भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह यूज़र्स की नाराज़गी है। Open4profit की X पोस्ट के अनुसार, कंपनी ने “ZERO” नाम से एक नया सब्सक्रिप्शन प्लान शुरू किया, जिसमें कई यूज़र्स को बिना पूछे ही जोड़ दिया गया। कुछ लोगों के अकाउंट से अपने आप पैसे कट गए, जबकि उन्होंने WazirX ZERO प्लान को कभी चुना ही नहीं था। कई यूज़र्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक्सपीरियंस शेयर किए, जिससे नाराज़गी और बढ़ गई। पहले से चले आ रहे भरोसे के सवालों के बीच यह मामला सामने आने से यूज़र्स को लगने लगा है कि उनकी सहमति और जानकारी को गंभीरता से नहीं लिया गया।
Source: Open4profit X Post
WazirX ZERO प्लान को नवंबर के आखिर में लॉन्च किया गया था। इसके तहत सालाना ₹1,200 या ₹99 हर महीने देकर WazirX Zero से Trading कर सकते हैं, ऐसा दावा किया गया था। कंपनी ने इसे आसान और अफोर्डेबल मॉडल के रूप में पेश किया, जिससे रेगुलर ट्रेडर्स को फायदा हो सके। लेकिन कई यूज़र्स का कहना है कि यह सुविधा उनकी मंज़ूरी के बिना ही एक्टिव कर दी गई। WazirX Zero से Trading कर सकते हैं।
सबसे बड़ी शिकायत ऑटो-सब्सक्रिप्शन को लेकर है। कई अकाउंट्स में ZERO डिफॉल्ट रूप से ऑन पाया गया, जबकि यूज़र्स ने इसे चुनने की कोई प्रोसेस पूरी नहीं की थी।
कुछ मामलों में फीस सीधे INR बैलेंस से कटी।
जहां INR मौजूद नहीं था, वहां छोटे क्रिप्टो होल्डिंग्स बेचकर अमाउंट वसूला गया।
महीनों या सालों से डिएक्टिवेट अकाउंट्स में भी इनवॉइस भेजे गए।
यूज़र्स का कहना है कि “ज़ीरो फीस” का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि सहमति भी ज़ीरो हो।
WazirX के कई यूज़र्स अब भी अपने पूरे पैसे निकालने में असमर्थ हैं। 2024 में हुए WazirX Hack के बाद एक्सचेंज को भारी नुकसान हुआ था, जिससे यूज़र्स फंस गया था। बाद में कुछ पैसा वापस मिला, लेकिन पूरा बैलेंस नहीं। बचा हुआ अमाउंट भविष्य में मिलने वाले “रिकवरी टोकन” में बदल दिया गया। ऐसे हालात में जब Users पहले से परेशान हैं, तब बिना पूछे अकाउंट से फीस कटना उनकी नाराज़गी को और बढ़ा रहा है।
यह खबर लिखे जाने तक एक्सचेंज की ओर से कोई साफ़ पब्लिक स्टेटमेंट नहीं आया है। न यह साफ किया गया कि डिफॉल्ट एनरोलमेंट क्यों रखा गया, न ही यह बताया गया कि रिफंड की प्रोसेस क्या होगी। कुछ सपोर्ट टिकट्स में डिडक्शन को रिवर्स करने की बात कही गई, लेकिन कम्युनिकेशन की कमी होने की वजह से भरोसा और कमजोर हो गया।
कंपनी ने पहले संकेत दिए थे कि नए रेवेन्यू मॉडल से रिकवरी प्रोसेस को सपोर्ट किया जा सकता है। यह कहना अभी मुश्किल है की ZERO सब्सक्रिप्शन से मिलने वाला अमाउंट सीधे रिकवरी टोकन बायबैक में जाएगी या नहीं। इस अस्पष्टता ने यूज़र्स के मन में और सवाल खड़े किए हैं।
क्रिप्टो दुनिया में हैक होना नई बात नहीं है, लेकिन उसके बाद कंपनी का व्यवहार सबसे ज़रूरी होता है। यूज़र्स को साफ जानकारी चाहिए और भरोसा चाहिए कि उनके पैसे सुरक्षित हैं। यहां समस्या यह है कि फंड लंबे समय तक फंसे रहे, बार-बार बयान बदले गए और बातें साफ नहीं रखी गईं। अब बिना पूछे फीस कटने से Users को लग रहा है कि कंपनी उनके फायदे से ज़्यादा अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दे रही है, जिससे भरोसा और कमजोर हुआ है।
अगर यह मामला सिर्फ सिस्टम की गलती से हुआ है, तो कंपनी को खुलकर माफी मांगनी चाहिए और बिना पूछे जोड़ा गया प्लान तुरंत बंद करना चाहिए। साथ ही जिन यूज़र्स के पैसे कटे हैं, उन्हें आसानी से रिफंड मिलना चाहिए। लेकिन अगर यह जानबूझकर किया गया कदम है, तो इससे Users का भरोसा गहराई से टूट सकता है। इस घटना से साफ होता है कि भारतीय क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स के लिए साफ नियम, खुली जानकारी और यूज़र की अनुमति सबसे ज़रूरी है।
मेरे 7 साल के क्रिप्टो और फिनटेक अनुभव में मैंने देखा है कि किसी भी प्लेटफॉर्म का भरोसा टेक्नोलॉजी से नहीं, ट्रांसपेरेंसी से बनता है। बिना साफ ऑप्ट-इन के चार्ज लगाना यूज़र-फर्स्ट अप्रोच नहीं कहलाता। मौजूदा हालात में WazirX को फीचर बेचने से पहले भरोसा वापस जीतने पर ध्यान देना चाहिए।
WazirX ZERO प्लान का विवाद सिर्फ एक फीचर की गलती नहीं, बल्कि Users के भरोसे की परीक्षा है। जब Users पहले से फंसे फंड और लिमिटेड विड्रॉल से परेशान हों, तब बिना परमिशन चार्ज लगना स्थिति को और बिगाड़ देता है। अगर कंपनी ट्रांसपेरेंसी, साफ कम्युनिकेशन और यूज़र की परमिशन को प्राथमिकता नहीं देती, तो ऐसे विवाद भारतीय क्रिप्टो इंडस्ट्री की विश्वसनीयता पर भी असर डाल सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह खबर Users के अनुभवों और पब्लिक रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसका उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। क्रिप्टो से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले ऑफिशियल जानकारी जरूर चेक करें और अपनी समझ से डिसीजन लें। किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी वेबसाइट और राइटर्स की नहीं होगी।
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