Financial Year 2024-25 में भारत में Crypto TDS Collection को लेकर एक अहम आंकड़ा सामने आया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ऑफशियल डेटा के अनुसार, इस दौरान Crypto ट्रांजैक्शन्स पर कटने वाला टीडीएस पिछले साल की तुलना में तेज़ी से बढ़ा है। यह बढ़ोतरी इस बात का संकेत मानी जा रही है कि तमाम टैक्स नियमों और सख्ती के बावजूद डिजिटल एसेट्स में लोगों की एक्टिविटी कम नहीं हुई है।
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सरकारी डेटा के मुताबिक, FY 2024-25 में क्रिप्टो से टोटल ₹511.83 करोड़ का Crypto TDS Collection जमा हुआ। पिछले Financial Year में यह आंकड़ा ₹362.70 करोड़ था। इस तरह करीब 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि क्रिप्टो पर पहले से 1 प्रतिशत टीडीएस और 30 प्रतिशत फ्लैट टैक्स लागू है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में VDA से जुड़े क्रिप्टो ट्रांजैक्शन्स का कुल मूल्य करीब ₹30,230 करोड़ रहा। वहीं अगले वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर लगभग ₹43,743 करोड़ तक पहुंच गया, जिससे क्रिप्टो Tax कलेक्शन में तेज़ बढ़त देखने को मिली। इस दौरान भारत सरकार ने 2 साल में ₹700 करोड़ क्रिप्टो टैक्स वसूला हैं।
एनालिस्ट का मानना है कि Crypto TDS Collection में हुई इस बढ़त की सबसे बड़ी वजह क्रिप्टो ट्रांजैक्शन्स की संख्या और वॉल्यूम में वृद्धि है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वित्त वर्ष में कुल क्रिप्टो ट्रांजैक्शन ₹51,000 करोड़ से अधिक रहा।
मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग एक्टिविटी जारी रहना
नए और पुराने यूज़र्स का लगातार पार्टिसिपेशन
एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स पर एक्टिव ट्रांजैक्शन्स
यह आंकड़े उस धारणा को चुनौती देते हैं कि भारी टैक्स के कारण भारत में Crypto एक्टिविटी पूरी तरह थम गई हैं। माना जा रहा था कि 1 प्रतिशत टीडीएस से ट्रेडिंग घटेगी, लेकिन मौजूदा डेटा कुछ और ही कहानी कहता है। हालांकि, यूज़र्स के बीच टैक्स को लेकर असंतोष अभी भी मौजूद है।
स्टेट वाइज कलेक्शन की बात करें तो महाराष्ट्र और कर्नाटक से सबसे ज्यादा टीडीएस सामने आया है। इन राज्यों में टेक और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से जुड़े यूज़र्स की संख्या अधिक है। इसके अलावा मेट्रो शहरों से भी Crypto गतिविधियों में मजबूत पार्टिसिपेशन देखा गया है।
हाल ही में एक खबर के अनुसार, Crypto TDS से भारत सरकार ने 3 साल में 1100 करोड़ कमाए है, Finance Ministry ने वित्त वर्ष 2023, 2024 और 2025 से जुड़े नए आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक, इन तीनों वर्षों के दौरान क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कुल करीब ₹1,100 करोड़ का Crypto TDS Collection दर्ज किया गया है।
सोशल मीडिया और कम्युनिटी प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेडर्स के रिएक्शंस अलग-अलग नजर आये। कुछ लोगों ने इसे भारत में Cryptocurrency को अपनाने का पॉजिटिव संकेत बताया, जबकि कई यूज़र्स Tax स्ट्रक्चर को बोझ मान रहे हैं।
मुख्य सवाल जो उठे:
नुकसान में ट्रेड करने पर ITR फाइल करना जरूरी है या नहीं
टीडीएस कटने के बाद रिफंड कैसे मिलेगा
लॉन्ग टर्म में Tax पॉलिसी बदलेगी या नहीं
दूसरी ओर कई यूज़र्स Tax सिस्टम से परेशान नजर आए। खासकर वे लोग जिनका ट्रेडिंग में नुकसान हुआ है। ऐसे यूज़र्स यह जानना चाहते हैं कि घाटे की स्थिति में भी ITR File करना जरूरी है या नहीं और टीडीएस का क्या होगा।
Tax एनालिस्ट के अनुसार, क्रिप्टो Tax नियमों को लेकर अभी भी पर्याप्त जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच पाई है। इसी वजह से कई यूज़र्स सही प्रोसेस को लेकर भ्रम में रहते हैं और सवाल उठते रहते हैं।
Crypto TDS Collection में हुई यह बढ़त दिखाती है कि भारत में Cryptocurrency सेक्टर पूरी तरह रुका नहीं है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि सरकार आगे चलकर टैक्स नीति में कोई बदलाव करती है या मौजूदा सिस्टम के साथ ही आगे बढ़ती है।
मेरे 7 साल के Cryptocurrency अनुभव में यह साफ दिखता है कि टैक्स से मार्केट की स्पीड धीमी हो सकती है, लेकिन इंटरेस्ट खत्म नहीं होता। भारत में यूज़र्स अब ज्यादा समझदारी से ट्रेड कर रहे हैं। Crypto TDS Collection डेटा बताता है कि क्रिप्टो सेक्टर अभी भी एक्टिव और जिंदा है।
Crypto TDS Collection में 41% की बढ़ोतरी यह साबित करती है कि भारत में डिजिटल एसेट्स को लेकर इंटरेस्ट बना हुआ है। भारी टैक्स और नियमों के बावजूद यूज़र्स पूरी तरह मार्केट से बाहर नहीं हुए हैं। हालांकि टैक्स सिस्टम को लेकर असंतोष बना हुआ है, लेकिन एक्टिविटी का लेवल बताता है कि क्रिप्टो सेक्टर अभी थमा नहीं है। आने वाले समय में सरकार की टैक्स पॉलिसी इस सेक्टर की दिशा तय करेगी।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी को निवेश, टैक्स या कानूनी सलाह न माना जाए। क्रिप्टो निवेश जोखिम के अधीन है। किसी भी फाइनेंशियल डिसीजन से पहले योग्य एडवाइजर से परामर्श अवश्य लें।
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