Crypto Use

भारत ने बनाया नया रिकॉर्ड, Crypto Use में ग्लोबल टॉप 10 में हुआ शामिल

नई रिपोर्ट में खुलासा, Crypto Use में भारत दुनिया के टॉप 10 में शामिल


World Crypto Rankings 2025 में भारत ने बड़ी छलांग लगाते हुए ग्लोबल टॉप 10 में जगह बनाई है। Bybit और DL Research की इस रिपोर्ट के अनुसार, देश को ट्रांजैक्शनल उपयोग में नौवां स्थान मिला है। यह उछाल खास तौर पर Stablecoin बेस्ड एक्टिविटीज, डिजिटल पेमेंट और बढ़ती रिटेल पार्टनरशिप की वजह से देखने को मिला है।


भारत में अब लाखों लोग डेली के काम जैसे बचत रखना, विदेश से पैसे भेजना और रोज के छोटे पेमेंट्स डिजिटल टोकन से कर रहे हैं। कुल मिलाकर भारत की रैंक 40 है, लेकिन आम लोगों के बढ़ते Crypto Use की वजह से देश दुनिया की टॉप लिस्ट में मजबूती से जगह बनाए हुए है।


Crypto Use

Source: यह इमेज Bitinning की X पोस्ट से ली गई है जिसके लिंक यहां दी गई है।


भारत की तेज़ प्रोग्रेस और स्टेबलकॉइन की भूमिका


पिछले चार सालों में Stablecoin का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है। पहले लोग इन्हें सिर्फ ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब ये पेमेंट, विदेश में पैसे भेजने, दुकानों पर ट्रांज़ैक्शन और बड़े ट्रांजैक्शन निपटाने तक हर जगह उपयोग हो रहे हैं। जुलाई 2025 में तो इनका ग्लोबल वॉल्यूम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया।


Bybit India के Country Manager Vikas Gupta का कहना है कि नियम अभी पूरी तरह साफ नहीं हैं, फिर भी भारत में Crypto Use लगातार बढ़ रहा है। उनके अनुसार, यह रैंकिंग दिखाती है कि भारत डिजिटल फाइनेंस में कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में इसका ग्लोबल इफ़ेक्ट और भी बढ़ सकता है।


दुनिया के टॉप क्रिप्टो देश


इस रिपोर्ट में सिंगापुर नंबर 1 पर है, क्योंकि वहाँ की साफ पॉलिसीज, लाइसेंसिंग सिस्टम और मजबूत नियम उसे दुनिया का सबसे डेवलप क्रिप्टो हब बनाते हैं। अमेरिका दूसरे स्थान पर है, जहाँ बड़े फाइनेंशियल मार्केट, ज्यादा Crypto Use और मजबूत टेक कल्चर का असर देखने को मिलता है।


छोटे देश भी Crypto Use करने में तेजी से आगे आ रहे हैं। उदाहरण के लिए, लिथुआनिया यूरोप में MiCA नियमों की वजह से तेजी से महत्वपूर्ण बन रहा है। वियतनाम में आम लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर अपनाए जाने से देश ने बेहतरीन परफॉरमेंस किया है।


यूक्रेन और नाइजीरिया भी Crypto Use में टॉप देशों में शामिल हैं, जहाँ इकोनॉमिक कंडीशन कमजोर और महंगाई के चलते लोग डिजिटल पेमेंट और क्रिप्टो को एक जरूरी ऑप्शन की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।


डॉलर स्टेबलकॉइन से लोकल टोकन की ओर बदलाव


रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 को “Stablecoin Adoption 2.0” का साल कहा जा रहा है। कई देश अब अपनी लोकल करेंसी पर बेस्ड डिजिटल टोकन बना रहे हैं, जिससे डोमेस्टिक पेमेंट और ऑनलाइन बिज़नेस तेज़ी से Digital हो रहा है। यह बदलाव खास तौर पर उन देशों में दिख रहा है जहाँ क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन बहुत एक्टिव हैं जैसे यूक्रेन, अमेरिका, नाइजीरिया, वियतनाम, केन्या, पाकिस्तान और भारत।


भारत में Crypto Use क्यों बढ़ रहा है


भारत में लोग Crypto Use ज्यादातर रोज की जरूरतों के लिए कर रहे हैं, जैसे पैसे भेजना, जल्दी भुगतान करना और रुपये के बदलते भाव से बचना।


साथ ही, देश में ब्लॉकचेन डेवलपर्स भी तेजी से बढ़ रहे हैं और नए Digital आइडियाज बना रहे हैं। नियम और टैक्स अभी बदल रहे हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी के नए प्रयोग लगातार हो रहे हैं।


ब्लॉकचेन से सैलरी पाने का नया तरीका


रिपोर्ट के अनुसार, अब क्रिप्टो के जरिए वेतन पाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल की तुलना में 9.6% पेशेवर अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा डिजिटल टोकन में ले रहे हैं, जिसमें ज्यादातर स्टेबलकॉइन शामिल हैं।


यह सिर्फ फ्रीलांस या छोटे काम तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह रेगुलेटेड इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम में भी फैल रहा है। इसका मतलब है कि भविष्य में दुनिया भर में वेतन और भुगतान का तरीका पूरी तरह बदल सकता है, जिससे डिजिटल टोकन और क्रिप्टोकरेंसी का डेली लाइफ में इस्तेमाल और बढ़ेगा।


2026 में क्रिप्टो का भविष्य


आने वाला साल Digital फाइनेंस के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा।


  • यूरोप में MiCA नियम पूरी तरह लागू होंगे, जिससे क्रिप्टो स्ट्रक्चर मजबूत होगा।

  • नाइजीरिया जैसे देश तय करेंगे कि तेजी से बढ़ता स्थानीय क्रिप्टो मार्केट औपचारिक सिस्टम में शामिल होगा या नहीं।

  • लोकल स्टेबलकॉइन का इस्तेमाल बढ़ेगा और रियल एसेट्स के टोकनाइजेशन का ट्रेंड भी आगे बढ़ेगा।

  • रिमोट वर्क और फ्रीलांसिंग में Digital टोकन में सैलरी प्राप्त करेंगे।

  • एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में इन बदलावों का खास असर होगा।

मेरे 7 साल के क्रिप्टो और Digital फाइनेंस अनुभव के अनुसार, भारत में Crypto Use का यह तेज़ उभरता उपयोग डिजिटल इकोनॉमी में नया अवसर पैदा करता है। स्टेबलकॉइन और ब्लॉकचेन सॉल्यूशन्स से रिटेल और पेमेंट सेक्टर में रिवोल्यूशन देखने को मिल रहा है और आने वाले वर्षों में ग्लोबल लेवल पर भारत की पहचान और मजबूत होगी।

कन्क्लूजन

भारत का क्रिप्टो और डिजिटल फाइनेंस क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ता उपयोग भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत पॉजिटिव संकेत है। स्टेबलकॉइन और Blockchain Technology ने पेमेंट, रेमिटेंस और डेली ट्रांज़ैक्शन को सरल और तेज़ बनाया है। बढ़ती डेवलपर कम्युनिटी और Digital इनोवेशन देश को ग्लोबल लेवल पर कॉम्पिटिटर्स बना रहे हैं। आने वाले सालों में यह ट्रेंड भारत की डिजिटल इकोनॉमी को मजबूत करेगा और देश को ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में प्रमुख स्थान दिलाएगा। 

डिस्क्लेमर 


यह न्यूज़ रिपोर्ट केवल जानकारी और शिक्षा के उद्देश्य से है। इसमें दी गई जानकारी फाइनेंशियल सलाह नहीं है। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट्स से सलाह लेना आवश्यक है। डिजिटल टोकन और क्रिप्टो मार्केट में जोखिम हमेशा मौजूद रहता है। राइटर और वेबसाइट किसी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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भारत को ट्रांजैक्शनल उपयोग में 9वां स्थान मिला है।
लोग इसे बचत, पेमेंट और रेमिटेंस जैसी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
2025 को कहा जा रहा है कि यह साल लोकल करेंसी बेस्ड स्टेबलकॉइन अपनाने का है।
डेवलपर्स तेजी से बढ़ रहे हैं और नए डिजिटल सॉल्यूशन्स बना रहे हैं।
9.6% पेशेवर अपनी सैलरी का हिस्सा डिजिटल टोकन में ले रहे हैं।