HPZ Token Scam

CBI का बड़ा खुलासा, ₹1,000 करोड़ का HPZ Token Scam पकड़ा

CBI ने HPZ Token Scam का किया खुलासा, 30 आरोपियों पर मामला दर्ज 


CBI ने हाल ही में ₹1,000 करोड़ के HPZ Token क्रिप्टो स्कैम में 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें दो चीनी नागरिक भी शामिल हैं। इस HPZ Token Scam में निवेशकों को फर्जी Bitcoin Mining रिटर्न का झांसा देकर पैसा जमा कराया गया। लोग सोचते थे कि उन्हें HPZ Token में निवेश करने से अच्छा प्रॉफिट होगा, लेकिन असल में उनका पैसा घोटालेबाजों के हाथ चला गया। CBI की जांच में पता चला कि ये पूरा स्कैम योजनाबद्ध तरीके से चलाया गया। अधिकारियों का कहना है कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी फालतू प्रॉमिस पर भरोसा नहीं करना चाहिए।


HPZ Token Scam

Source: यह इमेज Bitinning की X पोस्ट से ली गई है जिसके लिंक यहां दी गई है।


फर्जी एप्लिकेशन HPZ Tokens का इस्तेमाल


CBI के अनुसार, आरोपियों ने Shigoo Technology Pvt. Ltd. के नाम से “HPZ Tokens” नाम का एक फर्जी मोबाइल ऐप लॉन्च किया। ऐप में लोगों को बताया गया कि इसमें निवेश करने से बड़ी अर्निंग होगी। लेकिन असल में कोई क्रिप्टो माइनिंग नहीं हुई और यह केवल एक स्कैम था। यह स्कैम COVID-19 Lockdown के दौरान हुआ, जब लोग घर बैठे ऑनलाइन निवेश करना ज्यादा पसंद कर रहे थे। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।


HPZ Token Scam में पैसों की हेराफेरी कैसे की गई


  • आरोपियों ने 150 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया।

  • उन्होंने ₹1,000 करोड़ से ज्यादा अमाउंट अलग-अलग कंपनियों और अकाउंट्स में ट्रांसफर की।

  • कुछ पैसे निवेशकों को वापस भेजकर उनका भरोसा भी जीता गया।

  • यह घोटाला भारत में तब बढ़ा जब ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम तेजी से बढ़े।

  • टेक्नोलॉजी की मदद से घोटालेबाजों ने बड़ी संख्या में अकाउंट्स तक आसानी से पहुंच बनाई।


विदेशों तक फैला धोखाधड़ी का नेटवर्क


CBI की जांच में पता चला कि यह सिर्फ एक छोटा केस नहीं था। HPZ Token Scam एक बड़े और संगठित साइबर क्राइम नेटवर्क का हिस्सा था, जिसे विदेशियों ने चलाया। इस गिरोह ने COVID-19 के बाद भारतीय नागरिकों को फर्जी लोन ऐप्स, निवेश प्लेटफ़ॉर्म और ऑनलाइन नौकरी के झूठे ऑफ़र दिखाकर ठगा। लोग अपने पैसों और डेटा के नुकसान का शिकार हुए। CBI ने इस पूरे नेटवर्क की पहचान कर कार्रवाई शुरू कर दी है।


Crypto Scam के मामलें लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल भी में ₹970 करोड़ का Forex Crypto Scam उजागर हुआ था। कानपुर में एक बड़े फ़ॉरेक्स–क्रिप्टो स्कैम का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने दिल्ली के रहने वाले रविंद्र नाथ सोनी को गिरफ्तार किया है, जिस पर करीब ₹970 करोड़ की ठगी का संदेह है। शुरुआती जानकारी बताती है कि पैसे के ट्रांज़ैक्शन तार विदेशों में दुबई, जापान और मलेशिया तक फैले हो सकते हैं। हालांकि, पुलिस टीम अभी भी पूरे नेटवर्क और इंटरनेशनल कनेक्शनों की जांच कर रही है। 


मुख्य आरोपी और फरार चीनी नागरिकों की भूमिका


मुख्य आरोपियों में Wan Jun और Li Anming शामिल हैं। ये दोनों भारत आकर कंपनी और इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के बाद देश छोड़कर अपने देश से ऑपरेशन चलाते रहे। वे जांच में शामिल नहीं हुए और अभी भी फरार हैं। इसके अलावा, HPZ Token Scam में लोकल में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें Rajni Kohli, Sushanta Behra, Abhishek, Mohammed Imdhad Husain, Rajat Jain और Mr. Dortse शामिल थे।


CBI की जांच और लगाए गए गंभीर आरोप


HPZ Token Scam में CBI ने 30 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें दो चीनी नागरिक और 27 अन्य व्यक्ति शामिल हैं। इसके अलावा तीन कंपनियों को भी मामले में शामिल किया गया है। जांच में यह खुलासा हुआ कि आरोपियों ने Jilian Consultants के माध्यम से कई शेल कंपनियां बनाई और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की मदद से फंड को Crypto में बदलकर विदेश भेजा।


ED की कार्रवाई और अब तक की रिकवरी


ED ने HPZ Token Scam के आरोपियों के बैंक खातों में ₹91.6 करोड़ रोक दिए हैं। CBI और ED का कहना है कि इस घोटाले में और विदेशी लोग भी शामिल हैं। जांच अभी जारी है और अधिकारी सभी जुड़े नेटवर्क को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।


आगे ऐसे घोटालों से कैसे बचा जा सकता है?


HPZ Token Scam घटना ने दिखा दिया कि भारत में भी क्रिप्टो निवेश जोखिम भरा हो सकता है। एक्सपर्ट्स ने कहा है कि निवेशक फर्जी ऐप्स और प्लेटफ़ॉर्म से सावधान रहें। CBI ने भी लोगों से सतर्क रहने और बिना जांच के निवेश न करने की सलाह दी है। 


क्रिप्टो इंडस्ट्री में 7 साल के अनुभव के आधार पर मेरा मानना है कि HPZ Token Scam यह साबित करता है कि बिना रेगुलेशन और Proper Due Diligence के निवेश करना बेहद खतरनाक है। हाई रिटर्न का वादा हमेशा जोखिम का संकेत होता है। भारत में यूज़र्स को अब ज्यादा जागरूक और टेक्निकल रूप से समझदार होने की जरूरत है।


कन्क्लूजन 


HPZ Token Scam सिर्फ एक बड़ा इन्वेस्टमेंट फ्रॉड केस नहीं है। यह एक विदेशी नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे साइबर क्राइम नेटवर्क का हिस्सा है। CBI ने जांच में मुख्य आरोपियों और उनके ऑपरेशन का खुलासा किया है। आरोपियों ने फर्जी मोबाइल ऐप और निवेश प्लेटफ़ॉर्म बनाकर लोगों को पैसा लगाने के लिए भड़काया। ED ने आरोपियों के बैंक अकाउंट्स में ₹91.6 करोड़ फ्रीज कर दिए हैं। जांच अभी भी जारी है और अधिकारियों का कहना है कि इसमें और विदेशी लोग भी शामिल हैं। यह मामला भारत में क्रिप्टो निवेशकों और नियामकों दोनों के लिए चेतावनी बन गया है।


डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए डेटा CBI और ED की रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। इसमें किसी भी तरह की निवेश सलाह शामिल नहीं है। आप निवेश से पहले अपनी रिसर्च खुद करें और अलर्ट रहें। 

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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यह एक क्रिप्टो धोखाधड़ी थी जिसमें फर्जी ऐप के जरिए लोगों से निवेश के नाम पर पैसा वसूला गया।
लगभग ₹1,000 करोड़ से अधिक की राशि निवेशकों से ठगी गई।
CBI ने 30 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
दो चीनी नागरिक इस स्कैम के मुख्य मास्टरमाइंड थे और नेटवर्क को विदेश से चला रहे थे।
यह ऐप निवेश पर फर्जी Bitcoin Mining रिटर्न का वादा करता था, जबकि असल में कोई माइनिंग नहीं होती थी।