Crypto Bubble क्या है, जानिए इसके ट्रेंड में होने का कारण

19-Sep-2024 By: Divya Vilekar
Crypto Bubble क्या है, जानिए इसके ट्रेंड में होने का कारण

Crypto Bubble एक ऐसी सिचुएशन है जिसमें किसी विशेष क्रिप्टोकरेंसी की कीमत अचानक तेजी से बढ़ती है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से स्पेक्युलेशन, FOMO (Fear of Missing Out) और प्रमोशन के कारण होती है। जब यह बबल बनता है, तब यह डिजिटल करेंसी की कीमत को उसकी एक्चुअल वैल्यू से ऊपर ले जाता है। इस न्यूज़ में, हम जानेंगे कि Crypto Bubble कैसे बनता है? इसके चेतावनी संकेत क्या होते हैं और इसके कुछ प्रमुख उदाहरण।

Crypto Bubble कैसे बनता है?

  • इनिशियल हाइप : नई क्रिप्टोकरेंसी की घोषणा होती है और उसके स्पेशल फीचर्स के बारे में चर्चा शुरू होती है। यह हाइप इन्वेस्टर्स का ध्यान आकर्षित करता है।

  • एस्टिमेटेड इन्वेस्टमेंट : जब लोग यह सोचते हैं कि उन्हें तेजी से प्रॉफिट मिलेगा, तो वे क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने लगते हैं।

  • मीडिया अटेंशन : जब किसी क्रिप्टो की कीमत तेजी से बढ़ती है, तो मीडिया उस पर ध्यान देती है। यह FOMO बढ़ाता है, जिससे और अधिक लोग खरीदारी करते हैं।

  • अनरियल एक्साइटमेंट : इन्वेस्टर्स का उत्साह कीमतों को उनकी एक्चुअल वैल्यू से ऊपर ले जाता है, जिससे एक बबल बनता है।

  • बबल बर्स्टिंग : जब कीमतें अचानक गिरने लगती हैं, तो यह बबल फटने का संकेत होता है जिससे इन्वेस्टर्स को भारी नुकसान हो सकता है।

Crypto Bubble के वॉर्निंग साइन्स

  • हाई ट्रेड वॉल्यूम: यदि किसी क्रिप्टोकरेंसी का ट्रेड वॉल्यूम अचानक बढ़ता है, तो यह इमोशनल ट्रेड का संकेत हो सकता है।

  • मार्केट कैपिटलाइज़ेशन: यदि मार्केट कैप एक्चुअल वैल्यू से अधिक बढ़ती है, तो यह बबल बनने का संकेत है।

  • एक्सट्रीम वोलैटिलिटी: कीमतों में तेजी से बदलाव भी स्पेक्युलेशन का संकेत है।

  • फियर और ग्रीड इंडेक्स: यह इंडेक्स जब एक्सट्रीम फियर या ग्रीड दिखाता है, तो यह इमोशनल मार्केट का संकेत हो सकता है।

  • मार्जिन ट्रेडिंग में वृद्धि: यदि मार्जिन ट्रेडिंग में अचानक वृद्धि होती है, तो यह स्पेक्युलेटिव एक्टिविटीज़ को दर्शाता है।

कन्क्लूजन

Crypto Bubble ऐसी सिचुएशन है जहां कीमतें तेजी से बदलती हैं और इसकी वजह स्पेक्युलेशन और पब्लिसिटी होती है। एक बार बबल बनने के बाद, यह अक्सर फट जाता है, जिससे कीमतों में भारी गिरावट आती है। इसलिए, इन्वेस्टर्स को चाहिए कि वे अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइ करें, मार्केट ट्रेंड्स पर नजर रखें और इमोशनल ट्रेडिंग से बचें। Crypto Bubble के इस ट्रेंड को समझना बेहद जरूरी है, ताकि आप Financial Loss  से बच सकें।

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