जैसे-जैसे भारत में क्रिप्टो मार्केट और ब्लॉकचेन इनोवेशन तेज़ी से बढ़ रहा है, वैसे-वैसे Central Bank Digital Currency (CBDC) को लेकर भी चर्चाएं गर्म हो गई हैं। हाल ही में Global Fintech Festival में RBI Deputy Governor T. Rabi Shankar ने CBDC India को लेकर अहम बयान दिया, जिससे नेशनल लॉन्च की टाइमलाइन को लेकर नए संकेत मिले हैं।

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Rabi Shankar ने बताया कि CBDC Pilot Project के दौरान 7 मिलियन से अधिक यूज़ केस सामने आए हैं। इनमें सबसे बड़ा यूज़ केस Cross-Border Payments का है। लेकिन समस्या यह है कि बाकी देशों की Digital Currency पर अब तक कोई स्पष्ट नीतियां नहीं आई हैं।
उन्होंने साफ कहा कि “CBDC को नेशनल लेवल पर लॉन्च करने से पहले, दूसरे देशों का डिजिटल करेंसी सिस्टम तैयार होना भी ज़रूरी है।”
यानी तकनीकी रूप से भारत तैयार है, लेकिन इंटरनेशनल कोऑर्डिनेशन की कमी इसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा है।
RBI का कहना है कि वह CBDC लॉन्च को लेकर किसी जल्दबाज़ी में नहीं है। पहले अन्य देशों के रुख पर नज़र रखी जाएगी और फिर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।
लेकिन Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, देरी की एक वजह Systemic Risk को लेकर सरकार की चिंता भी है।
RBI के अलावा भारत सरकार के बड़े मंत्रिओं ने भी इसे लेकर कुछ बड़े बयान दी हैं, जिनसे कुछ भ्रम की स्थिति पैदा हुई है।
RBI के बयान सरकार के हालिया बयानों से थोड़ा अलग नज़र आते हैं।
यह नीतिगत-स्तर पर असंगति ही CBDC लॉन्च को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। निवेशकों और बिज़नेस को स्पष्ट रोडमैप की ज़रूरत है।
CBDC भले ही थोड़ा पीछे हो, लेकिन भारत में ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी अपनाने की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। फाइनेंस से लेकर सप्लाई चेन तक, हर सेक्टर में डिजिटल लेनदेन का दायरा बढ़ रहा है। ऐसे में भारत को इंतज़ार करने के बजाय एक स्पष्ट और व्यापक Crypto Regulatory Framework तैयार करना चाहिए।
इससे न केवल CBDC को गति मिलेगी बल्कि भारत इनोवेशन की रेस में पीछे भी नहीं रहेगा।
मैं पिछले 6 वर्षों से Finance और Crypto क्षेत्र को कवर कर रहा हूँ। इस दौरान मैंने देखा है कि कैसे ब्लॉकचेन और डिजिटल करेंसी ने ट्रेडिशनल फाइनेंशियल सिस्टम को चुनौती दी है। भारत के पास इस क्षेत्र में Global Leader बनने का अवसर है लेकिन इसके लिए नीति और क्रियान्वयन में एकरूपता ज़रूरी है।
RBI भले ही CBDC लॉन्च में सावधानी बरत रहा हो, लेकिन Stablecoins का बढ़ता उपयोग और Global Digital Currency Adoption भारत पर तेज़ी से कदम उठाने का दबाव बना रहा है। Cross-Border Payments के अलावा CBDC के कई संभावित उपयोग हैं लेकिन Regulatory Framework की अनुपस्थिति इनोवेशन की रफ्तार को धीमा कर रही है।
अगर भारत में जल्द कदम नहीं उठाए तो भविष्य में इसके नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।
Disclaimer: क्रिप्टो मार्केट अत्यधिक वोलाटाइल है। किसी भी निवेश से पहले अपनी स्वयं की रिसर्च करें। यह लेख निवेश सलाह नहीं है।
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