सरकार ने दो साल में क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल असेट्स से भारत में वसूले 70,000 करोड़ रुपये India Crypto Tax। जी हाँ एक ऐसा अमाउंट जो देश की अर्थव्यवस्था को हिला सकता है। आयकर अधिनियम, 1961 के तहत फाइनेंशियल ईयर 2022-23 से VDA की ट्रांसफर से होने वाली इनकम पर टैक्स लगाया गया है। इस टैक्स का उद्देश्य डिजिटल एसेट्स से होने वाली इनकम को पूरी तरह से टैक्स दायरे में लाना और टैक्स चोरी को रोकना है।

Source: Sumit Gupta CoinDCX
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में VDA से लगभग 30,230 करोड़ रुपये का India Crypto Tax ट्रांजैक्शन हुआ। इसके बाद फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में यह अमाउंट बढ़कर 43,743 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। हालांकि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए Income Tax Return Filing करने की लास्ट डेट अभी समाप्त नहीं हुई है, इसलिए इस साल की टैक्स वसूली का आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं है।
भारत सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 और 2023-24 के लिए वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) या क्रिप्टो ट्रांजैक्शनों पर लागू 1% TDS (Tax Deducted at Source) का आंकड़ा शेयर किया है। इस ड्यूरेशन में सरकार ने 706.52 करोड़ रुपए TDS के रूप में इकट्ठा किए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कम-से-कम 70,652 करोड़ रुपए के स्पॉट क्रिप्टो ट्रांजैक्शन भारत में किए गए हैं और वह भी केवल FIU-Registered एक्सचेंजों पर।

इस आंकड़े का महत्व तब और बढ़ जाता है जब हम यह देखते हैं कि भारत सरकार ने क्रिप्टो को अप्रत्यक्ष रूप से बैन करने की कोशिश की है।
इस बात से साफ़ है कि क्रिप्टोकरेंसी भारत में अब सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक मजबूत फाइनेंशियल ऑप्शन बनती जा रही है। अगर आप जानना चाहते हैं
ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार का 1% TDS India Crypto Taxसिर्फ क्रिप्टो की स्पॉट ट्रेडिंग पर ही लगता है। परपेचुअल और फ्यूचर्स ट्रेडिंग, जो क्रिप्टो के डेरिवेटिव्स होते हैं, उन पर यह टैक्स नहीं लगता। इस वजह से बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे CoinDCX ने अब अपने ज़्यादातर ट्रेडिंग को परपेचुअल और मार्जिन ट्रेडिंग की तरफ शिफ्ट कर दिया है। आज ये ट्रेडिंग एक्सचेंज के कुल 80% से भी ज्यादा ट्रांजैक्शन का हिस्सा हैं।
इसका मतलब ये है कि सरकार के सामने जो आंकड़े हैं यानी 70,652 करोड़ रुपये का क्रिप्टो ट्रांजैक्शन वो केवल स्पॉट ट्रेडिंग के हैं। असल में, अगर परपेचुअल और फ्यूचर्स को भी जोड़ा जाए, तो भारत में क्रिप्टो का टोटल टर्नओवर इससे कहीं ज्यादा होगा।
हाल ही में BJP नेता और पूर्व सांसद Ritesh Pandey ने केंद्र सरकार से Crypto Tax को लेकर निवेदन किया है की भारत में Crypto Tax को घटाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत को क्रिप्टो पर कानून बनाने और India Crypto Tax को घटाना चाहिए।
NSE और क्रिप्टो ट्रेडिंग के आंकड़ों के आधार पर इसे आसानी से समझें।
| पॉइंट्स | NSE (शेयर मार्केट) | क्रिप्टो मार्केट (भारत) |
| फाइनेंशियल ईयर | 2024-25 | 2023-24 (क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग) |
| ट्रेडिंग टर्नओवर | ₹1,12,963 करोड़ | ₹70,652 करोड़ |
| ट्रेंड | स्टेबल और डेवलप | तेजी से बढ़ रहा है |
| यूजर्स की संख्या | लाखों निवेशक | लगातार बढ़ती संख्या |
| टैक्सेशन | स्पष्ट नियम, TDS लागू | केवल स्पॉट ट्रेडिंग पर 1% TDS, अन्य ट्रेडिंग पर नहीं |
| भविष्य की संभावना | स्ट्रांग और स्टेबल | तेज़ डेवलपमेंट, स्केलेबल और बढ़ता हुआ |
Explanation:
NSE का टर्नओवर ₹1,12,963 करोड़ है, जो क्रिप्टो के ₹70,652 करोड़ के मुकाबले अधिक है। हालांकि, क्रिप्टो मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और इसमें नए यूजर्स की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। साथ ही, क्रिप्टो की ट्रेडिंग के नियम और India Crypto Tax अभी पूरी तरह से डेवलप नहीं हुए हैं। इसका मतलब है कि क्रिप्टो मार्केट का फ्यूचर ब्राइट है और आगे यह और भी बड़ा हो सकता है।
हर क्रिप्टो निवेशक के मन में एक बड़ा सवाल है। क्या सरकार 1% TDS हटाएगी? फिलहाल इसका जवाब कुछ स्पष्ट नहीं है। हालांकि 1% की कटौती निवेशकों के लिए भारी लगती है, तो मुझे लगता है की क्रिप्टो सेक्टर में मेरे इतने वर्षो के एक्सपीरियंस के अनुसार, मेरा ऐसा मानना है की अगर 1% TDS नहीं हटता है तो इसे .1% तो कर देना चाहिए।
क्योंकि सरकार के पास क्रिप्टो ट्रांजैक्शन की निगरानी करने का सबसे असरदार तरीका यही TDS ही है। जब भी कोई यूज़र क्रिप्टो खरीदता या बेचता है, तब एक्सचेंज उस पर 1% India Crypto Taxकाटकर सरकार को भेजता है। इससे सरकार को यह जानकारी मिलती है कि किसने कितनी ट्रेडिंग की है। अगर TDS हटा दिया जाए, तो सरकार को यह ट्रैक करना मुश्किल हो जाएगा कि किसने टैक्स सही भरा या नहीं। यह सिर्फ India Crypto Tax है, इसका साफ़ आंकड़ा अभी स्पष्ट नहीं हुआ है की सरकार कितनी कटौती कर सकती है।
जब तक कोई ठोस कानून या रेगुलेशन नहीं बनता, तब तक TDS सरकार की निगरानी का अहम टूल बना रहेगा। क्रिप्टोकरेंसी पर 1% TDS फिलहाल सरकार के पास टैक्स ट्रैकिंग का सबसे भरोसेमंद जरिया है। जब तक कोई स्पष्ट और मजबूत रेगुलेटरी फ्रेमवर्क नहीं आता, तब तक इसे हटाना मुश्किल है। हालांकि निवेशकों के लिए 1% की रेट भारी लगती है, लेकिन TDS डेटा के बिना सरकार के लिए India Crypto Tax अनुपालन सुनिश्चित करना लगभग असंभव होगा। ऐसे में India Crypto Tax फिलहाल क्रिप्टो की निगरानी और ट्रांसपेरेंसी बनाए रखने का मुख्य जरिया बना रहेगा।
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