ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी अब केवल स्टार्टअप्स और क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स तक सीमित नहीं रही है। अब दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियां भी इस सेक्टर में उतर रही हैं। हाल ही में Google Cloud ने घोषणा की है कि वह अपना खुद का Layer 1 Blockchain, GCUL (Google Cloud Universal Ledger) लॉन्च कर रहा है। यह ब्लॉकचेन खासतौर पर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स और एंटरप्राइजेज़ के लिए डिज़ाइन किया गया है
Google का यह कदम न केवल ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेस में बड़ा बदलाव ला सकता है बल्कि यह भी दिखाता है कि इंस्टीट्यूशनल लेवल पर ब्लॉकचेन एडॉप्शन का फ्यूचर अब और करीब है।

Source – यह इमेज Wu Blockchain की X Postसे ली गई है।
GCUL यानी Google Cloud Universal Ledger, Google Cloud की नयी Layer 1 Blockchain है जिसे खासतौर पर इंस्टीट्यूशनल यूज़ के लिए डिज़ाइन किया गया है। फिलहाल यह प्राइवेट टेस्टनेट फेज़ में है और इसका पहला पायलट प्रोजेक्ट CME Group (Chicago Mercantile Exchange) के साथ चल रहा है। इस पायलट का मुख्य फोकस टोकनाइजेशन और व्होलसेल पेमेंट्स पर है, जो फाइनेंस इंडस्ट्री में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। GCUL का उद्देश्य ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स को फ़ास्ट, ट्रांसपेरेंट और 24/7 कैपिटल मार्केट की सुविधा उपलब्ध कराना है, ताकि रियल-टाइम फाइनेंस और ब्लॉकचेन-बेस्ड सेटलमेंट को नई दिशा दी जा सके।
Google Cloud ने GCUL को कई खास फीचर्स के साथ पेश किया है, जो इसे अन्य ब्लॉकचेन नेटवर्क्स से अलग बनाते हैं:
Google Cloud का GCUL सिर्फ ग्लोबल फाइनेंस को ही नहीं बल्कि भारतीय यूजर्स और संस्थानों को भी कई फायदे दे सकता है:
मैंने पिछले कई सालों से ब्लॉकचेन सेक्टर को करीब से फॉलो किया है और खासकर Layer 1 प्रोजेक्ट्स पर रिसर्च की है। मेरा अनुभव बताता है कि जब भी कोई बड़ी टेक कंपनी सीधे Layer 1 Blockchain लॉन्च करती है, तो यह मार्केट में बड़ा बदलाव लाती है।
Ethereum ने DeFi और NFTs का दरवाज़ा खोला, Solana ने स्पीड और स्केलेबिलिटी में अपनी पहचान बनाई और अब Google Cloud का GCUL, एंटरप्राइज और इंस्टीट्यूशनल स्पेस पर फोकस कर रहा है। मैं अपने 3 सालों के Blockchain को कवर करने के अनुभव से कह सकता हूँ कि GCUL का Python-बेस्ड स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स फीचर भारत जैसे देशों के डेवलपर्स के लिए गेम-चेंजर होगा, क्योंकि यहां लाखों इंजीनियर्स पहले से Python जानते हैं।
अपने 13 सालों के राइटिंग के अनुभव से मैं यह कह सकता हूँ कि Google का GCUL लॉन्च होना ब्लॉकचेन इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक मोमेंट है। यह पहली बार है कि कोई टेक जायंट सीधे Layer 1 ब्लॉकचेन को टारगेट कर रहा है और उसे इंस्टिट्यूशनल-फ्रेंडली बना रहा है।
भारत जैसे देशों में, जहां Web3 की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, GCUL स्टार्टअप्स और डेवलपर्स को ग्लोबल प्लेटफॉर्म से जोड़ सकता है। हालांकि सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि Google इसे कितना ओपन और इंटरऑपरेबल रखता है और रेगुलेटर्स इसे किस तरह अपनाते हैं।
Google Cloud Universal Ledger (GCUL) न केवल एक नयी Layer 1 Blockchain है, बल्कि यह फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के लिए खासतौर पर तैयार किया गया नेक्स्ट-जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर है। Python सपोर्ट, ट्रस्ट-न्यूट्रल स्ट्रक्चर और Google की क्लाउड पावर इसे बाकी Blockchain से अलग बनाती है।
भारतीय यूजर्स और डेवलपर्स के लिए यह नए अवसर खोलेगा, खासकर ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स और Web3 इनोवेशन में। अगर Google इस विज़न को सफलतापूर्वक पूरा करता है, तो GCUL आने वाले वर्षों में ब्लॉकचेन सेक्टर का सबसे बड़ा इंस्टीट्यूशनल प्लेटफॉर्म बन सकता है।
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