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Crypto Custody Rules पर SEC का नया निर्देश Broker-Dealers के लिए

SEC ने Crypto Custody Rules पर Broker-Dealers के लिए गाइडेंस जारी की


U.S. Securities and Exchange Commission (SEC) ने क्रिप्टो सेक्टर के लिए एक अहम कदम उठाते हुए Crypto Custody Rules पर नई गाइडेंस जारी की है। यह गाइडेंस खास तौर पर Broker-Dealers के लिए है, ताकि वे यह समझ सकें कि Crypto Asset Securities को सुरक्षित तरीके से कैसे कस्टडी में रखा जाए। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब मार्केट लंबे समय से Regulatory Clarity की डिमांड कर रहा था। SEC ने स्पष्ट किया है कि यह नियम फिलहाल एक Interim Solution है, जब तक एक Long-Term और Comprehensive Custody Framework तैयार नहीं हो जाता।


Broker-Dealers

Source: यह इमेज Coin Bureau की X पोस्ट से ली गई है जिसकी लिंक यहां दी गई है। 


Rule 15c3-3 के तहत SEC ने क्या स्पष्ट किया


Crypto Custody Rules की यह गाइडेंस 17 दिसंबर 2025 को जारी हुई और Securities Exchange Act के Rule 15c3-3 पर आधारित है, जिसे Customer Protection Rule भी कहा जाता है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कस्टमर्स की एसेट्स पूरी तरह सुरक्षित रहे।


SEC के अनुसार Broker-Dealers को:


  • कस्टमर्स की Crypto Assets पर Exclusive Control बनाए रखना होगा।

  • Client Assets को Proprietary Funds से अलग रखना होगा।

  • High-Quality Reserve Assets में Backing दिखानी होगी।


इससे Federal Securities Laws का पालन भी सुनिश्चित होगा। 


Private Keys और Asset सुरक्षा पर SEC का फोकस


Crypto Custody Rules की नई गाइडेंस के अनुसार Broker-Dealers को यह साबित करना होगा कि वे Client Assets को अपने Proprietary Funds से अलग रखते हैं। इसके साथ ही उन्हें हर On-Chain और Off-Chain मूवमेंट का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। Sec ने साफ किया है कि केवल Third-Party Wallets पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है, जब तक कि उन पर मजबूत Internal Controls और Management Oversight न हो।


अलग-अलग Tokens को लेकर SEC का नजरिया


SEC ने Crypto Custody Rules में Token Classification पर भी बात की है। जो Cryptocurrencies Securities की केटेगरी में आती हैं, वे सीधे Broker-Dealer Regulatory System के अंतर्गत रहेंगी। वहीं Non-Security Tokens जैसे कुछ Bitcoin और Ether Exposures के लिए अलग नियम या Money-Transmission और Commodities Regulations लागू हो सकते हैं। यह अंतर आर्गेनाइजेशन को यह समझने में मदद करता है कि किस Asset पर कौन सा कानून लागू होगा।


Broker-Dealers के लिए नए और सख्त ऑपरेशन नियम


नई स्पष्टता से नियमों को लेकर उलझन कम हुई है, लेकिन अब ब्रोकर डीलर्स को ज्यादा मजबूत और सुरक्षित सिस्टम अपनाने होंगे। इसका मतलब है बेहतर सुरक्षा, सही रिकॉर्ड-कीपिंग और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, ताकि ग्राहकों की Crypto Assets सुरक्षित रह सके। 


Crypto Custody Rules में शामिल हैं:


  • Cold Storage Arrangements

  • Multi-Factor Key Management

  • Real-Time Reconciliation

  • Tested Disaster Recovery Plans


इसके अलावा Forks, Airdrops और Network Outages जैसी Situations के लिए भी Clear Internal Policies जरूरी होंगी।


Crypto Exchanges पर Crypto Custody Rules का असर


यह गाइडेंस अनरजिस्टर्ड Crypto Exchanges के लिए चुनौतियां बढ़ा सकती है। पहले कुछ प्लेटफॉर्म्स ब्रोकर डीलर्स के साथ पार्टनरशिप करके सिक्योरिटीज मार्केट में एंट्री की उम्मीद कर रहे थे। अब SEC ने साफ कर दिया है कि ब्रोकर डीलर्स अपनी जिम्मेदारी किसी और पर डाल नहीं सकते। अगर किसी थर्ड पार्टी प्रोवाइडर का इस्तेमाल होता है, तो उसे क्रिटिकल वेंडर मानकर लगातार मॉनिटरिंग और ड्यू डिलिजेंस जरूरी होगी।


Investors को इस नियम से क्या फायदा होगा


इन्वेस्टर्स के नजरिए से यह कदम सुरक्षा बढ़ाने वाला माना जा रहा है। जो लोग रजिस्टर्ड ब्रोकर डीलर्स के जरिए क्रिप्टो असेट्स होल्ड करते हैं, उन्हें अब ज्यादा ट्रांसपेरेंसी मिलेगी। उन्हें साफ जानकारी दी जाएगी कि एसेट्स कहां रखे हैं, Keys किसके पास हैं और अगर फर्म फ़ैल होती है तो असेट्स का क्या होगा। यह क्रिप्टो को स्टॉक्स और बांड्स जैसी ट्रेडिशनल असेट्स के करीब लाता है।


Market Reaction और Crypto Industry की राय


Crypto community के एक बड़े हिस्से ने इस Crypto Custody Rules को Bullish Signal माना है। कई लोगों का मानना है कि इससे Institutional Participation बढ़ेगी और लिक्विडिटी में सुधार होगा। हालांकि कुछ Critics इसे Short-Term Patch बता रहे हैं, क्योंकि Long-Term Custody Framework अभी भी तैयार होना बाकी है। फिर भी, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की दिशा में इसे एक जरूरी कदम माना जा रहा है।

मेरे करीब 7 साल के Crypto और Web3 अनुभव के आधार पर, SEC की यह गाइडेंस एक प्रैक्टिकल और जरूरी कदम है। इससे नियमों की अस्पष्टता कम होगी। भले यह अस्थायी समाधान हो, लेकिन यह साफ दिखाता है कि रेगुलेटर्स अब क्रिप्टो को नजरअंदाज नहीं कर रहे।


कन्क्लूजन


SEC की नई गाइडेंस से Crypto Custody Rules को लेकर बनी हुई पुरानी उलझन काफी हद तक कम हुई है। अब Broker-Dealers, Exchanges और Investors को यह बेहतर तरीके से समझ आ रहा है कि क्रिप्टो एसेट्स को सुरक्षित तरीके से कैसे रखा जाए। भले ही यह नियम अभी पूरी तरह स्थायी नहीं हैं, लेकिन यह साफ दिखाता है कि U.S. Regulators Crypto को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं। वे इसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल सिस्टम का हिस्सा बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, ताकि निवेश ज्यादा सुरक्षित, ट्रांसपेरेंट और भरोसेमंद बन सके।


डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। क्रिप्टो एसेट्स और Financial Products में निवेश जोखिम के अधीन होता है। किसी भी डिसीजन से पहले रिसर्च करें या योग्य फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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Crypto custody को लेकर regulatory clarity देने और broker-dealers को स्पष्ट नियम बताने के लिए।
यह खास तौर पर U.S. के registered broker-dealers के लिए जारी की गई है।
यह customer protection rule है, जो client assets की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
Broker-dealers के पास private keys पर पूरा और exclusive control होना चाहिए।
हाँ, लेकिन केवल मजबूत internal controls और निगरानी के साथ।