क्रिप्टो मार्केट में एक बार फिर से बड़ी गिरावट देखने को मिली, जब OM Coin Price कुछ ही घंटों में $7 से गिरकर $0.50 तक पहुंच गई। यह गिरावट 90% से भी अधिक रही, जिसने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया। आइए समझते हैं Mantra (OM) Token Crash के पीछे छिपे मुख्य कारण क्या हैं।
हाल ही में OM Coin Price में भारी गिरावट देखी गई है। इस दुर्घटना ने क्रिप्टो मार्केट में हड़कंप मचा दिया है। लेकिन यह गिरावट क्यों आई है, जानते है इसके पीछे के कारण।
सेंट्रलाइज़्ड टोकन सप्लाई बनी चिंता का कारण
OM Coin Supply का लगभग 90% हिस्सा MANTRA टीम के पास है। हाल ही में टीम से जुड़े एक वॉलेट ने OKX Exchange पर 3.9 मिलियन OM Token Deposit किए, जिससे मार्केट में हड़कंप मच गया। इतनी बड़ी संख्या में OM Token की मूवमेंट से निवेशकों को यह आशंका हुई कि टीम OM Token Dump कर सकती है। इससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया और बड़ी Sell-off शुरू हो गई।
OTC डील्स और डम्पिंग
जानकारी के अनुसार, कुछ टोकन ओटीसी (Over-the-Counter) डील्स के जरिए 50% तक की डिस्काउंट पर बेचे गए। जब ये टोकन मार्केट में आए तो निवेशकों में घबराहट फैल गई और उन्होंने तेजी से अपनी होल्डिंग्स बेचना शुरू कर दिया।
ट्रिगर लिक्विडेशन वेव
जैसे ही OM Token Price गिरने लगा, कई निवेशकों के स्टॉप-लॉस और लीवरेज्ड पोजीशंस ऑटोमेटिक रूप से लिक्विडेट हो गए। इससे सेलिंग प्रेशर और बढ़ गया और कीमत में गिरावट और तेज़ हो गई।
कम्युनिटी का भरोसा टूटा
OM Project पहले भी एयरड्रॉप ब्लैकलिस्ट, टोकनॉमिक्स बदलाव और रोडमैप डिले जैसे विवादों से घिरा रहा है। इस बार की घटना ने इन सभी संदेहों को पुख्ता कर दिया और कम्युनिटी ने प्रोजेक्ट पर से भरोसा खो दिया।
टेलीग्राम ग्रुप डिलीट और साइलेंस
क्रैश के तुरंत बाद OM Coin का ऑफिशियल टेलीग्राम ग्रुप डिलीट कर दिया गया। आखिरी मैसेज में इस घटना की तुलना LUNA 2.0 से की गई। इस कदम ने निवेशकों में और ज्यादा गुस्सा और डर पैदा कर दिया।
ऑफिशियल रूप से खंडन
MANTRA के को-फाउंडर John Patrick Mullin और ऑफिशियल अकाउंट्स ने किसी भी अंदरूनी साज़िश से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह क्रैश सिर्फ मार्केट लिक्विडेशन की वजह से हुआ और जांच की बात कही, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
OM Coin की यह गिरावट सिर्फ एक घटना नहीं थी, बल्कि खराब टोकन कंट्रोल, अपारदर्शी डील्स और टूटी हुई उम्मीदों का नतीजा थी। यह घटना इस बात की चेतावनी है कि क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स को लॉन्ग टर्म तक चलाने के लिए ट्रांसपेरेंसी, डिसेंट्रलाइजेशन और निवेशकों का विश्वास बेहद ज़रूरी है।
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