हाल ही में Coinbase ने Shiba Inu के लिए रेगुलेटेड फ्यूचर्स पेश किए हैं, जिसे “1k Shib Index” नाम दिया गया है। इस कदम ने निवेशकों के बीच यह चर्चा तेज कर दी है कि क्या अब Shiba Inu ETF Launch की संभावना बढ़ गई है। Lucie, जो प्रोजेक्ट की मार्केट लीड हैं, ने अपने बयान में कहा कि हम उसी रास्ते पर हैं जिस पर Bitcoin और Ethereum चले थे और आखिरकार उन्हें Spot ETF की मंजूरी मिली। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या Shiba Inu भी इटीएफ वॉचलिस्ट में शामिल हो गया है?

Source – यह इमेज Lucie की X Post से ली गई है।
शीबा इनु इटीएफ का मतलब एक ऐसा निवेश साधन है जिसमें क्रिप्टो टोकन को रेगुलेटेड तरीके से स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड किया जा सके। इससे SHIB को संस्थागत निवेशकों तक पहुँचने का मौका मिलेगा। इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अभी तक SHIB को “मीम टोकन” की पहचान से आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है।
इटीएफ से मिलने वाली ट्रांसपेरेंसी और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क टोकन की विश्वसनीयता को मजबूत कर सकता है। यह वही स्ट्रक्चर है जिसने Bitcoin और Ethereum को मेनस्ट्रीम फाइनेंस में जगह दिलाई। Coinbase पर फ्यूचर्स लिस्टिंग इसका पहला कदम मानी जा रही है।
SEC ने हाल ही में क्रिप्टो इटीएफ के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिससे प्रोसेस आसान हो गयी है। अब हर आवेदन को अलग-अलग समीक्षा करने की ज़रूरत नहीं है। Coinbase Derivatives पर SHIB के फ्यूचर्स पहले से उपलब्ध हैं, जो रेगुलेटरी बॉडी को प्राइसिंग और ओवरसाइट का आधार देते हैं।
हालाँकि, सिर्फ फ्यूचर्स से Spot ETF का रास्ता साफ नहीं होता। मार्केट लिक्विडिटी, कस्टडी सॉल्यूशन और मैनिप्युलेशन-रेज़िस्टेंस जैसे फैक्टर भी अहम हैं। इसकी संभावना तब ही हैं जब ये सभी शर्तें पूरी हों।
शीबा इनु इटीएफ लॉन्च की चर्चा अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। यह बताता है कि प्रोजेक्ट ने शुरुआत के मीम टैग से निकलकर अब मेनस्ट्रीम ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया है।
अगर SHIB सीधे इटीएफ न भी पाए, तो वह “Basket ETF” के ज़रिए टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसी लिस्ट में शामिल हो सकता है। इससे टोकन को अप्रत्यक्ष रूप से संस्थागत निवेश मिलेगा। इसका फायदा यह होगा कि रिटेल और बड़े निवेशक दोनों टोकन को एक भरोसेमंद इन्वेस्टमेंट ऑप्शन मान सकेंगे।
बतौर क्रिप्टो राइटर 3 साल और न्यूज़ राइटर 13 साल के अपने अनुभव से अगर कहूँ तो, मेरे विचार में शीबा इनु इटीएफ लॉन्च की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता। Coinbase Futures की उपलब्धता और SEC के नए नियम इसे रेगुलेटेड दिशा में आगे बढ़ाते हैं। लेकिन यह भी सच है कि SHIB को अभी भी “मीम कॉइन” की इमेज से बाहर निकलने के लिए लंबा सफर तय करना होगा।
ETF की मंजूरी केवल तकनीकी शर्तों पर नहीं बल्कि मार्केट की डिमांड और इश्यूअर सपोर्ट पर भी निर्भर करती है। अगर आने वाले समय में बड़े एसेट मैनेजमेंट फर्म्स SHIB Token को बैक करने का निर्णय लेते हैं, तो इसकी संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
शीबा इनु इटीएफ लॉन्च को लेकर उठ रही चर्चाएं निवेशकों के लिए उत्साहजनक हैं। Coinbase Futures की शुरुआत और रेगुलेटरी बदलावों से इसे वॉचलिस्ट में स्थान मिल चुका है। हालांकि स्पॉट इटीएफ के लिए अभी और प्रयासों की आवश्यकता है।
निवेशकों को यह समझना चाहिए कि यह सफर लंबा हो सकता है, लेकिन केवल चर्चा में शामिल होना ही टोकन के लिए बड़ी उपलब्धि है। अगर Shiba Inu ETF Launch होता है, तो यह क्रिप्टो मार्केट के लिए एक नया माइलस्टोन साबित होगा और मीमकॉइन से मेनस्ट्रीम फाइनेंस तक का सफर पूरा कर देगा।
Copyright 2025 All rights reserved