भारत तेजी से दिखा रहा है कि Aptos Global Trading Engine जैसी हाई-परफॉर्मेंस Blockchain Technology के साथ क्या संभव है। बड़ी कंपनियों और स्टार्टअप्स के सहयोग से देश में Web3 का एक मज़बूत टैलेंट इकोसिस्टम तैयार हो रहा है। Reliance Jio, KGeN, STAN, Santa Browser और MoveClub जैसी टीम्स Aptos नेटवर्क पर असली यूज़र्स के लिए स्केलेबल प्रोडक्ट बना रही हैं। इस बदलाव से भारत में Aptos Ecosystem के डेवलपमेंट की राह और मजबूत हुई है।
Source: यह इमेज Aptos की X पोस्ट से ली गई है जिसकी लिंक यहां दी गई है।
Aptos Global Trading Engine दिखाता है कि भारत क्यों इस नेटवर्क के लिए इतना अहम बन गया है। यहां डेवलपर्स सिर्फ नई टेक्नोलॉजी नहीं बना रहे, बल्कि डेली की असली समस्याओं के सॉल्यूशन पर काम कर रहे हैं। Aptos की ग्रोथ में India की बड़ी भूमिका है, भारत में बड़ी संख्या में टैलेंट और यूज़र्स मौजूद हैं, जो किसी भी प्रोडक्ट को बड़े लेवल पर अपनाने में मदद करते हैं। यही वजह है कि Aptos के कई ज़रूरी और इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स भारत में तैयार हो रहे हैं, जो आगे चलकर ग्लोबल लेवल पर इस्तेमाल किए जाएंगे।
Aptos पर बना KGeN प्लेटफॉर्म Web3 में असली और एक्टिव यूज़र्स साबित करने की चुनौती हल करता है। इसका VeriFi Network प्राइवेसी-प्रीज़र्विंग फ्रेमवर्क है, जो ऑन-चेन एंगेजमेंट और डिजिटल पहचान को वेरिफाई करता है। अब तक 876 मिलियन डेटा पॉइंट्स प्रोसेस किए जा चुके हैं। 38.9 मिलियन रजिस्टर्ड Users और लगभग 8 लाख दैनिक एक्टिव यूज़र्स KGeN को Web3 में सबसे अधिक अपनाया गया प्रोटोकॉल बनाते हैं।
STAN एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो गेम खेलने वालों और क्रिएटर्स को एक साथ जोड़ता है। यहां यूज़र्स खेलते हुए कंटेंट बना सकते हैं और अर्निंग भी कर सकते हैं। लाखों Users और क्रिएटर्स का जुड़ना दिखाता है कि यह प्लेटफॉर्म तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और गेमिंग कम्युनिटी को एक नया डिजिटल अनुभव दे रहा है।
Aptos Global Trading Engine के साथ Santa Browser मोबाइल-फर्स्ट यूज़र्स के लिए इंटरनेट एक्सेस बदल रहा है। इसका "Browse-to-Earn" मॉडल यूज़र्स को रिवॉर्ड देता है। Aptos का सब-सेकंड लेटेंसी और जीरो गैस फीस इसे सरल और फ्री-फ्लोइंग अनुभव बनाता है।
Reliance Jio भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है और अब वह Aptos Global Trading Engine की मदद से ब्लॉकचेन को आम यूज़र्स की डेली की डिजिटल सर्विस से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है। Reliance Jio और Aptos ने मिलकर भारत में Blockchain Rewards लॉन्च किये है। Aptos Network की मदद से Jio ऐसे फीचर्स टेस्ट कर पा रही है, जिनसे यूज़र्स को रिवॉर्ड मिलें और डिजिटल अनुभव बेहतर हो। इसका मकसद टेक्नोलॉजी दिखाना नहीं, बल्कि यह समझना है कि आम लोगों के लिए कौन-सी डिजिटल सुविधाएं सच में उपयोगी और फायदेमंद साबित होती हैं।
Aptos अब केवल प्राइवेट प्रोजेक्ट्स तक सीमित नहीं है, बल्कि पब्लिक सेक्टर में भी उपयोगी साबित हो रहा है। Aptos Global Trading Engine का फोकस गवर्नेंस सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी और भरोसा बढ़ाने पर है।
तेलंगाना Skill Wallet Pilot: Aptos पर 20,000 छात्रों के कोर्स और स्किल सर्टिफिकेट वेरिफाई किए जा रहे हैं, Aptos Global Trading Engine से फर्जी डाक्यूमेंट्स की समस्या कम होती है।
ग्रामीण रोजगार योजनाएं: लगभग 80 मिलियन वर्कर्स के वेज और वर्क रिकॉर्ड ऑन-चेन सुरक्षित किए जा रहे हैं, जिससे पेमेंट समय पर और ट्रांसपेरेंट बनता है।
इन पहलों से एप्टोस डिजिटल गवर्नेंस के लिए एक भरोसेमंद ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में उभर रहा है।
Aptos Foundation ने भारत में डेवलपर्स के लिए $15 मिलियन का निवेश किया है। 20+ बूटकैम्प और 5 हैकाथॉन के जरिए 4,500+ डेवलपर्स और हजारों छात्रों को Move और अन्य एप्टोस प्रोजेक्ट्स पर अनुभव मिला। 1,000+ ओपन-सोर्स कमिट्स नेटवर्क में योगदान देते हैं। IIT Delhi का WinterSchool जैसे प्रोग्राम्स नए आइडियाज़ को असली और काम करने वाले प्रोजेक्ट्स में बदलने में मदद कर रहे हैं।
भारत अब केवल तेजी से बढ़ता हुआ इकोसिस्टम नहीं है, बल्कि यह Aptos Global Trading Engine के लिए एक लेबोरटरी बन चुका है। सही टैलेंट और मजबूत ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर मिलने पर बड़े पैमाने पर डिजिटल बदलाव संभव हैं।
पिछले 7 सालों से Web3 और ब्लॉकचैन इकोसिस्टम को करीब से देखने के बाद मैं कह सकती हूं कि एप्टोस का भारत पर फोकस एक सही स्ट्रेटेजी है। यहां सिर्फ टेक डेमो नहीं, बल्कि असली यूज़र्स, असली स्केल और रियल-वर्ल्ड यूज़ केस बन रहे हैं। यही फर्क किसी नेटवर्क को ट्रेंड से इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलता है।
भारत अब Web3 के लिए सिर्फ एक उभरता हुआ मार्केट नहीं रहा, बल्कि Aptos Global Trading Engine जैसे नेटवर्क्स के लिए एक रियल-वर्ल्ड टेस्टिंग ग्राउंड बन चुका है। यहां टैलेंट, यूज़र बेस और स्केलेबल जरूरतें एक साथ मौजूद हैं। Reliance Jio से लेकर पब्लिक गवर्नेंस तक एप्टोस का उपयोग यह दिखाता है कि सही टेक्नोलॉजी और सही मार्केट मिलने पर Blockchain बड़े पैमाने पर असर डाल सकता है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल पब्लिक रूप से उपलब्ध जानकारी और ऑफिशियल घोषणाओं पर बेस्ड है। इसमें दी गई जानकारी निवेश, कानूनी या फाइनेंशियल सलाह नहीं है। किसी भी Web3 या Blockchain प्रोजेक्ट में जुड़ने से पहले स्वयं रिसर्च करें और जोखिम को समझें।
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