क्रिप्टो निवेश को लेकर भारत में चल रही बहस अब फिर से तेज हो गई है। BJP नेता और पूर्व सांसद Ritesh Pandey ने अपने X हैंडल @mpriteshpandey से एक पोस्ट कर Crypto Tax को लेकर केंद्र सरकार से निवेदन किया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत को क्रिप्टो पर स्पष्ट कानून बनाने और टैक्स दर को घटाने की ज़रूरत है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब Web3 वेंचर फर्म Hashed Emergent और नीति सलाहकार समूह Blackdot Policy ने मिलकर भारत का पहला मॉडल क्रिप्टो कानून COINS Act 2025 पेश किया है। ऐसे में क्रिप्टो टैक्स को लेकर राजनीति और नीति दोनों स्तरों पर हलचल बढ़ गई है।
Ritesh Pandey ने अपनी X पोस्ट में कहा कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 में सरकार को क्रिप्टो इनकम से ₹437.43 करोड़ का टैक्स मिला है, जो पिछले साल की तुलना में 63% अधिक है। उन्होंने इसे लोगों की बढ़ती दिलचस्पी का प्रमाण बताया।

उनका मानना है कि 30% का Crypto Tax और 1% TDS निवेशकों को डरा रहा है। यह दरें बहुत अधिक हैं और इस वजह से लोग या तो Underground Trading की ओर जा रहे हैं या फिर निवेश से दूर हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका सहित कई देशों ने क्रिप्टो आधारित ETF को मंजूरी दी है, जबकि भारत अभी भी स्पष्ट नीतियों से दूर है। Pandey ने TDS को हटाने और Crypto Tax की दर कम करने की सिफारिश की ताकि भारत की डिजिटल असेट्स इकोनॉमी को गति मिल सके।
Pandey का यह बयान इसलिए और अहम हो गया क्योंकि इसी दिन भारत का पहला मॉडल क्रिप्टो कानून, COINS Act 2025 पेश किया गया। यह कानून क्रिप्टो एसेट्स के लिए एक क्लियर, फ्लेक्सिबल और इन्वेस्टर-फ्रेंडली फ्रेमवर्क देने की कोशिश करता है।
COINS Act 2025 में प्रस्तावित है:
इस कानून को सरकार ने अभी स्वीकार नहीं किया है, लेकिन यह एक सकारात्मक संकेत है कि अब नीति स्तर पर भी सुधारों की बात शुरू हो चुकी है।
Ritesh Pandey ने भारतीय रिजर्व बैंक के रुख को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि RBI ने खुद Digital Rupee जारी किया है, लेकिन Crypto पर नकारात्मक स्टैंड होने की वजह से डिजिटल करेंसी इकोसिस्टम ही पनप नहीं पा रहा।
उनका मानना है कि अगर सरकार और रिजर्व बैंक क्रिप्टो को लेकर सहानुभूतिपूर्वक कदम नहीं उठाएंगे, तो भारत ग्लोबल Web3 रेस में पीछे रह जाएगा। RBI को क्रिप्टो को प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सहयोगी के रूप में देखना चाहिए।
एक क्रिप्टो राइटर होने के नाते मेरा मानना है कि, Ritesh Pandey का बयान केवल राजनीतिक स्टेटमेंट नहीं है, बल्कि भारतीय क्रिप्टो इकोसिस्टम की वास्तविक आवश्यकता को दर्शाता है। मौजूदा Crypto Tax रेट काफी ज्यादा हैं और ये न केवल ट्रेडिंग को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि Web3 इनोवेशन को भी रोक रही हैं।
अगर भारत को क्रिप्टो में ग्लोबल लीडर बनना है, तो उसे अमेरिका, सिंगापुर, यूएई जैसे देशों की तरह क्लियर और प्रोग्रेसिव टैक्स फ्रेमवर्क अपनाना होगा। COINS Act 2025 जैसे प्रस्ताव इस दिशा में एक अच्छी शुरुआत हैं, लेकिन असली बदलाव तब होगा जब सरकार इसे लागू करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाएगी।
Ritesh Pandey के बयान से यह स्पष्ट है कि अब Crypto Tax को लेकर केवल क्रिप्टो कम्युनिटी ही नहीं, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व भी आवाज़ उठाने लगा है। COINS Act 2025 जैसे प्रस्ताव और बढ़ती टैक्स कलेक्शन से यह साफ हो गया है कि क्रिप्टो अब भारत के वित्तीय भविष्य का हिस्सा बन चुका है।
अब ज़रूरत है कि सरकार इस फीडबैक को गंभीरता से ले और क्रिप्टो टैक्स स्ट्रक्चर में व्यावहारिक और संतुलित बदलाव करे, ताकि निवेशकों का भरोसा बढ़े और भारत क्रिप्टो इकोनॉमी में अग्रणी भूमिका निभा सके।
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