भारत जल्द ही अपना खुद का RBI-Backed Digital Currency लॉन्च करने जा रहा है, जो देश के मॉनेटरी सिस्टम में एक ऐतिहासिक बदलाव साबित हो सकता है। इस बात की जानकारी खुद Minister of Commerce and Industry Piyush Goyal ने की है। उन्होंने बताया कि यह डिजिटल करेंसी Reserve Bank of India (RBI) की गारंटी के साथ आएगी और इसका कामकाज बिल्कुल ट्रेडिशनल करेंसी की तरह होगा, बस यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में होगी। इससे देश में लेनदेन और फ़ास्ट, सिक्योर और ट्रांसपेरेंट बन सकेंगे।

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Piyush Goyal ने दोहा में एक राउंडटेबल चर्चा के दौरान कहा कि भारत अब उस दिशा में बढ़ रहा है, जहां सभी ट्रांज़ैक्शन डिजिटल रूप में होंगे। RBI-Backed Digital Currency का उद्देश्य फाइनेंशियल सिस्टम को न सिर्फ आधुनिक बनाना है बल्कि पेपर करेंसी पर निर्भरता को कम करना भी है।
उन्होंने कहा, “यह डिजिटल करेंसी ट्रेडिशनल करेंसी की तरह काम करेगी, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होगी। इससे न केवल लेनदेन आसान होंगे, बल्कि ट्रांज़ैक्शन स्पीड और सिक्योरिटी भी बढ़ेगी।”
गौरतलब है कि इस नई करेंसी को Blockchain Technology पर आधारित किया जाएगा, जिससे हर ट्रांज़ैक्शन ट्रैसेबल और वेरिफाएबल रहेगा। यह व्यवस्था न केवल ट्रांसपेरेंसी लाएगी बल्कि इललीगल ट्रांज़ैक्शंस को भी रोकने में मदद करेगी।
Piyush Goyal ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार Bitcoin, Ethereum या अन्य Private Cryptocurrencies को प्रोत्साहित नहीं करती, क्योंकि उनके पीछे किसी तरह की Sovereign या Asset Backing नहीं होती। उन्होंने कहा, “हमने निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं किया है, लेकिन सरकार ऐसे डिजिटल एसेट्स को बढ़ावा नहीं देती जो किसी आधिकारिक गारंटी के बिना चल रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने ऐसे डिजिटल एसेट्स पर टैक्स लगाकर उनके अस्तित्व को स्वीकार किया है, लेकिन जोखिम यूज़र्स का खुद का रहेगा। वहीं, RBI-Backed Digital Currency पूरी तरह से रिज़र्व बैंक की गारंटी के साथ आएगी, जिससे यह सुरक्षित, स्थिर और विश्वसनीय होगी।
Piyush Goyal ने अमेरिकी Stablecoins जैसे USDC और USDT का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत का डिजिटल करेंसी मॉडल भी कुछ हद तक वैसा ही होगा। लेकिन फर्क यह है कि भारत की करेंसी सरकारी निगरानी और नियमन के दायरे में रहेगी।
उन्होंने कहा, “यह सिस्टम लेनदेन को आसान बनाएगा, पेपर खपत कम करेगा और बैंकिंग सिस्टम से भी तेज़ होगा।”
इससे पहले Nirmala Sitharaman ने देश को Stablecoins के लिए तैयार होने का हिंट दिया था। अपने बयान में Finance Minister संकेत दिए थे कि देशों को अब Stablecoins और Digital Assets के साथ जुड़ने के लिए तैयार रहना होगा। उनका मानना है कि ये इनोवेशन भविष्य में Global Capital Flow और Money Architecture को पूरी तरह बदल सकते हैं।
RBI-Backed Digital Currency के लॉन्च से भारत के फाइनेंशियल सिस्टम में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
बतौर राइटर अपने 13 वर्षों के अनुभव से कहूँ तो मेरी राय में, RBI-Backed Digital Currency भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक रेवोल्यूशनरी कदम है। यह न केवल देश को कैशलेस इकोनॉमी की ओर ले जाएगा, बल्कि आम नागरिकों के लिए ट्रांज़ैक्शन और सेविंग्स दोनों को सुरक्षित बनाएगा।
हालांकि, इसके लिए टेक्नोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सिक्योरिटी पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होगी। अगर सरकार इस प्रोजेक्ट को धीरे-धीरे और ट्रांसपेरेंटली लागू करती है, तो यह भारत को Digital Global Power बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
Piyush Goyal का बयान इस बात का संकेत है कि भारत अब डिजिटल मनी के नए युग में प्रवेश करने को तैयार है। RBI-Backed Digital Currency सिर्फ एक फाइनेंशियल चैंज नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक संप्रभुता को मज़बूत करने वाला कदम है। यह कदम भारत को न केवल Digital Economy की ओर बढ़ाएगा, बल्कि ग्लोबल प्लेटफ़ॉर्म पर एक नया मानक भी स्थापित करेगा।
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