अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद Donald Trump अपनी क्रिप्टो पॉलिसी के लिए सुर्खियों में बने हुए हैं। लेकिन एक और बात है जो उन्हें सुर्ख़ियों में बनाए हुए है, दरअसल हम बात कर रहे हैं ट्रंप की कुल एसेट्स की। बीते 9 महीनों में क्रिप्टो वर्ल्ड में ट्रंप ने कुछ ऐसा किया है जिसने दुनियाभर के निवेशकों का ध्यान खींचा है। Forbes की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने NFT कलेक्शंस, स्टेबलकॉइन प्रोजेक्ट्स और मीम कॉइन्स के जरिए लगभग $1 बिलियन की कमाई की है। इससे उनकी कुल असेट्स $5.6 बिलियन तक पहुंच गई है, जबकि एक साल पहले वे गंभीर नकदी संकट और कानूनी मामलों से जूझ रहे थे।
Donald Trump की क्रिप्टो जर्नी की शुरुआत दिसंबर 2022 में हुई जब उन्होंने “Donald Trump Digital Trading Card” नाम से एक NFT कलेक्शन लॉन्च किया। Truth Social पर “MAJOR ANNOUNCEMENT!” के साथ इसे प्रमोट किया गया। हर कार्ड की कीमत $99 रखी गई और पहले ही दिन बिक्री ने $4.4 मिलियन का आंकड़ा छू लिया।
इस प्रोजेक्ट से उन्हें $7 मिलियन की आमदनी हुई, जिससे ये साबित हुआ कि क्रिप्टो मार्केट में उनके नाम की अपनी ब्रांड वैल्यू है, भले ही वे पहले इसे “thin air” पर आधारित बताते रहे हों।
2024 के चुनाव से पहले, Donald Trump ने “World Liberty Financial” नामक एक क्रिप्टो फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य अमेरिका को क्रिप्टो का ग्लोबल हब बनाना बताया गया।
इसमें पहले दौर में $30 मिलियन के टोकन सेल हुए, फिर Justin Sun जैसे नामी निवेशकों ने $45 मिलियन और जोड़े। अब तक कुल टोकन सेल्स $550 मिलियन तक पहुँच चुकी हैं, जिनमें से लगभग $390 मिलियन सीधे तौर पर ट्रंप के पास गए हैं।
इसी प्रोजेक्ट के तहत USD1 Stablecoin लॉन्च किया गया, जिसकी मार्केट कैप अब $2.2 बिलियन तक पहुँच चुकी है। UAE के राष्ट्रपति से जुड़ी एक फर्म ने इस टोकन के माध्यम से Binance में $2 बिलियन का निवेश प्लान भी रखा है। हाल ही में घोषणा भी की गई थी कि WLFI Airdrop से यूजर्स को फ्री USD1 Stablecoin मिलेंगे।
राष्ट्रपति बनने से कुछ दिन पहले Donald Trump ने $TRUMP नामक मीमकॉइन लॉन्च किया। हालाँकि इसमें साफ लिखा गया कि यह “निवेश के लिए नहीं है”, फिर भी इसने $350 मिलियन की फीस और रेवेन्यू जेनरेट किया।
200 मिलियन टोकन की शुरुआती रिलीज़ और अतिरिक्त 800 मिलियन टोकन का एक्सेस उनके पास है। अब तक उन्होंने 64 मिलियन टोकन अनलॉक किए हैं, जिनकी वैल्यू मौजूदा मार्केट प्राइस ($11) के अनुसार लगभग $700 मिलियन है।
एक क्रिप्टो राईटर के तौर पर मेरी नजर में Donald Trump की यह रणनीति काफी हद तक एक सोची-समझी स्कीम प्रतीत होती है, जहाँ पहले वो किसी प्रोजेक्ट में निजी निवेश करते हैं, फिर सार्वजनिक रूप से प्रचार करके जनता को उसमें भाग लेने के लिए उकसाते हैं, और अंत में कीमतें बढ़ने पर खुद को भारी मुनाफा दिलाते हैं।
यह पैटर्न एक ट्रेडिशनल “Pump and Dump” स्कीम जैसा लगता है, बस अंतर यह है कि इसमें एक राष्ट्रपति की लोकप्रियता और राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल हो रहा है।
यह सवाल भी उठता है कि क्या वो पब्लिक पोजीशन का फायदा उठाकर ऐसे प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दे रहे हैं जिनमें उनका निजी हित जुड़ा है? ऐसे में आम निवेशक भ्रमित हो सकता है, क्या यह वास्तव में वैध अवसर है या सिर्फपॉलिटिकल ब्रांडिंग?
Donald Trump की क्रिप्टो स्ट्रेटजी ने यह दिखा दिया है कि डिजिटल असेट्स न केवल निवेश का ज़रिया हैं, बल्कि पॉलिटिकल ब्रांडिंग और प्राइवेट असेट्स बढ़ाने का भी एक शक्तिशाली टूल बन चुके हैं। यदि भविष्य में और भी नेता इसी रास्ते को अपनाते हैं, तो यह क्रिप्टोकरेंसी के मेनस्ट्रीम में आने का संकेत हो सकता है, लेकिन साथ ही पॉलिटिकल इंटरफेरेंस और मार्केट मैनिपुलेशन का खतरा भी बढ़ेगा।
इन्वेस्टर्स को सतर्क रहना होगा कि वह किसी भी प्रोजेक्ट में FOMO या किसी पॉलिटिकल ब्रांड के नाम पर निवेश न करें, बल्कि प्रोजेक्ट्स की टेक्निकल बेस और यूटिलिटी को समझकर ही कदम उठाएं।
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