भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX की Restart की योजना के बारे में बात की जा रही हैं, यह रिस्टार्ट जितना जरूरी है, उतना ही मुश्किल भी है क्योंकि WazirX जीरो से रीस्टार्ट करेगा। जुलाई 2024 में $234 मिलियन की हैकिंग के बाद बंद पड़ा यह प्लेटफॉर्म अब 13 मई 2025 को सिंगापुर हाई कोर्ट की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। मंजूरी मिलते ही कंपनी 10 दिनों में ऑपरेशन फिर से शुरू करने का दावा कर रही है, लेकिन असल चुनौती रिस्टार्ट के समय शुरू होगी, जो WazirX Hack से भी ज्यादा बड़ी होगी। आइए जानते हैं वो बड़ी चुनौतियाँ, जो WazirX के दोबारा खड़े होने की राह में बाधा बन सकती हैं।
2024 की हैकिंग ने साफ कर दिया कि WazirX की सिक्योरिटी वॉल्स कमजोर थीं। अब एक्सचेंज को एक अत्यधिक मजबूत साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क तैयार करना होगा, जिससे यूज़र्स को भरोसा हो सके कि उनका फंड अब सिक्यिर रहेगा। बिना एक ट्रांसपेरेंट और थर्ड-पार्टी ऑडिटेड सिक्योरिटी प्लान के, निवेशकों का विश्वास दोबारा जीतना बेहद ही मुश्किल काम होगा।
हैकिंग की वजह से लाखों यूज़र्स को अपने फंड से हाथ धोना पड़ा था और निकासी रुक गई थी। कई निवेशकों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा भी जाहिर किया था। अब भले ही कंपनी कंपनसेशन स्कीम ला रही हो, लेकिन जो भरोसा टूटा है, उसे फिर से बनाना आसान नहीं होगा। यूज़र्स को ट्रांसपेरेंट कम्युनिकेशन, रेगुलर अपडेट्स और कस्टमर सपोर्ट की ज़रूरत होगी, जो अभी तक काफी हद तक नदारद रहा है।
Zettai की Recovery Token योजना पर यूज़र्स की उम्मीदें टिकी हैं, लेकिन यह योजना अपने आप में एक बड़ा लॉजिस्टिकल और इकोनॉमिक चैलेंज है। Recovery Tokens को कंपनी अपने नेट प्रॉफिट से बायबैक करेगी, लेकिन सवाल ये है कि क्या प्रॉफिट आएगा भी? अगर कंपनी शुरुआती महीनों में नुकसान झेलती है, तो कंपनसेशन प्रोसेस धीमा हो सकता है, जिससे यूज़र्स और नाराज हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में WazirX के खिलाफी लगाईं गई याचिका खारिज होने के बावजूद, रेगुलेटरी अनिश्चितता अब भी बनी हुई है। भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। यदि भविष्य में कोई नई सरकारी नीति आती है या RBI की ओर से कड़ा कदम उठाया जाता है, तो WazirX को एक बड़ा झटका लग सकता है।
जब WazirX बंद था, तब CoinSwitch, CoinDCX जैसे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने मार्केट में अपनी पकड़ को और मजबूत किया हैं। जहाँ CoinSwitch ने WazirX Hack में प्रभावित हुए यूजर्स को आकर्षित करने के लिए 600 करोड़ ($75 मिलियन) का प्लान भी लॉन्च किया था। ऐसे में WazirX को अब दोबारा वही मार्केट शेयर हासिल करने के लिए ज्यादा मार्केटिंग, इनोवेशन और कस्टमर सर्विस में निवेश करना पड़ेगा।
WazirX का दोबारा शुरू होना भले ही कोर्ट की मंजूरी से आसान लग रहा हो, लेकिन असली लड़ाई उसके बाद शुरू होगी। साइबर सिक्योरिटी, यूज़र्स का विश्वास, कंपनसेशन स्कीम, नियामक बाधाएं और कड़ी प्रतिस्पर्धा इन सबका समाधान बिना देरी और ट्रांसपेरेंसी के करना अनिवार्य होगा। अगर कंपनी इन सभी फ्रंट्स पर एक साथ काम नहीं करती, तो उसका “रीस्टार्ट” एक अस्थायी राहत बनकर रह सकता है।
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