भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से जुड़े ट्रांज़ैक्शन लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके साथ टैक्स कंप्लायंस को लेकर चिंताएं भी सामने आ रही हैं। हाल ही में Income Tax Department ने 3 Crypto Exchanges पर कार्रवाई की है, जो भारतीय यूजर्स से जुड़े TDS नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। जांच में पता चला कि इन प्लेटफॉर्म्स ने ₹39.8 करोड़ का TDS नियमों के अनुसार जमा नहीं किया। इसके अलावा ₹125.79 करोड़ की अनडिस्क्लोड इनकम भी सामने आई, जो इन Crypto Exchanges ने संबंधित डाक्यूमेंट्स में नहीं दिखाई थी।
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Income Tax Department की कार्रवाई सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं रही। टीमों ने कई जगहों पर सर्च और सीज़र ऑपरेशन चलाए, जहाँ से ₹888.82 करोड़ की एक्स्ट्रा एसेट्स, कैश और डिजिटल डेटा मिला। यह साफ दिखाता है कि गड़बड़ी सिर्फ TDS तक नहीं थी, बल्कि पैसों की एक्टिविटीज को बड़े पैमाने पर छिपाया गया था। इतनी बड़ी रिकवरी बताती है कि नियमों की अनदेखी गंभीर थी और इससे सरकार के रेवेन्यू को बड़ा नुकसान हो सकता था।
इसके पहले भी Tax Department की नजर में पुराने Undisclosed Crypto Trades आए थे। अब डिपार्टमेंट पिछले वर्षों की अनरिपोर्टेड ट्रेड्स का पूरा रिकॉर्ड खंगाल रहा है। यह साफ संकेत है कि जिन निवेशकों ने पहले सही रिपोर्टिंग नहीं की है, उनके लिए आगे चलकर जांच से बच पाना बेहद मुश्किल हो सकता है।
ज्यादातर गड़बड़ियां उन Crypto Exchanges से जुड़ी पाई गईं, जो भारत में ऑफिशियल रूप से रजिस्टर्ड नहीं हैं लेकिन भारतीय यूजर्स को सर्विस देते हैं। ये प्लेटफॉर्म TDS काटने की जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे थे, जबकि भारत में 1% TDS नियम अप्रैल 2022 से लागू है। सरकार ने हाल के महीनों में इन ऑफशोर प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी बढ़ा दी है, क्योंकि कई यूज़र Tax नियमों की जानकारी न होने या Crypto Exchanges की लापरवाही की वजह से परेशानी में आ चुके हैं।
भारत ने 2022 में क्रिप्टो टैक्स नियम लागू किए थे, जिसमें 30% Tax और 1% TDS शामिल है। सरकार के आंकड़े बताते हैं कि टीडीएस से मिलने वाला रेवेन्यू लगातार बढ़ रहा है।
FY 2022-23 में TDS कलेक्शन: ₹221.27 करोड़
FY 2024-25 में TDS कलेक्शन: ₹511.83 करोड़
इन आंकड़ों से समझ आता है कि भारत में क्रिप्टो लेनदेन का दायरा तेजी से बढ़ा है और उपयोगकर्ता Tax नियमों को धीरे-धीरे अपनाने लगे हैं। हालांकि, गैर-अनुपालन के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं, जिससे सरकार को अतिरिक्त कदम उठाने पड़ रहे हैं।
यूजर्स में जागरूकता की कमी - कई लोग क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन करते समय टैक्स नियमों, TDS कटौती और रिपोर्टिंग को ठीक से नहीं समझते, जिससे गलतियाँ बढ़ जाती हैं।
टेक्निकल जानकारी का अभाव - ब्लॉकचेन और टैक्स से जुड़े टेक्निकल पहलुओं को समझना सभी के लिए आसान नहीं है।
विदेशी Crypto Exchanges का नियमों का पालन न करना - भारत के बाहर के कई प्लेटफॉर्म अभी भी भारतीय टैक्स नियमों को ठीक से लागू नहीं कर रहे, जिससे गड़बड़ियाँ बढ़ती हैं।
सरकार की बढ़ती निगरानी - नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है ताकि पूरा क्रिप्टो सिस्टम सुरक्षित और भरोसेमंद बन सके।
यह कार्रवाई एक साफ संकेत है कि सरकार अब टैक्स नियमों को हल्के में लेने वाले प्लेटफॉर्म्स को बिल्कुल नहीं छोड़ेगी। इसलिए यूज़र्स को ऐसे Crypto Exchanges चुनने चाहिए जो भारत के टैक्स नियमों का सही पालन करें। जो लोग नियमित क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन करते हैं, उन्हें अपने ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड संभालकर रखना और टैक्स भरते समय उन्हें शामिल करना जरूरी है। ऐसा करने से भविष्य में नोटिस, पेनल्टी या किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बचा जा सकता है।
क्रिप्टो इंडस्ट्री में 7 साल के पेशेवर अनुभव से मैं साफ देख सकती हूँ कि भारत का यह कदम मार्केट को अधिक सेफ और ट्रांसपेरेंट बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। TDS कंप्लायंस को लेकर लापरवाही लंबे समय से चिंता का विषय रही है। यह कार्रवाई यूज़र्स और कंपनियों दोनों को जिम्मेदार बनाया है, जो आगे बेहतरीन इकोसिस्टम बनाएगी।
आयकर विभाग की यह कार्रवाई भारत के क्रिप्टो सेक्टर के लिए एक बड़ा मोड़ मानी जा रही है। जांच में तीन Crypto Exchanges से ₹39.8 करोड़ का टीडीएस, ₹125.79 करोड़ की छुपाई गई इनकम और ₹888.82 करोड़ की सीज़र की गई एसेट्स मिलीं। ये आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार अब डिजिटल एसेट्स पर पहले से कहीं ज्यादा सख्ती से नजर रख रही है। वहीं, बढ़ता टीडीएस कलेक्शन बताता है कि भारत धीरे-धीरे क्रिप्टो टैक्स सिस्टम के साथ एडजस्ट हो रहा है।
डिस्क्लेमर: यह कंटेंट सिर्फ सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दिए गए आंकड़े सरकारी रिपोर्ट्स और उपलब्ध सोर्स पर बेस्ड हैं। यह किसी भी निवेश, टैक्स या फाइनेंशियल एडवाइज का ऑप्शन नहीं है। यूज़र्स क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन या टैक्स डिसीजन लेते समय रिसर्च करें।
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