Wall Street की प्रमुख संस्थाओं में से एक JPMorgan ने घोषणा की है कि वह 2025 के अंत तक इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट्स को Bitcoin और Ethereum को कोलेटरल के रूप में उपयोग करने की अनुमति देगा। यह कदम केवल बैंकिंग और क्रिप्टो वर्ल्ड के बीच पुल बनाने के लिए नहीं, बल्कि ग्लोबल फाइनेंस फ्रेमवर्क में डिजिटल एसेट्स को अपनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण संकेत है। जहां पहले क्रिप्टो को हाई रिस्क वाला और अनस्टेबल माना जाता था, अब वही एसेट बैंकिंग लेंडिंग ऑपरेशन्स में सीधे शामिल होने जा रहा है।
इस बदलाव से इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए लिक्विडिटी का नया रास्ता खुल रहा है, जिससे उन्हें अपनी लॉन्गटर्म की होल्डिंग्स को बेचने की जरूरत नहीं होगी। भारतीय निवेशक भी इस बदलाव से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे, क्योंकि यह ग्लोबल क्रिप्टो बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ती स्थिरता और मान्यता का संकेत देता है। JPMorgan का यह कदम Wall Street में क्रिप्टोकरेंसी के मेनस्ट्रीम एडॉप्शन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण माइलस्टोन साबित हो रहा है।

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नए प्रोग्राम के अनुसार, इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट्स अपनी Bitcoin और Ether होल्डिंग्स को एक थर्ड-पार्टी कस्टोडियन के पास सुरक्षित रखकर लोन के लिए कोलेटरल के रूप में उपयोग कर सकेंगे। इससे पहले बैंक ने crypto-linked ETFs को collateral के रूप में स्वीकार किया था, लेकिन अब क्लाइंट्स सीधे क्रिप्टो को pledge कर सकेंगे। इस परिवर्तन से उन संस्थाओं को फायदा होगा जो अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स को बेचे बिना liquidity प्राप्त करना चाहती हैं।
यह मॉडल वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होगा और सुरक्षा के लिए कस्टोडियन इंफ्रास्ट्रक्चर पर भरोसा किया जाएगा। निवेशक अब अपनी परिसंपत्तियों को बैंकिंग सिस्टम में सक्रिय रूप से उपयोग कर सकते हैं, जिससे क्रिप्टो की utility सिर्फ speculative निवेश से बढ़कर financial instrument की तरह विकसित होती दिख रही है। भारतीय संस्थागत निवेशकों के लिए भी यह संकेत है कि क्रिप्टो अब ग्लोबल लेवल पर स्वीकार्यता हासिल कर रहा है, और भविष्य में cross-border financing में इसका इस्तेमाल और बढ़ सकता है।
JPMorgan अकेला ऐसा संस्थान नहीं है जो crypto को अपने core operations में शामिल कर रहा है। Morgan Stanley, BNY Mellon, State Street और Fidelity ने भी custody, trading और product lines को मजबूत किया है। यह संकेत देता है कि traditional finance अब धीरे-धीरे blockchain और crypto की ओर pivot कर रहा है।
Regulatory clarity और evolving compliance frameworks ने भी बैंकिंग संस्थाओं के लिए crypto exposure देना आसान बना दिया है। अमेरिकी कांग्रेशन और वैश्विक नियामक संस्थाएँ crypto markets Structure Bills और अन्य नियमों पर काम कर रही हैं, जिससे संस्थाओं के लिए risk management के नए रास्ते खुले हैं। JPMorgan का यह कदम यह दिखाता है कि बैंकिंग सिस्टम अब सिर्फ speculative asset को लेकर सवाल नहीं उठाता, बल्कि इसे एक functional financial tool के रूप में मानता है।
भारतीय क्रिप्टो निवेशक भी इस Global Momentum से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे, क्योंकि large-scale adoption से liquidity और market confidence बढ़ेगा, जिससे भारतीय exchanges और निवेशकों के लिए भी अवसर बढ़ते हैं।
कुछ साल पहले JPMorgan के CEO Jamie Dimon ने Bitcoin को “worse than tulip bulbs” कहते हुए आलोचना की थी। उनका यह बयान उस समय headlines में रहा। लेकिन अब, बैंक के crypto services का विस्तार और Bitcoin और Ethereum को collateral के रूप में स्वीकार करना यह दिखाता है कि बैंक का रुख बदल गया है। Dimon ने हाल ही में कहा कि वे लोगों के Bitcoin खरीदने के अधिकार का समर्थन करेंगे, भले ही उन्होंने व्यक्तिगत reservations व्यक्त किए हों।
यह बदलाव केवल symbolic नहीं है, बल्कि functional है। बैंक अब trading और financing clients के लिए crypto services का विस्तार कर रहा है। ऐसे समय में जब global financial firms crypto custody और product expansion में सक्रिय हैं, JPMorgan की यह पहल traditional finance और crypto के बीच पुल का काम करेगी। भारतीय संस्थाएं भी इस Global Trend को ध्यान में रखकर अपने crypto strategies में बदलाव ला सकती हैं।
अपने 13 सालों के क्रिप्टो राइटर के तौर पर काम करने के अनुभव से कहूँ तो मेरी राय में, JPMorgan की यह पहल Crypto Lending के लिए एक नया अध्याय खोल रही है। Institutional investors अब अपनी Crypto Holdings को Collateral के रूप में उपयोग कर सकते हैं, जिससे Liquidity आसानी से उपलब्ध होगी। यह कदम Market Confidence को बढ़ाता है और क्रिप्टो को Mainstream Financial Infrastructure का हिस्सा बनाता है।
इसके अलावा, Crypto-Backed Credit से रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क्स भी मजबूत होंगे। यह छोटे और बड़े निवेशकों के लिए Long-Term Financial Planning में भी Flexibility देगा। अगर JPMorgan का मॉडल सफल रहा, तो यह Global और इंडियन मार्केट्स में Lending और Borrowing Practices को बदल सकता है। भविष्य में Mortgage, Corporate Credit और Trade Finance में भी Crypto-Backed Models देखने को मिल सकते हैं।
JPMorgan का यह निर्णय क्रिप्टो के ग्लोबल और इंडियन मार्केट में एक बड़ा संकेत है। Bitcoin और Ether को Collateral के रूप में स्वीकार करना दिखाता है कि Wall Street अब क्रिप्टो को सिर्फ Speculative एसेट नहीं बल्कि एक Functional Financial Tool के रूप में देख रहा है। यह कदम संस्थागत निवेशकों के लिए लिक्विडिटी और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाएगा और डिजिटल एसेट्स को मेनस्ट्रीम फाइनेंस में एक मान्यता देगा। भारतीय निवेशकों के लिए भी यह अप्रत्यक्ष रूप से अवसर पैदा करेगा। आने वाले समय में Crypto-Backed Lending मॉडल Traditional Finance में नए रास्ते खोल सकता है।
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