Web3 वॉलेट का इस्तेमाल करते समय यूज़र को हर बार एक ही टोकन भेजने के लिए गैस फ़ीस देनी पड़ती है, इसके साथ ही Private Key भूल जाने पर किसी तरह का रिकवरी सिस्टम अवेलेबल नहीं होता और यूजर को हर ट्रांज़ैक्शन मैन्युअल साइन करना ज़रूरी होता है। वॉलेट से जुड़ी यह सभी प्रॉब्लम यूज़र एक्सपीरियंस को ख़राब कर देती है। जैसे-जैसे Web3 में सर्विसेज बढती जा रही हैं Account Abstraction की ज़रूरत और भी ज्यादा महसूस की जाने लगी है। यह कॉन्सेप्ट Web3 को ज़्यादा यूजर-फ्रेंडली, ज़्यादा स्मार्ट और ज़्यादा फ्लेक्सिबल बनाता है।
Account Abstraction एक ऐसा कॉन्सेप्ट है जो ट्रेडिशनल Crypto Wallet की लिमिटेशन को तोड़ता है। Blockchain Networks में सामान्यतः अभी दो प्रकार के अकाउंट होते हैं, EOA (Externally Owned Account) और Smart Contract Account। EOA में यूज़र के पास एक Private Key होती है जिससे वो ट्रांज़ैक्शन साइन करता है, जबकि Smart Contract Account में कोड के द्वारा लॉजिक रन करवाया जाता है।
Account Abstraction इन दोनों के बीच की गैप को ख़त्म करता है और स्मार्ट लॉजिक वाले वॉलेट्स को यूज़र-अकाउंट जैसा व्यवहार करने की क्षमता देता है। इसका मतलब यह है कि इसके बाद वॉलेट सिर्फ एक साइनिंग टूल नहीं रह जाता, बल्कि एक प्रोग्रामेबल सिस्टम बन जाता है जो एक्सिक्यूट, वेरिफ़ाई और अपडेट जैसे काम खुद से कर सकता है।
Account Abstraction, Web3 को एक टेक्निकल सिस्टम से एक यूज़र-फ्रेंडली प्लेटफॉर्म में बदलने में मदद कर रहा है। इसके ज़रिए वॉलेट्स में कई ऐसे फीचर जोड़े जा सकते हैं, जो अब तक केवल सेंट्रलाइज्ड सिस्टम्स में अवेलेबल थे और इसके साथ ही डिसेंट्रलाइजेशन के साथ भी समझौता नहीं होता है। इसके द्वारा:
Smart Wallets वे वॉलेट्स होते हैं जो Account Abstraction की केपेबिलिटी से लैस होते हैं। ये वॉलेट्स खुद से कोड एक्सिक्यूट कर सकते हैं, लिमिटेशन सेट कर सकते हैं और ट्रांज़ैक्शन रूल्स को इम्प्लीमेंट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए:
ये स्मार्ट लॉजिक किसी सेंट्रल अथॉरिटी पर निर्भर नहीं रहता, बल्कि पूरी तरह यूज़र के कंट्रोल में होता है।
अगर कोई यूज़र अपने वॉलेट की Private Key खो देता है तो यह इम्पॉसिबल है कि वह अपने अकाउंट को फिर से रिकवर कर पाए। Account Abstraction इसका सॉल्यूशन Social Recovery Wallet के रूप में देता है।
इसमें यूजर कुछ ट्रस्टेड लोगों को अपने अकाउंट का Guardians सेट कर सकते हैं। इसके बाद अगर वो अपनी एक्सेस खो भी देता है, तो ये Guardians एक वोटिंग या कन्फर्मेशन प्रोसेस के द्वारा उसकी वॉलेट एक्सेस रिकवर कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अब पासवर्ड या Private Key गुम हो जाने के बाद भी एसेट और अकाउंट पर ओनरशिप फिर से पाई जा सकती है।
Meta-transactions वह टेक्निक है जिसमें यूज़र को खुद गैस फ़ीस चुकाने की ज़रूरत नहीं होती बल्कि इसके उपयोग से DApp किसी यूज़र के लिए खुद भी ट्रांज़ैक्शन क्रिएट और खुद डिप्लॉय करने में सक्षम होगा। इसेक साथ गैस फ़ीस भी DApps या कोई थर्ड पार्टी ही दे देती है।
इसका सबसे बड़ा फ़ायदा ये है कि Web3 का उपयोग करने के लिए अब यूज़र को पहले से टोकन खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ती। यह Web3 Wallet के यूजर एक्सपीरियंस को बेहद सरल बना देता है और नए यूजर को ऑनबोर्ड करना आसान हो जाता है।
Account Abstraction की वजह से Web3 में कई नए उपयोग सामने आ रहे हैं:
जैसे-जैसे Web3 में नए यूज़र्स आ रहे हैं, वैसे-वैसे ऐसे सॉल्यूशन की ज़रूरत बढ़ रही है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से जुड़ी टेक्निकल कोम्प्लेक्सिटी को हटाकर स्मूथ एक्सपीरियंस दें। Account Abstraction इसी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन दे रहे हैं। इसका भविष्य बहुत हद तक स्मार्ट वॉलेट्स, Social Recovery और Meta-transactions पर टिका है।
यह केवल टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि जहां Web3 को मॉस एडॉप्शन के लिए तैयार कर रहा है। यह टेक्नोलॉजी डिसेंट्रलाइज़ेशन की डेफिनेशन को सिर्फ़ ओनरशिप से आगे ले जाकर कस्टमाइजेशन और ह्यूमन सेंट्रिक डिज़ाइन तक एक्सपांड करता है। जैसे-जैसे यह टेक्नोलॉजी और मेच्योर होगी, Web3 केवल सिक्योर ही नहीं, बल्कि आसान और मॉस एडॉप्शन के लिए भी तैयार करती जाएगी।
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