
फ़ास्ट ट्रांजैक्शन के साथ-साथ फीस भी कम होने के कारण इसकी डिमांड में लगातार बढोतरी हो रही है। अगर मार्केट पॉजिटिव रहता है तो 2040 में LTC Price ₹50000 से ₹55000 पहुँच सकता है।
2050 तक इसकी पोज़िशन और मजबूत हो सकती है, क्योंकि तब तक ब्लॉकचेन तकनीक मुख्यधारा के वित्तीय सिस्टम का अहम हिस्सा बन चुकी होगी। क्रिप्टो रेगुलेशन में स्टेबिलिटी, Institutional Adoption और DeFi इंटीग्रेशन इस ऑल्टकॉइन की वैल्यू को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। जिसके कारण इसका प्राइस 2050 तक ₹80000 से ₹100000 या इससे भी ज्यादा जा सकता है।
इस ऑल्टकॉइन के ₹1,00,000 तक पहुंचने की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। क्रिप्टो मार्केट में तेजी के दौर में ऐसे प्रोजेक्ट्स, जिनकी टेक्नोलॉजी मजबूत और नेटवर्क स्टेबल हो, यह उनमें से एक है। इसकी फ़ास्ट ट्रांज़ैक्शन स्पीड और सीमित सप्लाई मॉडल इसे लॉन्ग टर्म में वैल्यू ग्रोथ के लिए मजबूत बेस देते हैं।
अगर आने वाले सालों में ग्लोबल पेमेंट एडॉप्शन, ETF इनफ्लो, और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की लोकप्रियता लगातार बढ़ती है तो LTC के लिए ₹1,00,000 का लेवल हासिल करना एक रियलिस्टिक और पॉजिटिव टारगेट बन सकता है।
Litecoin ने 2011 से अब तक खुद को एक भरोसेमंद, फ़ास्ट Cryptocurrency के रूप में साबित किया है। आने वाले वर्षों में अगर क्रिप्टो मार्केट में पॉजिटिव मोमेंटम, रेगुलेटरी सपोर्ट और ग्लोबल एडॉप्शन बढ़ता है तो यह न सिर्फ अपनी वैल्यू को स्टेबल रख पाएगा बल्कि नए ऑल टाइम हाई लेवल्स भी छू सकता है।
Disclaimer- यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट काफ़ी वोलेटाइल है, इसलिए निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें।
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