दुनिया की सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट बैंक JPMorgan ने अपना इनोवेटिव ब्लॉकचेन बेस्ड Deposit Token यानी JPM Coin लॉन्च कर दिया है। यह टोकन अब Coinbase के Base Chain पर लाइव हो गया है, जिससे बैंक के इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट्स अमेरिकी डॉलर को डिजिटल रूप में जमा करके ट्रांसफर कर सकते हैं। इस लॉन्च को ट्रेडिशनल बैंकिंग और क्रिप्टो फाइनेंस की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

Source: यह इमेज Nischal (Shardeum) की X Post से ली गयी है। जिसकी लिंक यहां दी गई है।
JPM Coin देखने में भले ही Stablecoin जैसा लगे, लेकिन इसमें एक खास फर्क है। इस टोकन में निवेश करने वाले ग्राहकों को उनके जमा पैसों पर ब्याज खुद मिलता है, न कि बैंक को। इसी वजह से इसे “Deposit Token” कहा गया है। इस सिस्टम के ज़रिए बड़े ग्राहक अपने डॉलर जमा कर सकते हैं और उतनी ही वैल्यू के JPM Coin ब्लॉकचेन पर ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे ट्रांज़ैक्शन कहीं भी, कभी भी 24 घंटे और हफ्ते के सातों दिन तेज़ और सुरक्षित तरीके से हो पाता है।
अभी के लिए JPM Coin को Coinbase की Base Chain पर जोड़ा गया है। बैंक का अगला टारगेट है कि इसे और ब्लॉकचेन नेटवर्क्स से जोड़ा जाए, ताकि इसका इस्तेमाल और भी आसान हो सके। दरअसल, JPMorgan का Onyx प्लेटफॉर्म 2020 से ब्लॉकचेन पर काम कर रहा है और यह कदम उसी दिशा में एक बड़ा विस्तार है, जिससे बैंकिंग ट्रांज़ैक्शन अब और तेज़ व ट्रांसपेरेंट बन सकें।
हाल ही में खबर आयी थी की, Collateral के तौर पर Bitcoin और Ether को Allow करेगा JPMorgan। दुनिया की सबसे बड़ी वॉल स्ट्रीट फर्मों में शामिल JPMorgan ने एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि 2025 के अंत तक उसके इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट्स अपने Bitcoin और Ethereum होल्डिंग्स को कोलेटरल के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे।
WazirX Co-founder Nischal Shetty ने JPM Coin का स्वागत किया और कहा कि यह टोकन तभी अपनी असली ताकत दिखा पाएगा जब दूसरे बैंक भी इसमें जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि एक ही बैंक के अंदर ब्लॉकचेन सेटलमेंट की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन जब ट्रांज़ैक्शन अलग-अलग बैंकों के बीच होंगे, तब यह टेक्नोलॉजी बड़ा बदलाव ला सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में CBDC से जुड़े कई प्रयोग चल रहे हैं और अब समय है कि भारतीय बैंक भी ऐसे ऑन-चेन प्रयोगों में भाग लें।
USDC या Tether जैसे आम Stablecoins बैंक नहीं, बल्कि प्राइवेट कंपनियां जारी करती हैं और इनमें निवेश करने वालों को ब्याज नहीं मिलता। लेकिन जेपीएम कॉइन अलग है, यह सीधे JPMorgan बैंक के डिपॉज़िट पर बेस्ड है। इसका मतलब है कि ग्राहकों को बैंक की सुरक्षा के साथ भरोसेमंद इंटरेस्ट भी मिलता है। इसी वजह से इसे ट्रेडिशनल बैंकिंग और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बीच एक मजबूत ब्रिज माना जा रहा है, जो इन दोनों दुनियाओं को जोड़ता है।
एनालिस्ट्स का मानना है कि जेपीएम कॉइन की शुरुआत उस नए दौर की शुरुआत है, जहां ट्रेडिशनल बैंकिंग (Traditional Finance) और क्रिप्टो फाइनेंस एक साथ काम करना शुरू कर रहे हैं। यह मॉडल आने वाले समय में Tokenized Deposits, CBDC और ब्लॉकचेन सेटलमेंट के लिए एक ग्लोबल उदाहरण बन सकता है। कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर दूसरे बैंक भी इस दिशा में आगे बढ़े, तो इंटरनेशनल पेमेंट्स कुछ ही मिनटों में हो सकेंगे, वो भी बिना किसी मीडिएटर या देरी के।
अपने 7 साल के क्रिप्टो और ब्लॉकचेन अनुभव के आधार पर मेरा मानना है कि जेपीएम कॉइन जैसा कदम बैंकिंग की दुनिया में बड़ा बदलाव लाने वाला है। अगर इसे रेगुलेटरी मंजूरी और बैंकों के बीच सहयोग मिलता है, तो यह न सिर्फ अमेरिका बल्कि भारत जैसे देशों में भी डिजिटल करेंसी और टोकन बेस्ड बैंकिंग सिस्टम का रास्ता खोल सकता है।
JPM Coin सिर्फ एक बैंकिंग टोकन नहीं है, बल्कि यह बताता है कि ब्लॉकचेन अब सिर्फ क्रिप्टो तक सीमित नहीं रहा। यह बैंकिंग को तेज़, ट्रांसपेरेंट और ग्लोबल बनाने की दिशा में असली कदम है। आने वाले वर्षों में यह संभव है कि अन्य ग्लोबल बैंक भी अपने-अपने Deposit Tokens लॉन्च करें, जिससे फाइनेंशियल वर्ल्ड पूरी तरह On-Chain हो जाए।
यह आर्टिकल केवल इनफार्मेशन और एजुकेशन के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश सलाह नहीं है। क्रिप्टो या डिजिटल एसेट्स में निवेश करने से पहले हमेशा अपनी रिसर्च करें और किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की राय ज़रूर लें।
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