क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हाल ही में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय Shibarium Bridge Hack रहा। इस घटना ने न केवल Shiba Inu के Ecosystem को हिला दिया बल्कि निवेशकों के बीच भी बड़े पैमाने पर चिंता पैदा कर दी। कई दिनों की जांच और लगातार काम के बाद आखिरकार Shibarium Team और इसके डेवलपर्स ने स्थिति को कंट्रोल में लाने का दावा किया है। Kaal Dhairya, जो Shibarium प्रोजेक्ट के कोर डेवलपर हैं, उन्होंने एक डिटेल्ड अपडेट शेयर किया है जिसमें बताया गया है कि किस तरह से नेटवर्क को सुरक्षित किया गया और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए कदम उठाए गए हैं।

Source – यह इमेज Shib की X Post से ली गई है।
शिबेरियम नेटवर्क पर हमला तब हुआ जब एक हैकर ने Ethereum मेननेट के साथ लिंक्ड कॉन्ट्रैक्ट्स में तीन फर्जी चेकपॉइंट सबमिट किए। इस ट्रिक से Heimdall System रुक गया और ब्रिजिंग प्रोसेस बंद हो गई। इसके अलावा हैकर ने लगभग 4.6 मिलियन BONE Tokens को डेलीगेट करके सिस्टम पर कंट्रोल पाने की कोशिश की। इस कारण यूज़र्स के ट्रांजैक्शन और एसेट्स खतरे में आ गए।
Kaal Dhairya ने बताया कि टीम ने तुरंत नेटवर्क रोककर रिस्क को आइसोलेट किया और Hexens जैसी सिक्योरिटी फर्म्स की मदद से हर लेयर का रिव्यू किया। इस हैक को क्रिप्टो जगत के लिए एक बड़ी चेतावनी माना जा रहा है क्योंकि ब्रिज हैकिंग पिछले कुछ सालों में सबसे बड़े साइबर खतरों में शामिल रही है।
Shibarium टीम ने पिछले 10 दिनों तक लगातार दिन-रात काम किया ताकि सिस्टम की इंटेग्रिटी को बहाल किया जा सके। Kaal Dhairya ने बताया कि 100 से ज्यादा क्रिटिकल कॉन्ट्रैक्ट्स को हार्डवेयर कस्टडी में शिफ्ट किया गया है। साथ ही सभी वेलिडेटर की-रोटेशन किया गया ताकि किसी भी पुराने एक्सपोज़र से नेटवर्क प्रभावित न हो।
सबसे महत्वपूर्ण कदम था 4.6 मिलियन BONE का बचाव। टीम ने नए कॉन्ट्रैक्ट अपग्रेड्स और ब्लैकलिस्टिंग मैकेनिज्म का इस्तेमाल करके इन टोकन्स को सुरक्षित किया। इसके अलावा, स्टेकिंग प्रोसेस में भी अपडेट किया गया है जिससे अगर कोई एड्रेस संदिग्ध पाया जाता है तो वह आगे कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएगा।
हैक का सबसे बड़ा असर चेकपॉइंटिंग सिस्टम पर पड़ा था। Heimdall ने फर्जी चेकपॉइंट्स पकड़ने के बाद नेटवर्क को रोक दिया था। टीम ने “प्रोटोकॉल हाउसकीपिंग” के जरिए इस समस्या को हल किया।
उन्होंने चेकपॉइंट लेजर को बैक रोल करके अंतिम सही स्थिति पर सेट किया और उसके बाद नेटवर्क सामान्य रूप से काम करने लगा। टेस्टिंग पहले Devnet और Puppynet पर की गई और जब पूरी तरह से भरोसा हो गया तभी मेननेट पर यह लागू किया गया।
भविष्य में Plasma Bridge और PoS Bridge को दोबारा सुरक्षित तरीके से शुरू करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए ब्लैकलिस्टिंग, डिले सिस्टम और फेज-वाइज गेटिंग जैसे उपाय अपनाए जाएंगे।
बतौर क्रिप्टो राइटर अपने 3 साल के अनुभव से कहूँ तो मेरी नज़र में यह घटना क्रिप्टो कम्युनिटी के लिए एक बड़ा सबक है। Shibarium Bridge Hack ने दिखा दिया कि चाहे कोई भी ब्लॉकचेन कितना भी सुरक्षित क्यों न लगे, साइबर अटैक का रिस्क हमेशा बना रहता है। अच्छी बात यह है कि Shibarium Team ने इस संकट का सामना प्रोफेशनल तरीके से किया और ट्रांसपेरेंसी बनाए रखते हुए यूज़र्स को हर स्टेप पर जानकारी दी।
मेरा मानना है कि ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट्स को सिर्फ टेक्निकल इनोवेशन पर ही नहीं बल्कि सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स पर भी उतना ही ध्यान देना होगा। खासकर ब्रिज जैसी जगहों पर जहां सबसे ज्यादा हैकिंग के चांस रहते हैं। अगर Shibarium इन नए सिक्योरिटी लेयर्स को लंबे समय तक मेंटेन कर पाता है तो यह अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। जिसके बाद इस सवाल का जवाब मिल सकता है कि Shibarium Bridge Hack के बाद अब क्या Come Back कर पाएगा?
शिबेरियम टीम ने अपने अपडेट में यह भी साफ किया कि उनकी प्राथमिकता अब यूज़र्स को पूरा सपोर्ट देना है। इसके लिए ऑफिशियल RPC को rpc.shibarium.shib.io पर कंसॉलिडेट किया गया है ताकि किसी भी फेक साइट या लिंक से बचा जा सके।
इसके अलावा उन्होंने एक नया पार्टनरशिप dRPC.org के साथ किया है जिससे नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर और ज्यादा मज़बूत हो सके। हेल्पलाइन और सिक्योरिटी रिपोर्टिंग के लिए मेल और टेलीग्राम चैनल भी उपलब्ध कराए गए हैं।
आगे चलकर टीम का लक्ष्य Plasma Bridge को दोबारा एक्टिवेट करना और PoS Bridge को सुरक्षित तरीके से लॉन्च करना है। उन्होंने यह भी कहा है कि यूज़र्स को पूरा नुकसान वापस करने की योजना पर काम चल रहा है, लेकिन सुरक्षा कारणों से डिटेल्स केवल सही समय पर ही शेयर की जाएंगी।
कुल मिलाकर, Shibarium Bridge Hack क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी घटना साबित हुई है। लेकिन इस घटना ने शिबेरियम टीम को और मजबूत बनने का मौका भी दिया। Kaal Dhairya और उनकी टीम ने दिखाया कि कैसे 10 दिनों की कठिन मेहनत और स्ट्रॉन्ग सिक्योरिटी अपग्रेड्स के जरिए किसी भी बड़े संकट को संभाला जा सकता है।
निवेशकों और यूज़र्स के लिए यह अपडेट राहत की खबर है, लेकिन यह भी याद रखना होगा कि ब्लॉकचेन सेक्टर में सिक्योरिटी को लेकर हमेशा चौकस रहना जरूरी है। आने वाले दिनों में Shibarium की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह इन नए सिक्योरिटी स्टेप्स को कितनी मजबूती से लागू कर पाता है और कम्युनिटी का भरोसा दोबारा जीत पाता है।
Copyright 2025 All rights reserved