जब क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया की बात होती है, तो सबसे पहले Bitcoin का नाम लिया जाता है। यह डिजिटल करेंसी के रूप में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और सबसे पुरानी Cryptocurrency है। हालांकि, Bitcoin के बाद आने वाली अन्य क्रिप्टोकरेंसी को हम “Altcoin” के रूप में जानते हैं। “Altcoin” का मतलब है “Alternative Coin” अर्थात् उन सभी क्रिप्टोकरेंसी जो Bitcoin के अलावा मौजूद हैं। वर्तमान में, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हजारों की संख्या में Altcoins उपलब्ध हैं, जिनका उद्देश्य Bitcoin से अलग हो सकता है।
इस आर्टिकल में, हम जानेंगे कि Altcoins क्या होते हैं, उनकी विशेषताएँ क्या होती हैं और वे Bitcoin से किस प्रकार भिन्न होते हैं।
Altcoin शब्द “Alternative” और “Coin” का कॉम्बिनेशन है। इसका मतलब है “Alternative Currency” या “Bitcoin के अलावा सभी क्रिप्टोकरेंसी”। इस केटेगरी में वे सभी डिजिटल करेंसीज़ आती हैं जो Bitcoin से भिन्न होती हैं, चाहे वह टेक्निकल पॉइंट ऑफ़ व्यू से हो या किसी पर्पज़ के पॉइंट ऑफ़ व्यू से।
Altcoins का मुख्य उद्देश्य Bitcoin के साथ कॉम्पिटिशन करना और उसे चुनौती देना है। इनमें से कुछ Altcoins तो Bitcoin के Blockchain से Fork होते हैं यानि कि Bitcoin के Blockchain से निकले होते हैं, जबकि कुछ अन्य बिल्कुल नए Blockchain और टेक्नोलॉजीस पर आधारित होते हैं।
Altcoins को विभिन्न केटेगरीज़ में बांटा जा सकता है, जिनका उद्देश्य और ऑपरेशनल एरिया भिन्न हो सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार के Altcoins की चर्चा की जा रही है:
पेमेंट टोकन (Payment Tokens) वे क्रिप्टोकरेंसी होती हैं जिनका मुख्य उद्देश्य एक करेंसी के रूप में कार्य करना है। इन्हें वैल्यू के एक्सचेंज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Bitcoin इसका सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है। इसके अलावा, Litecoin और Bitcoin Cash जैसे Altcoins भी इस केटेगरी में आते हैं। ये पेमेंट टोकन मुख्य रूप से ट्रांजैक्शन स्पीड और फ़ीस को कम करने के लिए बनाए जाते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में एक्सट्रीम प्राइस इनस्टेबिलिटी को देखते हुए, Stablecoins को क्रिएट किया गया है। Stablecoins का मूल्य किसी स्टेबल असेट, जैसे कि US Dollar या Gold से जुड़ा होता है। उदाहरण के तौर पर, Tether (USDT), USD Coin (USDC) और DAI जैसे Stablecoins का प्राइस स्टेबल रहता है। इनका उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में प्राइस स्टेबलिटी बनाए रखना है।
Utility Tokens वे क्रिप्टोकरेंसी होती हैं जो एक नेटवर्क के अंदर स्पेशल सर्विस प्रोवाइड करने के लिए उपयोग की जाती हैं। उदाहरण के तौर पर, Ether (ETH) Ethereum का एक यूटिलिटी टोकन है जिसका उपयोग Ethereum Network पर ट्रांजैक्शन फ़ीस के रूप में किया जाता है। Filecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी का उद्देश्य एक नेटवर्क पर डाटा स्टोरेज के लिए टोकन का उपयोग करना है।
Security Tokens एक प्रकार के डिजिटल असेट होते हैं जो एक असेट या इन्वेस्टमेंट ओनरशिप को रीप्रेजेंट करते हैं। इनका उपयोग फाइनेंशियल और इन्वेस्टमेंट रिलेटेड पर्पज़ के लिए किया जाता है और ये सामान्य रूप से SEBI (Securities and Exchange Commission) जैसी रेगुलेटरी इंस्टिटयूट्स द्वारा नियंत्रित होते हैं।
Memecoin एक जोक के रूप में शुरू होते हैं, लेकिन वे क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में तेजी से लोकप्रिय हो सकते हैं। ये आमतौर पर किसी जोक या Pun के रूप में बने होते हैं। Dogecoin इसका प्रमुख उदाहरण है, जो एक Shiba Inu Dog की इमेज से इंस्पायर्ड था। Memecoins की कीमत अक्सर सोशल मीडिया और इन्वेस्टर्स के प्रचार के आधार पर बढ़ती है और इनकी इनस्टेबिलिटी अधिक होती है।
जब हम Altcoins और Bitcoin की तुलना करते हैं, तो हम पाते हैं कि दोनों के बीच कुछ प्रमुख अंतर होते हैं:
Altcoins का मार्केट Bitcoin से बहुत बड़ा है और इसके अंदर हर प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है। आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में हजारों की संख्या में Altcoins मौजूद हैं और उनके मार्केट प्राइस में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। Altcoins का भविष्य एक अनसर्टेन जर्नी हो सकती है, क्योंकि इनकी सफलता मार्केट डिमांड और एवोल्विंग टेक्नोलॉजी पर निर्भर करती है।
Altcoins का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उनके Blockchain और टेक्निकल स्ट्रक्चर का विकास किस प्रकार होता है। यदि इनकी Blockchain Networks मजबूत होती हैं और समय के साथ इनका उपयोग बढ़ता है, तो ये क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में अपनी जगह बनाए रख सकते हैं। हालांकि, इनके प्राइस वोलैटिलिटी और जोखिम के कारण, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
Altcoins ने क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को डाइवर्सिटी और इनोवेशन प्रदान किया है। वे न केवल Bitcoin के अल्टरनेटिव के रूप में मौजूद हैं, बल्कि वे विभिन्न क्षेत्रों में इम्प्रूवमेंट लाने के लिए भी डिज़ाइन किए गए हैं। हालांकि, इनकी सक्सेस और सस्टेनेबिलिटी पर कई केस निर्भर करते हैं, जैसे कि टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट, मार्केट डिमांड और रेगुलेटरी गाइडलाइन्स। Crypto Investors को इनका निवेश करते समय पूरी तरह से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और इनकी इनस्टेबिलिटी के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
Copyright 2025 All rights reserved