Memecoin ऐसी क्रिप्टोकरेंसी होती हैं जो इंटरनेट मीम्स और जोक्स से प्रेरित होती हैं यानी जिनका पूरा कॉन्सेप्ट फन और वायरल कल्चर पर बेस्ड होता है। इनका नाम भी Meme से ही लिया गया है। जब ये मार्केट में आती हैं तो इनकी लोकप्रियता बहुत तेज़ी से बढ़ती है क्योंकि ये सोशल मीडिया और कम्युनिटी हाइप पर चलती हैं।
जैसे Dogecoin जिसका लोगो एक Shiba Inu डॉग की तस्वीर पर बेस्ड है और उसके आस-पास Wow Much Coin या How Money So Crypto जैसे मज़ेदार लाइन्स लिखीं होती हैं। यह ब्रांडिंग इन्हें मज़ेदार और यादगार बनाती है।
Memecoins की शुरुआत 2013 में हुई, जब दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर Billy Markus और Jackson Palmer ने मज़ाक-मज़ाक में Dogecoin बनाया। इसका मकसद Bitcoin जैसी सीरियस क्रिप्टोकरेंसीज का हल्का-फुल्का पैरोडी वर्ज़न बनाना था। इसे Fun and Friendly Internet Currency के रूप में प्रमोट किया गया।

Source- यह इमेज Dogecoin की ऑफिशियल वेबसाइट से ली गई है।
लॉन्च के कुछ ही दिनों में Dogecoin ने धमाका कर दिया, दिसंबर 2013 में अपनी लॉन्चिंग के बाद 15 दिनों के अन्दर इसने 300% से ज्यादा की बढ़त दर्ज की। उस समय Bitcoin और बाकी क्रिप्टो चीन के बैन की वजह से गिरावट झेल रहे थे फिर भी Dogecoin की कम्युनिटी में बढ़त देखने को मिली। इसी दौरान Shiba Inu, PEPE, FLOKI जैसे कई नए Memecoins सामने आए, जिन्होंने इस ट्रेंड को और आगे बढ़ाया।
आज के समय में मीमकॉइन्स सिर्फ मज़ाक नहीं बल्कि एक पूरा कम्युनिटी ड्रिवन क्रिप्टो कल्चर बन चुके हैं। Pump.fun और Four.meme जैसे Crypto Launchpad के आने के बाद तो जैसे इनकी बाढ़ ही आ गयी, आज लाखों की संख्या में Memecoins बन चुके हैं। हालांकि कुछ ही हैं जिनको क्रिप्टो कम्युनिटी का बड़ा सपोर्ट मिला है।
Bitcoin और Ethereum जैसी क्रिप्टोकरेंसी जहाँ रियल प्रोब्लम्स को सोल्व करने के लिए बनाई गई हैं, वहीं मीमकॉइन्स का जन्म मज़ाक और इंटरनेट कल्चर से हुआ है। यही वजह है कि इनका ट्रेंड और काम करने का तरीका बाकी Cryptocurrency से बिल्कुल अलग है।
Bitcoin भरोसे और टेक्नोलॉजी पर बना है, जबकि यह हाइप और कम्युनिटी सपोर्ट पर चलते हैं। यही उनकी सबसे बड़ी ताकत और सबसे बड़ा रिस्क दोनों है।
कुछ ऐसे मीमकॉइन्स हैं जिन्होंने अपनी कम्युनिटी और यूनिक पहचान से क्रिप्टो मार्केट में मजबूत जगह बनाई है जो इस प्रकार हैं
इसी तरह से अन्य लोकप्रिय मीमकॉइन्स जैसे कि Bonk Coin, Fartcoin, Neiro Coin और Dogs Coin हैं ये सभी अपनी-अपनी कम्युनिटी और सोशल मीडिया हाइप की वजह से लोकप्रिय हैं। ये ट्रेंड दिखाता है कि क्रिप्टो सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि कम्युनिटी और कल्चर का भी गेम है।
कुछ मीमकॉइन्स जैसे Dogecoin ने मेनस्ट्रीम वैल्यू हासिल की है लेकिन ज़्यादातर ऐसे कॉइन्स किसी रियल यूज के लिए नहीं बनाए जाते हैं। यही वजह है कि लॉन्ग टर्म तक रिटर्न चाहने वाले इन्वेस्टर्स के लिए ये सेफ विकल्प नहीं माने जाते हैं।
कई बार मीमकॉइन्स को Scam Coins भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें बनाने का मकसद अक्सर केवल उनके क्रिएटर्स को फायदा पहुँचाना होता है। शुरुआत में ये कॉइन्स तेजी से बढ़ते हैं लेकिन जब प्राइस बढ़ जाता है तो कुछ लोग अपने कॉइन्स बेचकर मार्केट से बाहर निकल जाते हैं और आम निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
अगर आप किसी मीमकॉइन में निवेश करना चाहते हैं तो पहले अच्छी रिसर्च करना बहुत ज़रूरी है। जिसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जो इस प्रकार हैं
मीम कॉइन्स में निवेश मज़ेदार जरूर है लेकिन समझदारी और सावधानी के बिना यह जोखिम भरा कदम भी हो सकता है।
Disclaimer- यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट काफ़ी वोलेटाइल है इसलिए निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें।
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