भारत के प्रमुख Crypto Exchange WazirX के लिए हालिया सप्ताह चुनौतियों से भरे रहे हैं। जहाँ July 2024 को हुए $235 मिलियन के WazirX Hack के बाद मूल कंपनी Zettai के सिंगापुर कोर्ट से खारिज किए गए स्कीम ऑफ अरेंजमेंट के बीच, एक्सचेंज ने एक नई अपडेट जारी कर अपने क्रेडिटर्स को आश्वस्त किया है कि समाधान की कोशिशें जारी हैं। हालाँकि यह प्रतिक्रिया गोलमोल नजर आयी, इसमें यह तो बताया गया कि क्रेडिटर्स के पैसे चुका दिए जाएंगे, लेकिन कैसे और कब यह अभी भी एक बड़ा सवाल है।
Zettai की ओर से HC/SUM 940/2025 के तहत कोर्ट में दाखिल स्कीम ऑफ अरेंजमेंट को सिंगापुर हाई कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था। यह खबर निवेशकों और यूजर्स के लिए झटका थी, लेकिन कंपनी ने तत्काल अगला कदम उठाते हुए 6 जून 2025 को कोर्ट में “फर्दर आर्ग्युमेंट्स” की अर्जी दाखिल कर दी।
Zettai ने X पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह अर्जी उसी जज के समक्ष दाखिल की गई है जिसने SUM 940 की सुनवाई की थी। अगर कोर्ट इस अर्जी को स्वीकार करता है, तो Zettai को आगे की लिखित दलीलें और मौखिक बहस पेश करनी होगी। कंपनी ने वादा किया है कि वह इस प्रक्रिया की हर जानकारी यूजर्स तक समय-समय पर पहुंचाती रहेगी।

WazirX को 2024 में एक बड़े साइबर अटैक का सामना करना पड़ा था, जिसमें लगभग $235 मिलियन की डिजिटल असेट्स गायब हो गई। कंपनी ने इस घटना को एक “तकनीकी गड़बड़ी” कहकर टालने की कोशिश की, लेकिन इसकी कीमत लाखों आम भारतीय निवेशकों को चुकानी पड़ी। उस समय भी न तो कोई ट्रांसपेरेंट इन्वेस्टिगेशन सामने आई और न ही किसी ऑफिशियल के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हुई।
इस घटना के बाद कंपनी की ट्रांसपेरेंसी पर सवाल उठने लगे। लेकिन इसके बावजूद WazirX ने न तो अपनी फाइनेंशियल रिपोर्ट सार्वजनिक की और न ही हैकिंग से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी। इससे कंपनी की विश्वसनीयता को गहरा झटका लगा है।
WazirX की मूल कंपनी Zettai, जो सिंगापुर में रजिस्टर थी, अब Panama में Zensui Corporation के रूप में खुद को रजिस्टर कर चुकी है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर पहले से ही अनिश्चितता बनी हुई है। इस शिफ्टिंग ने भारतीय निवेशकों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
यह स्थिति एक खतरनाक ट्रेंड को जन्म दे सकती है, जहाँ क्रिप्टो कंपनियां भारत से यूज़र्स का पैसा उठाकर, कानून से बचते हुए, विदेश में ऑपरेशन चला सकती हैं।
इन सभी सवालों का जवाब अभी अस्पष्ट है, लेकिन Zettai और WazirX का दावा है कि वे समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हमारा मानना है कि WazirX फिलहाल दोहरी रणनीति पर काम कर रहा है, एक ओर वह कानूनी रूप से सिंगापुर कोर्ट में अपने प्लान को मान्यता दिलाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर Panama में खुद को पुनः स्थापित कर, संभावित रूप से रेगुलेशन से बचने का प्रयास कर रहा है।
हालांकि कंपनी निवेशकों को लगातार आश्वस्त कर रही है कि समाधान खोजा जाएगा, लेकिन अब तक की ट्रांसपेरेंसी की कमी और रिकवरी प्लान की अस्पष्टता गंभीर चिंता का विषय है।
जब तक SUM 940 या इसके विकल्प के तहत कोई ठोस समाधान सामने नहीं आता, तब तक WazirX के निवेशकों को सतर्क रहना और अपने फंड की सुरक्षा को लेकर जागरूक बने रहना जरूरी है।
WazirX को चाहिए कि वह भारत के निवेशकों के हितों को प्राथमिकता दे और ट्रांसपेरेंसी के साथ अगली रणनीति स्पष्ट करे। इसके विकल्प के तहत कोई ठोस समाधान सामने नहीं आता, तब तक WazirX के निवेशकों को सतर्क रहना और अपने फंड की सुरक्षा को लेकर जागरूक बने रहना जरूरी है।
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