Blockchain

RBI Deputy Governor का Bitcoin पर तीखा बयान, Blockchain को मिली तारीफ

RBI Deputy Governor ने खारिज किया Bitcoin, Blockchain को माना इनोवेशन


मुंबई में आयोजित Mint Annual BFSI Conclave 2025 के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर T. Rabi Sankar ने डिजिटल एसेट्स पर स्पष्ट और सख़्त राय रखी। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पैसा नहीं है, बल्कि इसका मूल्य पूरी तरह अनुमान और गैंबलिंग पर आधारित है। अपने बयान में उन्होंने Bitcoin की तुलना 17वीं सदी की Tulip Mania से की, जब फूलों की कीमतें आसमान छूने के बाद अचानक शून्य के करीब पहुंच गई थीं।


Blockchain

Source: यह इमेज Crypto India की X पोस्ट से ली गई है जिसके लिंक यहां दी गई है।


क्रिप्टो को लेकर RBI की साफ़ चेतावनी


रबी शंकर ने कहा कि डिजिटल टोकन की कोई इंटरनल वैल्यू नहीं होती। न तो इनके पीछे सरकार की गारंटी है और न ही किसी तरह का वादा। उन्होंने साफ शब्दों में बताया कि यह केवल “एक कोड” है, जिसे वैल्यू इसलिए मिलती है क्योंकि लोग मान लेते हैं कि कल कोई और इसे ज़्यादा दाम पर खरीदेगा। यही कारण है कि सेन्ट्रल बैंक लंबे समय से ऐसे एसेट्स को लेकर सतर्क रहा है।


Blockchain Technology को RBI ने क्यों बताया भविष्य की ताकत


हालांकि, अपने भाषण में उन्होंने Blockchain Technology की जमकर तारीफ भी की। उनके अनुसार यही असली इनोवेशन है। यह Blockchain Technology बिना किसी इंटरमीडिएटर के दो अनजान पार्टी के बीच सुरक्षित ट्रांजैक्शन संभव बनाती है। सप्लाई चेन ट्रैकिंग, डिजिटल आइडेंटिटी, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट जैसे क्षेत्रों में इसके बड़े उपयोग देखे जा रहे हैं। RBI की डिजिटल रुपया (CBDC) पहल भी इसी आधार पर डेवलप की गई है।


क्रिप्टो को पैसा क्यों नहीं माना जाता


डिप्टी गवर्नर ने आसान शब्दों में बताया कि किसी भी असली करेंसी को तीन काम करने चाहिए - खरीद-फरोख्त में इस्तेमाल होना, कीमत तय करने में मदद करना और सुरक्षित बचत का जरिया बनना। डिजिटल कॉइन इन तीनों में कमजोर हैं क्योंकि इनकी कीमतें बहुत तेजी से बदलती रहती हैं। इनके पीछे न कोई कमाई, न इंटरेस्ट और न ही प्रॉफिट होता है। इसी कारण इन्हें सोना या शेयर जैसी भरोसेमंद संपत्ति नहीं माना जा सकता।


Bitcoin की शुरुआत, आइडिया से हकीकत तक का सफर


उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी का आइडिया कोई नया नहीं है। कई दशक पहले से सुरक्षित डिजिटल ट्रांज़ैक्शन पर काम हो रहा था। 2008 में Satoshi Nakamoto ने Bitcoin का आइडिया पेश किया और 2009 में पहली बार Blockchain पर बिना बैंक के लेनदेन संभव हुआ। इससे Blockchain Technology की ताकत जरूर दिखी, लेकिन RBI का मानना है कि यह सिर्फ एक टेक्निकल प्रयोग है, जिसे पूरी तरह भरोसेमंद फाइनेंशियल सिस्टम नहीं कहा जा सकता।


भारत में क्रिप्टो पर नियम और टैक्स व्यवस्था


भारत ने 2022 से इस सेक्टर पर 30 प्रतिशत टैक्स और 1 प्रतिशत TDS लागू किया। इससे यह साफ होता है कि सरकार गतिविधि को स्वीकार करती है, लेकिन पूरी मंज़ूरी नहीं देती। RBI की प्राथमिकता अब भी CBDC है, जिसे सुरक्षित और स्थिर ऑप्शन माना जा रहा है।


दुनिया में क्रिप्टो पर बहस और बढ़ता इस्तेमाल


IMF जैसी इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन पहले ही कह चुकी हैं कि क्रिप्टो में स्थिरता की कमी है और इसके पीछे कोई मजबूत आधार नहीं है। इसके बावजूद भारत में लोगों का इंटरेस्ट तेजी से बढ़ा है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भारत में क्रिप्टो को अपनाने की रफ्तार कई गुना बढ़ी। इसकी सबसे बड़ी वजह आम निवेशकों का बढ़ता भरोसा और डिजिटल निवेश के प्रति उत्साह माना जा रहा है।


निवेशकों के लिए क्या है सही सीख और सलाह


रबी शंकर के बयान से यह साफ है कि नई टेक्नोलॉजी और उस पर बने टोकन को एक जैसा नहीं समझना चाहिए। Blockchain आने वाले समय में कई काम आसान कर सकती है और इसका भविष्य मजबूत हो सकता है। लेकिन जिन डिजिटल एसेट्स की कीमत सिर्फ उतार-चढ़ाव पर टिकी होती है, उनमें जोखिम ज्यादा होता है। ऐसे में निवेश से पहले पूरी जानकारी लेना और सोच-समझकर फैसला करना ही सबसे बेहतर तरीका है।


पिछले 7 सालों से क्रिप्टो और Blockchain सेक्टर को कवर करते हुए मैंने कई बुल और बियर साइकिल देखी हैं। अनुभव बताता है कि Blockchain Technology की ताकत हमेशा बनी रहती है, लेकिन टोकन की कीमतें भरोसे पर चलती हैं। RBI का यह रुख निवेशकों को हाइप से बाहर निकलकर लॉन्ग-टर्म वैल्यू समझने का मौका देता है।


कन्क्लूजन 


RBI डिप्टी गवर्नर T. Rabi Sankar का यह बयान एक बार फिर यह स्पष्ट करता है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अभी भी जोखिम भरा एसेट माना जाता है, न कि पैसा। जहां एक ओर Bitcoin और अन्य टोकन गैंबलिंग आधारित हैं, वहीं Blockchain Technology को भविष्य की मजबूत नींव माना जा रहा है। निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे टेक्नोलॉजी और टोकन के फर्क को समझें और बिना सोचे-समझे निवेश से बचें।


डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचना और एजुकेशन के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश सलाह नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी उच्च जोखिम वाला एसेट है, जिसमें निवेश से पहले स्वयं रिसर्च करना और फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है। RBI और सरकारी नीतियां समय-समय पर बदल सकती हैं।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

Leave a comment
faq Explore Our FAQs

Find quick answers to commonly asked questions and understand how things work around here.

RBI के अनुसार क्रिप्टो में स्थिरता नहीं है, इसकी कोई आंतरिक वैल्यू नहीं होती और यह सट्टे पर आधारित होती है।
क्योंकि दोनों में कीमतें लोगों की उम्मीदों पर बढ़ीं और गिरने का जोखिम बहुत ज्यादा रहा।
नहीं, RBI Blockchain को एक क्रांतिकारी और उपयोगी टेक्नोलॉजी मानता है।
सप्लाई चेन, डिजिटल पहचान, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट, CBDC और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट में।
ताकि गतिविधियों को ट्रैक किया जा सके, लेकिन इसका मतलब पूर्ण मंजूरी नहीं है।