एक समय था जब WazirX को भारत का सबसे भरोसेमंद क्रिप्टो एक्सचेंज माना जाता था, लेकिन अब वही कंपनी विदेशी जमीन पर जा रही है। अपनी मूल कंपनी Zettai के तहत, WazirX अब Panama में Zensui Corporation के रूप में रजिस्टर हो चुका है। WazirX की Panama शिफ्टिंग ने भारतीय निवेशकों को गहरे असमंजस में डाल दिया है। $235 मिलियन की हैकिंग घटना, रिकवरी टोकन की अनिश्चितता और बिना किसी सरकारी कार्रवाई के यह सवाल उठाता है कि क्या भारत में क्रिप्टो निवेशक पूरी तरह असुरक्षित हैं? और Is Crypto Legal In India?
WazirX को July 2024 में एक बड़े साइबर अटैक का सामना करना पड़ा था। जिसमें लगभग $235 मिलियन की डिजिटल संपत्ति गायब हो गई। कंपनी ने इस घटना को एक “तकनीकी गड़बड़ी” कहकर टालने की कोशिश की, लेकिन इसकी कीमत लाखों आम भारतीय निवेशकों को चुकानी पड़ी। उस समय भी न तो कोई पारदर्शी जांच सामने आई और न ही किसी अधिकारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हुई।
इस घटना के बाद कंपनी की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे। लेकिन इसके बावजूद WazirX ने न तो अपनी फाइनेंशियल रिपोर्ट सार्वजनिक की और न ही हैकिंग से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी। अब कंपनी Panama में शिफ्ट हो रही है और भारत की किसी भी फाइनेंशियल अथॉरिटी के तहत रजिस्टर्ड नहीं है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि यदि क्रिप्टो कंपनियां कुछ गलत करती हैं, तो वे कानूनी रूप से जवाबदेह नहीं हैं। यह एक खतरनाक उदाहरण स्थापित कर रहा है।
यह स्थिति एक खतरनाक ट्रेंड को जन्म दे सकती है, जहाँ क्रिप्टो कंपनियां भारत से यूज़र्स का पैसा उठाकर, कानून से बचते हुए, विदेश में ऑपरेशन चला सकती हैं।
WazirX Hack के बाद कम्पनी लगातार यूजर्स से यह वादा कर रही है कि उन्हें उनके फंड लौटा दिए जाएंगे। जिसके तहत उसने रिकवरी टोकन जारी करने की योजना बनाइ थी, जो यूज़र्स के लिए एक प्रकार का डिजिटल वादा है। हालांकि कोर्ट द्वारा इसे मान्यता मिल चुकी है, परंतु आम निवेशकों के लिए यह समझना मुश्किल है कि क्या यह टोकन वास्तव में फायदेमंद होंगे या फिर केवल समय टालने की चाल है।
क्या यह टोकन मार्केट में ट्रेड होंगे? क्या इनकी कोई वैल्यू होगा? क्या कंपनी नियमित मुनाफे की रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी? इन तमाम सवालों का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। कई यूज़र्स इसे एक “डिजिटल झुनझुना” कह रहे हैं।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इतनी गंभीर स्थिति के बावजूद भारत सरकार या किसी भी रेगुलेटरी संस्था ने WazirX के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। न कंपनी को FIU के तहत रजिस्टर किया गया है और न ही कोई ट्रांसपरेंट ऑडिट या जांच शुरू हुई है।
इसका सीधा मतलब यह है कि भारत में क्रिप्टो निवेशक पूरी तरह अनियमित वातावरण में ट्रेड कर रहे हैं। कोई भी विदेशी कंपनी भारत में क्रिप्टो सेवाएं शुरू कर सकती है, लाखों यूज़र्स का पैसा इकट्ठा कर सकती है और फिर किसी नियामक जवाबदेही के बिना दूसरे देश में जाकर अपनी कंपनी सेटअप कर सकती है।
CoinDCX के CEO ने एक ट्वीट में कहा कि यह स्थिति “दुर्भाग्यपूर्ण” है और सरकार को क्रिप्टो रेगुलेशन पर तुरंत कदम उठाने चाहिए। आज अगर कोई यूज़र अपने पैसे खो देता है, तो उसके पास कोई लीगल रीकवर का साधन नहीं है। यह दर्शाता है कि भारत में क्रिप्टो निवेश फिलहाल बेहद असुरक्षित है।
WazirX का Panama जाना सिर्फ एक बिज़नेस मूव नहीं है, यह भारत में क्रिप्टो यूज़र्स की असहाय स्थिति को दर्शाता है। जब तक भारत सरकार एक मजबूत रेगुलेटरी सिस्टम, जैसे SEBI के अंतर्गत क्रिप्टो अथॉरिटी नहीं बनाती, तब तक आम निवेशकों का पैसा ऐसे ही जोखिम में रहेगा। रिकवरी टोकन वादों की खान हो सकते हैं, लेकिन असली सुरक्षा ठोस कानूनों से ही आएगी।
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