भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक, WazirX, ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अब Panama स्थित एक नई कंपनी Zensui के तहत अपने सभी क्रिप्टो ऑपरेशन करेगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब सिंगापुर की अदालत ने कंपनी की रीस्ट्रक्चरिंग प्लान को खारिज कर दिया और Cryptocurrency India Law को लेकर बात चल रही है। इस ट्रांजिशन को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, लेकिन कंपनी का पक्ष समझना भी उतना ही जरूरी है।
WazirX की मूल कंपनी Zettai ने Panama में Zensui Corporation नामक एक नई सब्सिडियरी कंपनी रजिस्टर की है। यह कंपनी 10 मार्च 2025 को Panama में इनकॉर्पोरेट हुई थी और अब कंपनी अपनी सभी क्रिप्टोकरेंसी संबंधित सर्विसेज को इसी कंपनी में ट्रांसफर कर रही है।
कंपनी द्वारा यूज़र्स को भेजे गए ईमेल और कोर्ट फाइलिंग्स से यह स्पष्ट हुआ कि Zensui के पास अब WazirX के संचालन का अधिकार होगा और यह बदलाव सिर्फ दो-तीन कारोबारी दिनों में पूरा हो जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह कदम ग्लोबल रेगुलेटरी कॉम्प्लेक्सिटीज और सिंगापुर के MAS (Monetary Authority of Singapore) के नए प्रतिबंधों के चलते जरूरी हो गया था। इस शिफ्टिंग पर कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिसमें CoinDCX CEO ने WazirX की शिफ्टिंग को लेकर X पोस्ट की है।
July 2024 में WazirX Hack हुआ था। इस बड़े साइबर हैक में $235 मिलियन की क्रिप्टो असेट्स चोरी हुई थी। इस घटना से लाखों भारतीय यूज़र्स प्रभावित हुए। हालांकि कंपनी ने इसे एक ‘टेक्निकल ब्रीच’ बताया था, लेकिन नुकसान असल में आम निवेशकों को हुआ।
अब कंपनी “रिकवरी टोकन” जारी करने की योजना बना रही है जो एक तरह का ऑनचेन IOU होगा। इन टोकनों से यूज़र्स को उनकी बकाया राशि का 75% से 80% तक लौटाया जाएगा। कोर्ट द्वारा इस योजना को अप्रूव कर दिया गया है और अप्रैल में 90% से अधिक क्रेडिटर्स ने इसके पक्ष में वोट भी किया था।
WazirX का मानना है कि यह कदम यूज़र्स के विश्वास को पुनः स्थापित करेगा और भविष्य में होने वाले प्रॉफिट व रिकवर्ड एसेट्स के जरिए यूज़र्स को नियमित रूप से पेमेंट किया जाएगा।
हालाँकि कम्पनी अभी सिंगापुर कोर्ट में लीगल एक्शन का सामना कर रही है, लेकिन जिस तरह से वह टेक्नीकल डेवलपमेंट कर रही है, उससे उम्मीद है कि जल्द ही इससे जुड़ा कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
हाल ही में सिंगापुर की सरकार ने निर्देश दिया कि वहां के क्रिप्टो सर्विस प्रोवाइडर अब विदेशी मार्केट में डिजिटल टोकन सेवाएं नहीं दे सकते। इसके चलते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX की योजना वहां फेल हो गई और कंपनी को Panama जैसे क्रिप्टो-फ्रेंडली देश में अपना ऑपरेशन ट्रांसफर करना पड़ा।
दूसरी ओर, भारत में भी कंपनी ने FIU (Financial Intelligence Unit) के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है। कंपनी का कहना है कि जब तक भारत में स्पष्ट कानून नहीं आते, तब तक विदेशी पंजीकरण ही एकमात्र रास्ता है। हालांकि कंपनी अभी भी भारत में यूज़र्स को सेवाएं दे रही है और अपनी टेक्नोलॉजी और सिक्योरिटी को बेहतर करने का दावा कर रही है। यह दावा कितना सफल होगा यह तो आने वाले दिनों में साफ़ हो जाएगा, लेकिन एक्सचेंज की और से लगातार प्रयास उसके यूजर्स के भरोसे को जरुर बढ़ाएगा।
WazirX का Panama ट्रांसफर कदम कई लोगों को भ्रमित कर सकता है, लेकिन कंपनी का दावा है कि यह निर्णय रणनीतिक और यूज़र्स के हित में है। Zensui के माध्यम से कंपनी अपन ऑपरेशन इंडिपेंडेंट बनाए रखते हुए यूज़र्स के साथ अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की योजना पर काम कर रही है। जहां एक ओर रेगुलेटरी अनक्लियारिटी है, वहीं दूसरी ओर Crypto Exchange WazirX अपने निवेशकों को राहत देने के लिए कमर कस चुका है। अब देखना यह है कि यह रणनीति कितनी सफल होती है।
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