Aptos Blockchain पिछले एक साल में भारत में बहुत तेजी से बढ़ा है। Moneycontrol को दिए एक इंटरव्यू में एप्टोस के Co-founder और CTO Avery Ching ने बताया कि अब Aptos के कुल 20 मिलियन मंथली एक्टिव एड्रेस में से 10 मिलियन से ज्यादा इंडिया से हैं। इसका मतलब है कि अभी एप्टोस के आधे से ज्यादा यूज़र इंडिया से आते हैं। यह आंकड़ा दिखाता है कि भारत में इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और देश की ब्लॉकचेन दुनिया में पकड़ भी मज़बूत हो रही है।
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2024 के आखिरी महीनों में Aptos के 8.5 मिलियन कुल एड्रेस थे, जिनमें से 6.5 मिलियन भारतीय थे। लेकिन 2025 में यह संख्या बढ़कर 10 मिलियन से ऊपर पहुंच गई। इतनी तेज़ वृद्धि बताती है कि इंडिया अब एप्टोस का सबसे बड़ा मार्केट बन रहा है। Team का कहना है कि इंडिया में डेवलपर्स की बढ़ती संख्या, डिजिटल पेमेंट की आदत और Web3 स्टार्टअप्स की बढ़त ने इस ट्रेंड को और तेज़ कर दिया है।
इंडिया में Aptos की तेज़ ग्रोथ के पीछे Reliance Jio और Aptos Partnership की बहुत बड़ी भूमिका है। Jio भारत का सबसे बड़ा टेलीकॉम नेटवर्क है और उसके साथ जुड़ने से Aptos को करोड़ों नए यूज़र्स तक पहुंचने में मदद मिली। Jio के Web3 टूल्स और टेक्नोलॉजी ने एप्टोस के ऐप्स को तेज़ और बेहतर बनाया, जिससे इंडिया में नए यूज़र्स को जोड़ना और आसान हो गया। यह पार्टनरशिप न केवल इसकी पहुंच बढ़ाती है, बल्कि इंडिया को Web3 Technology का ग्लोबल सेंटर बनाने में भी मदद करती है।
एप्टोस की इंडिया में पहचान बढ़ाने में इसके India Accelerator Program का भी बड़ा योगदान है। इसका उद्देश्य भारतीय डेवलपर्स को ट्रेनिंग देना, फंडिंग देना और नए Web3 Project तैयार करने में मदद करना है। एप्टोस का कहना है कि इस प्रोग्राम में कई कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज़ और स्टार्टअप्स ने भाग लिया और इनमें से कई को इंटरनेशनल पहचान मिली। इससे इंडियन डेवलपर कम्युनिटी में एप्टोस का भरोसा बढ़ा और नेटवर्क पर एक्टिविटी भी बढ़ी।
एप्टोस ने हाल के महीनों में कई वेब 3 कैटेगरी में अच्छा परफ़ॉर्म किया है। भारत की वजह से RWA (Real World Assets) TVL और Stablecoin Activity में भी तेज़ वृद्धि देखी गई है।
भारत में डिजिटल पेमेंट, टोकनाइजेशन और क्रिप्टो को तेजी से अपनाया जा रहा है और इसका सीधा फायदा एप्टोस को मिल रहा है। Avery Ching ने कहा कि India में बढ़ते यूज़र्स यह दिखाते हैं कि यहां की ऑडियंस Web3 Technology अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
कुछ रिपोर्ट्स में गलत तरीके से Avery Ching को CEO कहा गया था, जबकि उनका पद CTO है। Aptos Labs के CEO Mo Shaikh हैं। जानकारी की सही जांच किसी भी प्लेटफॉर्म की रिलायबिलिटी के लिए जरूरी होती है।
यह बयान कि उसके आधे मंथली एड्रेस भारत से आते हैं, यह दिखाता है कि India का Web3 Sector कितनी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। देश का डेवलपर बेस, मजबूत डिजिटल सिस्टम, युवा टैलेंट और बड़ा यूज़र मार्केट ये सभी बातें एप्टोसजैसे नेटवर्क्स के लिए भारत को सबसे बेहतर जगह बनाती हैं। Reliance जैसी बड़ी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप और भारतीय डेवलपर्स के लिए खास प्रोग्राम बताते हैं कि यह आने वाले समय में India को अपने सबसे महत्वपूर्ण विकास क्षेत्रों में शामिल रखेगा।
Crypto और Web3 सेक्टर में अपने 7 साल के अनुभव के आधार पर मैं मानती हूँ कि भारत में इस ब्लॉकचैन की यह तेज़ वृद्धि केवल यूज़र नंबर का इशारा नहीं है, बल्कि आने वाले वेब 3 इकोनॉमी की दिशा भी बताती है। भारत जैसे बड़े डिजिटल मार्केट में इतनी मजबूत ग्रोथ यह साबित करती है कि एप्टोस सही समय पर सही स्ट्रेटेजी अपना रहा है।
एप्टोस के लिए India अब सिर्फ एक उभरता हुआ मार्केट नहीं, बल्कि उसका सबसे मजबूत वेब 3 सेंटर बन चुका है। Reliance Jio पार्टनरशिप, तेजी से बढ़ती डेवलपर कम्युनिटी और डिजिटल पेमेंट की बढ़ती आदत ने इसकी ग्रोथ को कई गुना तेज किया है। भारत से मिल रहे 10 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूज़र साबित करते हैं कि आने वाले वर्षों में एप्टोस और भारत मिलकर Web3 इकोसिस्टम को नई दिशा दे सकते हैं।
डिस्क्लेमर
यह रिपोर्ट केवल सूचना देने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें दिए गए आंकड़े और बयान ऑफिशियल सोर्स पर बेस्ड हैं। यह किसी भी प्रकार की फाइनेंशियल सलाह या निवेश सुझाव नहीं है। Crypto और Web3 सेक्टर में निवेश करने से पहले रिसर्च करना आवश्यक है।
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