आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है जहाँ टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से विस्तार कर रही है। यह समय नए-नए इन्वेंशन का है, यह इन्वेंशन हमारी जिंदगी को सरल बना रहे है। सुबह उठने से रात को सोने तक, हमारे रोजमर्रा के जीवन में टेक्नोलॉजी एक अहम हिस्सा बन गई है। इस टेक्नोलॉजी के दौर में ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ने बहुत तेजी से विस्तार किया है, यह टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से लोकप्रिय हो रही है कि हर सेक्टर में इसका उपयोग हो रहा है। उदहारण के लिए, ब्लॉकचैन पर बनी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को ही ले लीजिये जिसने फिनेंशियल ट्रांजेक्शन को लेकर दुनिया का नजरिया ही बदल दिया है। वैसे तो आज मार्केट में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध है, लेकिन क्या आप जानते है कि सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है या आज उसकी क्या स्थिति है? अगर नहीं तो आज हम इस ब्लॉग में सबसे पहली या यूँ कहे कि सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चर्चा करेंगे।
यूँ तो क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास पहली क्रिप्टोकरेंसी के लॉन्च से बहुत पहले ही शुरू हो गया था। 1980 और 1990 के दशक में, वैज्ञानिकों और क्रिप्टोग्राफरों ने डिजिटल करेंसी बनाने के लिए काम किया जो पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड थीं और इंटरनेट पर उपयोग के लिए सुरक्षित थीं। आधुनिक क्रिप्टोकरेंसी के निर्माण से पहले की परियोजनाओं में से एक DigiCash थी, जिसकी स्थापना 1989 में David Chaum ने की थी। हालांकि DigiCash को सफलता नहीं मिली थी, लेकिन इसने डिजिटल मनी में भविष्य के विकास के लिए आधार तैयार किया था।
लेकिन 2008 में, सातोशी नाकामोटो(Satoshi Nakamoto) के नाम से एक व्यक्ति या लोगों के समूह ने दुनिया के सामने पहली बार बिटकॉइन(Bitcoin) नाम से पहली क्रिप्टोकरेंसी के लिए डॉक्यूमेंट पब्लिश किया, जिसके बाद जनवरी 2009 में, पहले ब्लॉक, जिसे जेनेसिस ब्लॉक(Genesis Block) कहा जाता है, की माइनिंग की गई और इस तरह दुनिया की पहली और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन अस्तित्व में आई। बिटकॉइन ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किसी थर्ड पार्टी पर भरोसा किए बिना ट्रांजैक्शन की समस्या को हल किया। BTC के निर्माण के बाद से, कई नई डिजिटल करंसी उभरी हैं और मार्केट में मौजूद हैं, जिनमें से कुछ बिटकॉइन के मिशन को दोहराती हैं, जबकि अन्य बहुत अलग यूज़ केस पेश करती हैं।
सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी
2009 में बिटकॉइन के बाद से अब तक बिटकॉइन ने एक लम्बा सफ़र तय किया है, जहाँ लॉन्च के समय यह महज एक डिजिटल करेंसी थी जिसका वास्तविक दुनिया में कोई उपयोग नहीं था, वहीं आज यह दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी है। आपको बता दें कि शुरूआती दिनों में एक बिटकॉइन की कीमत केवल $0.003 थी जो आज लगभग $71,000 या भारतीय रुपए में कहें तो यह 59,20,00 पर ट्रेड कर रहा है। बिटकॉइन का मार्केट डोमिनेंस भी इतना मजबूत है कि इसकी कीमत में उतार-चढाव का सीधा असर पुरे क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर पड़ता है।
लीगल करेंसी
जब बिटकॉइन को बनाया गया था, तब इसके पीछे एक ही लक्ष्य था कि एक एसी डिजिटल करेंसी बनाई जाए जो डिसेंट्रलाइस्ड हो और बिना किसी थर्ड पार्टी की जरुरत के ट्रांजेक्शन करती हो। लेकिन तब किसी यह अंदाजा नहीं था कि यह किसी देश की लीगल करेंसी भी बन सकता है। आज बिटकॉइन को El Salvador और Central African Republic (CAR) में लीगल टेंडर के रूप में अपनाया गया है। El Salvador दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने बिटकॉइन को लीगल करेंसी बनाया है, तो CAR ने भी अपनी चरमराती अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए BTC का रुख किया है।
मोड़ ऑफ़ पेमेंट
बिटकॉइन से पहला ट्रांजेक्शन 2010 में किया गया था, तब इससे पिज्जा खरीदा गया था, तब बिटकॉइन से पेमेंट सभी के लिए एक अनोखी बात थी, लेकिन आज यह कोई नई बात नहीं है। वर्तमान में, दुनिया भर में 15,000 से अधिक छोटे-बड़े व्यवसाय और ब्रांड्स बिटकॉइन को पेमेंट के रूप में स्वीकार करते हैं, जिनमें केवल US की लगभग 2,300 कंपनियां शामिल हैं। इनमें कई इंटरनेशनल ब्रांड्स जैसे Apple, Disney, Gamestop, Nike, Walmart और Tesla शामिल है।
दुनिया की नौवीं सबसे बड़ी एसेट
बिटकॉइन न केवल सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है बल्कि दुनिया की नौवीं सबसे बड़ी एसेट भी है। बता दे कि लगभग $1.31 ट्रिलियन मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ Bitcoin दुनिया की सबसे बड़ी एसेट्स की लिस्ट में 9th नंबर पर है। हालाँकि अगर लॉन्ग टर्म की बात की जाए तो BTC में वो पोटेंशियल है कि आने वाले 5 से 10 सालों में यह दुनिया का सबसे बड़ा एसेट बन सकता है।
कन्क्लूजन
और अंत में यही कहा जा सकता है कि, दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने वैसे तो बीते 15 सालों में काफी विस्तार किया है और मार्केट में अपनी अलग पहचान बनाई है। हालाँकि अभी भी यह डिजिटल करेंसी पूरी तरह से फली-फूली नहीं है, इसमें विस्तार की अभी भी काफी संभावनाएं है, या यूँ कहे कि क्रिप्टो मार्केट अभी भी इसकी क्षमताओं का पूरी तरह पता नहीं लगा पाया है। हालाँकि बिटकॉइन का एडॉप्शन बढ़ रहा है, साथ ही यह डिजिटल करेंसी अपना विस्तार कर रही है। जिसे देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में हम इससे जुडी नई क्षमताओं का पता लगा पाएँगे और इसका लाभ ले पाएँगे।
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