भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio ने Aptos Blockchain के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है, जिससे 500 मिलियन से अधिक Users को Blockchain Based Rewards मिलने लगेंगे। इस पार्टनरशिप का उद्देश्य केवल निवेश नहीं, बल्कि रियल डिजिटल यूटिलिटी प्रदान करना है।
Reliance Jio ने एप्टोस के लेयर-1 नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए जिओकॉइन Rewards पेश किए हैं। ये रिवॉर्ड्स यूज़र्स को मोबाइल सर्विसेज़ जैसे डेटा टॉप-अप, सब्सक्रिप्शन और अन्य डिजिटल सर्विस पर कमाई और खर्च करने की सुविधा देंगे। अक्टूबर 2025 तक, इस पहल का बीटा टेस्ट 9.4 मिलियन Users तक पहुंच चुका है।

Source: यह इमेज Aptos की X पोस्ट से ली गई है। जिसकी लिंक यहां दी गई है।
एप्टोस का लेयर-1 नेटवर्क 160,000 ट्रांज़ैक्शंस प्रति सेकंड तक संभाल सकता है। इसका मतलब है कि लाखों यूज़र्स बिना नेटवर्क स्लो हुए एक साथ जिओकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह क्षमता भारत जैसे बड़े और तेजी से बढ़ते Digital Market के लिए बिल्कुल सही है, जहाँ 1.1 बिलियन से अधिक मोबाइल कनेक्शन हैं।
Aptos Network तेज़, सुरक्षित और आसान है, जिससे Reliance Jio आसानी से सैकड़ों मिलियन यूज़र्स तक ब्लॉकचेन रिवॉर्ड्स पहुंचा सकता है। यह नेटवर्क भरोसेमंद और कॉस्ट इफिशिएंट है, इसलिए यूज़र्स को बिना किसी परेशानी के Digital rewards मिलेंगे। इसका मतलब है कि अब जिओकॉइन जैसी रिवॉर्ड्स डेली लाइफ में सीधे मोबाइल डेटा, टॉप-अप या सब्सक्रिप्शन पर इस्तेमाल की जा सकती हैं। कम समय और कम खर्च में ज्यादा लाभ, यही इस पहल की सबसे बड़ी पावर है।
एप्टोस का लेयर-1 नेटवर्क 160,000 ट्रांज़ैक्शंस प्रति सेकंड तक प्रोसेस कर सकता है। इसका मतलब है कि रिलायंस जिओ के लाखों यूज़र्स बिना नेटवर्क स्लो हुए एक साथ जिओकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत जैसे बड़े और तेजी से बढ़ते Digital Market में यह सुविधा रिवोल्यूशनरी साबित हो सकती है, जहाँ 1.1 बिलियन से अधिक मोबाइल कनेक्शन हैं।
एप्टोस का हाई-थ्रूपुट लेयर-1 नेटवर्क 1.6 लाख ट्रांज़ैक्शंस प्रति सेकंड तक संभाल सकता है। यह क्षमता भारत जैसे बड़े और तेजी से बढ़ते Digital Market के लिए आदर्श है, जहाँ 1.1 बिलियन से अधिक मोबाइल कनेक्शन हैं। एप्टोस की टेक्निकल स्पीड, सिक्योरिटी और स्केलेबिलिटी प्रदान करती है, जो रिलायंस जिओ के ब्लॉकचेन प्रोग्राम को सैकड़ों मिलियन यूज़र्स तक सरल और सुरक्षित बनाने में मदद करती है।
इस पार्टनरशिप से भारत में Web3 को अपनाना आसान होगा। एप्टोस लैब्स टेक्निकल रूप से मदद देगा, जिससे ब्लॉकचेन एप्स सुरक्षित और सरल बनेंगे। यह मॉडल दिखाता है कि कैसे बड़ी कंपनियां ब्लॉकचेन को डेली लाइफ में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकती हैं।
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2028 तक $1 ट्रिलियन तक पहुँचने की संभावना है। जिओकॉइन के जरिए यूज़र्स को डेली मोबाइल सर्विसेज़ पर लाभ मिलेगा। इससे न केवल Web3 अपनाने की स्पीड तेज होगी, बल्कि Reliance Jio के डिजिटल इनोवेशन की दिशा भी मजबूत होगी।
हालांकि भारत में 30% Crypto Tax और RBI की निगरानी इस पहल के लिए चुनौती हैं, फिर भी एनालिस्ट मानते हैं कि Reliance Jio का यह कदम Digitalization अपनाने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा और यूज़र्स के लिए Web3 को आसान बनाएगा।
क्रिप्टो और ब्लॉकचेन में 7 साल के अनुभव के आधार पर मैं कह सकती हूँ कि Reliance Jio Aptos Partnership भारत में डिजिटल बदलाव की दिशा में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। अगर स्पष्ट रेगुलेटरी दिशा दी जाये तो यह मॉडल मोबाइल और Digital Payments को पूरी तरह बदल सकता है और यूज़र्स को Web3 का असली अनुभव देगा।
Reliance Jio और Aptos Partnership भारत में ब्लॉकचेन अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिओकॉइन के जरिए यूज़र्स मोबाइल डेटा, टॉप-अप और डिजिटल सर्विसेज़ पर सीधे Blockchain Based Rewards कमा और खर्च कर पाएंगे। एप्टोस का तेज़, सुरक्षित और स्केलेबल नेटवर्क इस पहल को भरोसेमंद बनाता है। हालांकि रेगुलेटरी चैलेंजेस हैं, फिर भी यह मॉडल डिजिटल अर्थव्यवस्था और Web3 को अपनाने की स्पीड को बढ़ा सकता है, जिससे यूज़र्स को असली डिजिटल अनुभव मिलेगा।
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