TATA Group के चेयरमैन N. Chandrasekaran ने हाल ही में तमिलनाडु के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) त्रिची में आयोजित ग्लोबल एलुमनी मीटिंग के दौरान एक महत्वपूर्ण भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छोटे, Domain-Specific Artificial Intelligence (AI) Models, Large Language Models (LLMs) की तुलना में कहीं अधिक प्रभावशाली होंगे। उनके अनुसार, इन छोटे Artificial Intelligence Models में लो एनर्जी कंजप्शन, कॉस्ट में कमी और फ़ास्ट रिजल्ट देने की क्षमता है।
एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि 2023 में LLMs (जैसे GPT-3 और GPT-4) को लेकर जो भारी हाइप था, वह अब अपनी वास्तविकता को साबित कर चुका है। हालांकि, वह मानते हैं कि 2024 में AI इंजन के मल्टीमोडल क्षमताओं के साथ आने वाले अवसर छोटे लैंग्वेज मॉडल्स के लिए एक सुनहरा मौका होंगे। उनका मानना है कि 2025 में छोटे AI Models में महत्वपूर्ण निवेश होंगे, जो बड़ी कंपनियों और इंडस्ट्री के लिए Game Changer साबित होंगे।
वह बताते हैं कि छोटे AI Models बड़े और जटिल LLMs से अधिक एनर्जी एफिशिएंट होते हैं। इसके साथ ही, इन मॉडल्स को Domain-Specific Sectors में तेजी से लागू किया जा सकता है, जैसे कि हेल्थ, फाइनेंस और लॉजिस्टिक्स। इनकी सटीकता और स्पीड भी बेहतर होती है, जिससे खासे लाभ मिल सकते हैं। यह नई दिशा न केवल टेक्नीकल आउटलुक से, बल्कि इकोनॉमिक आउटलुक से भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि ये छोटे मॉडल्स अधिक किफायती होंगे।
TATA Group के चेयरमैन ने इस अवसर पर एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर चर्चा की, जो था ग्लोबल एनर्जी वैश्विक ऊर्जा क्राइसिस। उन्होंने कहा कि दुनिया की कुल ऊर्जा मांग बढ़ रही है, न केवल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को रिवाइव करने के कारण, बल्कि बढ़ते हुए डेटा सेंटर और AI के उपयोग के कारण भी। उन्होंने एनर्जी कॉस्ट को घटाने की आवश्यकता पर जोर दिया और ऊर्जा के नए विकल्पों की खोज की बात की, जैसे कि छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs)।
यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 2024-25 के बजट में निजी निवेश के लिए न्यूक्लियर फील्ड को खोलने की घोषणा की। इससे SMRs पर रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
चंद्रशेखरन ने इस चर्चा को समाप्त करते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि भारत शायद वही देश है जो इन तीन प्रमुख बदलावों और परिवर्तनों का पूरी तरह से लाभ उठा सकता है।” उनकी बातों से यह साफ़ है कि भारत के पास अपनी तकनीकी और ऊर्जा क्षमता के मामले में विशेष अवसर हैं, जो उसे वैश्विक विकास की दिशा में अग्रणी बना सकते हैं।
TATA Group का यह दृष्टिकोण न केवल Artificial Intelligence के क्षेत्र में, बल्कि ऊर्जा और औद्योगिक विकास में भी एक नया मोड़ साबित हो सकता है। 2025 और उसके बाद, इन छोटे AI मॉडल्स और SMRs के जरिए भारत एक मजबूत और स्थिर आर्थिक विकास की ओर अग्रसर हो सकता है।
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