हाल ही में हुए Shiba Inu Exploit हुआ है, जिसमें Layer-2 Blockchain Shibarium पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ है। इसमें एक धोखेबाज ने “Flash Loan” टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर करीब 4.6 मिलियन BONE Token चुरा लिए। Shiba Inu Exploit ने क्रिप्टो वर्ल्ड को हिला दिया है और निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है।
Shiba Inu टीम की मार्केटिंग हेड Lucie ने Shiba Inu Exploit हमले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि ये हमला सोशल इंजीनियरिंग के ज़रिए किया गया, जिसमें किसी की भरोसेमंदी का फायदा उठाकर सिस्टम तक पहुंच बनाई जाती है। ये टेक्नोलॉजी अब क्रिप्टो में आम होती जा रही है। हालांकि इस मुश्किल समय में कम्युनिटी में यूनिटी और उम्मीद भी दिख रही है और Shiba Inu Team भविष्य के लिए सुरक्षा को और मजबूत करने में जुटी है।

Source: यह इमेज Lucie की X पोस्ट से ली गई है। जिसकी लिंक यहां दी गई है।
13 सितंबर 2025 को TheStreet Crypto की रिपोर्ट में बताया गया कि Shibarium पर हुए साइबर हमले में एक खास तरीका Flash Loan इस्तेमाल किया गया। इसके जरिए Shibarium के वैलिडेटर सिस्टम में चूक पकड़कर लगभग 4.6 मिलियन BONE Token को गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया।
ख़ास बात ये है कि इस Shiba Inu Exploit हमले के बाद BONE Token Price अचानक 42% तक बढ़ गया। यह तेजी लोगों के अंदाजों और उम्मीदों का नतीजा थी। इससे ये साफ हो गया कि क्रिप्टो मार्केट में हर छोटी-बड़ी घटना का असर टोकन की कीमतों पर पड़ता है चाहे वो टेक्निकल हो या इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट्स से जुड़ा हो।
2023 में Journal of Cybersecurity में पब्लिश एक स्टडी में बताया गया था कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कुल हैकिंग घटनाओं में से 60% हमले सोशल इंजीनियरिंग से जुड़े होते हैं। इसका मतलब यह है कि टेक्नोलॉजी की बजाय इंसान को निशाना बनाकर हमलावर अपने मकसद में कामयाब होते हैं।
Shibarium का यह मामला भी उसी तरह का लगता है। जांच एजेंसियां, सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और डेवलपर्स मिलकर इस घटना के आधार तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि Shiba Inu Exploit की जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, हमलों के पीछे के तरीके और जिम्मेदार लोगों की पहचान हो सकेगी।
Lucie ने अपनी पोस्ट में कहा, “यह घटना दिल तोड़ने वाली है। लेकिन हमें इससे सीखकर और मजबूत बनकर आगे बढ़ना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि Shiba Inu Security Alert को लेकर डेवलपर्स दिन-रात काम कर रहे हैं। सिस्टम को फिक्स करने, सुधारने और पहले से बेहतर बनाने में लगे हुए हैं। साथ ही उन्होंने उन लोगों की आलोचना की जो इस मौके का फायदा उठाकर खुद को प्रमोट कर रहे हैं।
“हाइना (Hyenas) हमेशा हाइना ही रहेंगे। उनके अंदर कोई हमदर्दी नहीं होती,” Lucie ने स्पष्ट शब्दों में कहा।
क्रिप्टो की दुनिया में ऐसे हमले पहले भी हो चुके हैं। 2016 में जब Ethereum पर DAO Hack हुआ था, तब पूरी कम्युनिटी और डेवलपर्स ने मिलकर सिस्टम को फिर से मजबूत बनाया। उन्होंने एक बड़ा टेक्निकल बदलाव (हार्ड फोर्क) करके नई शुरुआत की और आज Ethereum दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है।
Shibarium के पास भी यही मौका है। अगर टीम और यूज़र्स मिलकर काम करें, तो यह नेटवर्क पहले से भी मजबूत बनकर उभर सकता है।
Shiba Inu Exploit की घटना से एक बात साफ हो गई है। टेक्नोलॉजी जितनी भी मजबूत हो, अगर इंसान धोखा खा जाए तो सिस्टम असुरक्षित हो जाता है। इसलिए सिर्फ कोडिंग और सिक्योरिटी नहीं, बल्कि जागरूकता भी जरूरी है।
जैसे Lucie ने लिखा, “मैं सुपरहीरोज को इसलिए पसंद करती हूं क्योंकि वे हारकर भी उठते हैं और जीतते हैं।”
Shibarium की यह लड़ाई सिर्फ टेक्निकल नहीं, बल्कि इमोशनली भी है – भरोसे की, यूनिटी की और नए तरीके से शुरुआत की।
इतने वर्षों से क्रिप्टो राइटर के रूप में काम करते हुए मैंने देखा है कि सोशल इंजीनियरिंग हमलों को अक्सर टेक्निकल खामियों से कम आंका जाता है, जबकि असली जोखिम वहीं से शुरू होता है। Shibarium जैसी पॉवरफुल ब्लॉकचेन के लिए सिर्फ कोड नहीं, कम्युनिटी अवेयरनेस और टीम की साइकोलॉजिकल ट्रेनिंग भी उतनी ही जरूरी है। टेक्नोलॉजी सिर्फ एक शील्ड है, लेकिन असली पॉवर सतर्कता में है।
Shiba Inu Exploit यह साइबर हमला क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक और चेतावनी है कि सिर्फ टेक्निकल सुरक्षा ही काफी नहीं होती, सामाजिक रूप से भी सुरक्षा जरूरी है। Shibarium के लिए यह एक कठिन समय है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ। इतिहास बताता है कि अगर टीम में हौसला और कम्युनिटी में एकता हो, तो किसी भी गिरावट से वापसी की जा सकती है। बस जरूरत है मिलकर आगे बढ़ने और गलतियों से सीखने की।
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